CG Update : खादी नहीं, चलन में आया कोसा और कॉटन सिल्क का कुर्ता! रंग में सफेद और भगवा पहले

CG Update : खादी नहीं, चलन में आया कोसा और कॉटन सिल्क का कुर्ता! रंग में सफेद और भगवा पहले

Chhattisgarh Talk / भाटापारा : खादी नहीं, अब चलन में है कोसा सिल्क और कॉटन सिल्क । और हां, भगवा कलर इन दोनों में खूब मांगे जा रहे हैं। कीमत इतनी कम है कि आसानी से खरीदी जा सकती है।

माहौल है चुनाव का इसलिए कपड़ा बाजार का पूरा ध्यान ऐसे कपड़ों और रंग पर है, जिसे प्रमुख पार्टियों का प्रतिसाद मिलता है। इसलिए कपड़ों में कोसा सिल्क और कॉटन सिल्क में खूब खरीदी निकली हुई है। अब आएं, उस खादी पर जिसकी पहचान ही राजनीतिक क्षेत्र की वजह से होती है। पहली बार परिवर्तन यह आया है कि इसमें डिमांड महज 5 फ़ीसदी रह गई है।

खूब, कॉटन और कोसा

दीपावली नहीं, मांग है चुनावी सीजन की। प्रमुख राजनीतिक दलों ने ना केवल परंपरागत पहनावा बदल डाला है बल्कि कपड़ों की क्वालिटी भी बदल दी है। कभी शिखर पर रहती थी खादी। परिवर्तन की बयार ने, इसे बाहर करते हुए कोसा सिल्क और कॉटन सिल्क की जगह मजबूत कर दी है। इसलिए बड़े नेताओं की तर्ज पर कार्यकर्ता भी इन्हीं कपड़ों की खरीदी करने लगे हैं। कीमत, प्रति मीटर 150 से 500 रुपए।

खादी महज पांच फ़ीसदी

राजनीतिक क्षेत्र ने पहचान दी थी खादी को। यही क्षेत्र इसकी जैसी उपेक्षा कर रहा है, उसके बाद कपड़ा में खादी की हिस्सेदारी महज पांच फ़ीसदी रह जाने की जानकारी दे रहा है कपड़ा बाजार। पसंद से बाहर जाने के बाद खादी, अब चलन से भी बाहर होने की कगार पर पहुंच चुका है। प्रति मीटर 50 से 120 रुपए जैसी कीमत होने के बावजूद खरीदी को लेकर रुझान नहीं है।

रंग में यह आगे

सफेद और भगवा या फिर गहरा पीला। यह तीन रंग ऐसे हैं, जिन्हें राजनीतिक क्षेत्र पहली प्राथमिकता दे रहा है। वेशभूषा की बात करें, तो जैकेट और लंबा कुर्ता ही बनवाया जा रहा है। आंशिक परिवर्तन यह है कि कुर्ता के साथ पायजामा की जगह पेंट का चलन बढ़ता नजर आ रहा है। कपड़ा बाजार इस परिवर्तन को सुखद बता रहा है।