बलौदाबाजार जिले के कसडोल जनपद पंचायत के अध्यक्ष सिद्धांत मिश्रा के चेम्बर में पैसे के लेन-देन से जुड़ा वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कथित तौर पर कुछ लोगों के बीच पैसे का आदान-प्रदान होता हुआ दिखाया जा रहा है, जिससे यह आरोप लगाया जा रहा है कि यह लेन-देन किसी प्रकार के कमीशन या रिश्वत से संबंधित है।
बलौदाबाजार/कसडोल: बलौदाबाजार जिले के कसडोल जनपद पंचायत के अध्यक्ष सिद्धांत मिश्रा पर 15वें वित्त आयोग की राशि में अनियमितता और पैसे की उगाही का गंभीर आरोप लगा है। ग्राम पंचायत सिनोधा की सरपंच श्रीमती सपना मांझी ने आरोप लगाया है कि सिद्धांत मिश्रा ने उन्हें 15वें वित्त आयोग के तहत विकास कार्यों के बदले बड़ी रकम लेने का दबाव डाला, लेकिन जब कार्य नहीं हुआ और सरपंच ने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो जनपद अध्यक्ष ने पैसे लौटाने से इंकार कर दिया और उल्टा जांच समिति का गठन कर दिया।
शिकायत में लगाए गए गंभीर आरोप
शिकायत करने वाली व्यक्ति, ग्राम पंचायत सिनोधा की सरपंच सपना मांझी ने कहा कि उन्होंने जनपद पंचायत अध्यक्ष सिद्धांत मिश्रा से 15वें वित्त आयोग की राशि से संबंधित कार्यों के लिए राशि मांगी थी, लेकिन इसके बदले उन्हें पैसे दिए गए। जब उन्होंने इन पैसों के बदले विकास कार्यों के बारे में पूछा, तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला और जब उन्होंने पैसे वापस करने की कोशिश की, तो उन्हें धमकाया गया।
सपना मांझी के अनुसार, “जब मैंने पैसा वापस मांगा, तो सिद्धांत मिश्रा ने मुझे धमकाते हुए कहा कि कहीं भी शिकायत कर लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं पैसे वापस नहीं करूंगा।”
जनपद अध्यक्ष सिद्धांत मिश्रा ने कहा
इस मामले के बाद, जनपद पंचायत कसडोल के अध्यक्ष सिद्धांत मिश्रा ने बलौदाबाजार स्थित सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता आयोजित की। उन्होंने वायरल हुए वीडियो को लेकर अपनी सफाई दी।
सिद्धांत मिश्रा ने कहा, “यह वीडियो मेरे चेम्बर का है और मैं इसका इंकार नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह वीडियो अधूरी है और उसमें मैं कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा हूं। वीडियो में जो उधारी का पैसा गिनता हुआ दिखाया गया है, वह सरपंच भरत दास मानिकपुरी द्वारा गिना जा रहा है, और न तो यह किसी का कमीशन है, न ही रिश्वत। यह वीडियो मुझे बदनाम करने के लिए एक राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा है। मैंने आज तक किसी भी सरपंच या क्षेत्रीय जनता से पैसा नहीं लिया।”
उन्होंने आगे कहा, “यह वीडियो मेरे खिलाफ एक राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा है, जो मुझे बदनाम करने के लिए फैलाया गया है। मैंने आज तक किसी भी सरपंच या क्षेत्र की जनता से कभी भी पैसा नहीं लिया। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।”
सिद्धांत मिश्रा ने इस मामले में अपनी बेगुनाही को साबित करते हुए कहा कि यह एक साजिश के तहत उनकी छवि को धूमिल करने के लिए वायरल किया गया है।
जिला पंचायत सीईओ ने जांच कमेटी का गठन किया
इस गंभीर आरोप के बाद, जिला पंचायत बलौदाबाजार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तीन सदस्यीय एक जांच समिति का गठन किया है। जांच समिति में श्री गणेशु प्रसाद धिरेसते (लेखाधिकारी, जिला पंचायत), श्री कामता प्रसाद ध्रुव (जिला अंकेक्षक, उप संचालक पंचायत) और श्री कमल किशोर (जिला समन्वयक, सोशल एड) को शामिल किया गया है। समिति को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे 15वें वित्त आयोग की राशि में अनियमितता और पैसे की उगाही के आरोपों की जांच करें और एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करें।
जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल ने कहा, “मामले की गंभीरता को देखते हुए, हमने तुरंत एक जांच समिति का गठन किया है। यह समिति 15वें वित्त आयोग की राशि में अनियमितता और पैसे की उगाही के आरोपों की पूरी निष्पक्षता से जांच करेगी। हम एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं और इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।”
वीडियो देखने के लिए – यहां क्लिक करे
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद, अब देखना यह है कि जांच समिति अपनी रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष पर पहुंचती है और क्या सिद्धांत मिश्रा पर कोई कानूनी कार्रवाई होती है। फिलहाल, मामला जिला पंचायत बलौदाबाजार के जांच के दायरे में है और एक सप्ताह के भीतर इस पर अंतिम फैसला आ सकता है। अभी तक यह मामला सुलझ नहीं पाया है और जिला प्रशासन ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, वायरल वीडियो के मामले में सच्चाई का खुलासा होने के बाद ही पूरे मामले का पटाक्षेप होगा।
अपर कलेक्टर की सरकारी गाड़ी की टक्कर से सेनेटरी इंस्पेक्टर घायल, नशे में धुत्त था चालक