अंबुजा सीमेंट संयंत्र में शराब के नशे में मजदूरों के बीच मारपीट की घटना के बाद सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल उठे हैं। जानिए घटना की पूरी जानकारी, पहले हुई हिंसक घटनाएं, और सुरक्षा की स्थिति पर ग्रामवासियों और अधिकारियों के विचार।
बालगोविंद मार्कण्डेय, बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ प्रदेश में बलौदाबाजार जिले के रवान स्थित अंबुजा सीमेंट संयंत्र के विस्तार परियोजना में काम कर रहे मजदूरों के बीच रविवार रात लगभग 9:30 से 10:00 बजे के आसपास मजदूर कॉलोनी में शराब के नशे में लाठी, डंडे और राड से मारपीट की एक भयावह घटना सामने आई है। इस घटना के कारण मजदूरों के बीच दहशत का माहौल बन गया है और संयंत्र में काम करने वाले मजदूर अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। मजदूरों का कहना है कि नशे के कारण हिंसा और विवाद की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिसके कारण उन्हें काम पर जाने में डर महसूस हो रहा है।
अंबुजा सीमेंट संयंत्र में राड और डंडे से हमला, दो मजदूर गंभीर रूप से घायल
मिली जानकारी के अनुसार, स्नेहा कंस्ट्रक्शन के मजदूर शराब के नशे में धूत होकर एमएसए इंजीनियरिंग के मजदूरों के बैरक में घुस गए और उनके साथ मारपीट करने लगे। प्रारंभ में मजदूरों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन शराब के नशे में कुछ मजदूरों ने राड और डंडों से प्राणघातक हमले शुरू कर दिए। इससे पहले कि सुरक्षा कर्मी घटनास्थल पर पहुंच पाते, एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल मजदूर रंजीत शर्मा (36 वर्ष), जो उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का निवासी है, को सिर में 14 टाके आए हैं, जबकि श्री कुमार सिंह (24 वर्ष) को सिर में 5 टाके आए हैं। दोनों को तत्काल अस्पताल भेजा गया।
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अंबुजा सीमेंट संयंत्र में शराब विवाद से बढ़ी मारपीट, पहले भी हुई थी ऐसी घटनाएं
यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी अंबुजा अदानी सीमेंट संयंत्र में रविवार को स्नेहा कंस्ट्रक्शन और केरली कंस्ट्रक्शन के मजदूरों के बीच शराब पीने को लेकर विवाद हुआ था। उस समय भी मारपीट इतनी बढ़ गई थी कि दोनों समूहों के बीच राड और डंडे तक निकल आए थे। विवाद बढ़ने पर सुरक्षा कर्मियों ने अधिकारियों को सूचित किया और मजदूरों को समझाया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
नशे में धुत मजदूरों के बीच लड़ाई-झगड़े, अंबुजा सीमेंट कॉलोनी में बढ़ी सुरक्षा चिंता
अंबुजा अदानी सीमेंट संयंत्र के मजदूर कॉलोनी में शराब और नशे की समस्या गंभीर होती जा रही है। कॉलोनी परिसर में जगह-जगह शराब की खाली बोतलें पड़ी मिलती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि कॉलोनी में खुलेआम नशे का सेवन किया जा रहा है। रविवार के दिन भी मजदूरों को शराब के नशे में घूमते हुए देखा गया। यह स्थिति मजदूरों के बीच लड़ाई-झगड़े और हिंसा को बढ़ावा दे रही है। इसके कारण कॉलोनी में रहने वाले अन्य मजदूरों में भी दहशत का माहौल बन गया है।
Exclusive ग्राउंड रिपोर्ट देखिए: मौके पर संवाददाता अरुण पुरेना
संयंत्र में लगभग 4,000 बाहरी राज्य से आए हुए मजदूर काम कर रहे हैं, और इन मजदूरों के लिए लेबर कॉलोनी का निर्माण किया गया है। यहां पर नशे की हालत में अक्सर लड़ाई-झगड़े होते हैं, जो कभी-कभी गैंगवार की शक्ल भी ले लेते हैं। इन घटनाओं के कारण कई मजदूरों को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन संयंत्र के सुरक्षा इंतजामों में कोई खास सुधार नहीं हुआ है।
सुरक्षा इंतजामों पर सवाल
मजदूर कॉलोनी के बाहर पहले भी चाकूबाजी की एक घटना हो चुकी है, जिसमें एक मजदूर को चाकू से हमला कर घायल कर दिया गया था। हालांकि, आज तक उस हमलावर का कोई सुराग नहीं मिल सका है। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संयंत्र अपने मजदूरों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रहा है, जबकि संयंत्र सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करता है।
ग्रामवासियों का कहना है कि संयंत्र में काम कर रहे लगभग 4,000 मजदूरों की जानकारी न तो ग्राम पंचायत में है और न ही थाने में। ऐसे में यदि कोई अप्रिय घटना घटती है, तो प्रशासन को उसे जांचने में काफी कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा, 26 दिसंबर 2024 को पर्यावरण और जलवायु संबंधित जनसुनवाई का आयोजन होना था, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लगातार हो रही घटनाओं के कारण इस जनसुनवाई को स्थगित किया जा सकता है।
अंबुजा सीमेंट संयंत्र: प्रबंधन की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, स्नेहा कंस्ट्रक्शन के हेड अमित कुमार ने कहा कि मजदूरों को मुआवजा दिया गया है और उन्हें समझाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएगी।
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वहीं, प्रोजेक्ट के एचआरएम हेड ज्योत्सना पांडे ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
प्रोजेक्ट के सुरक्षा प्रमुख जयंत कुमार जीना ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी और सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
ग्राम रवान के सरपंच विजय वर्मा ने कहा कि यदि यह घटना रवान या आसपास के क्षेत्र में घटित होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
मजदूर कॉलोनी में बढ़ती शराब की खपत और हिंसक घटनाओं ने न केवल मजदूरों के बीच बल्कि स्थानीय ग्रामीणों में भी चिंता और दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। संयंत्र द्वारा सुरक्षा उपायों की कमी के कारण मजदूरों के बीच विवाद और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे मजदूरों की सुरक्षा और संयंत्र की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि स्थिति को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह घटनाएं और भी गंभीर रूप ले सकती हैं, जो न केवल मजदूरों की सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि संयंत्र की छवि पर भी विपरीत असर डाल सकती है।
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