छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री के गृह जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद, हाई डोज़ देकर मौत की दुकान चला रहे झोलाछाप डॉक्टर, कब होगा मौत की दुकान बंद?

छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री के गृह जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद, हाई डोज़ देकर मौत की दुकान चला रहे झोलाछाप डॉक्टर, कब होगा मौत की दुकान बंद?
छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री के गृह जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद, हाई डोज़ देकर मौत की दुकान चला रहे झोलाछाप डॉक्टर, कब होगा मौत की दुकान बंद?

छत्तीसगढ़ में कैबिनेट मंत्री के गृह जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद, हाई डोज़ देकर मौत की दुकान चला रहे झोलाछाप डॉक्टर, कब होगा मौत की दुकान बंद?

राघवेंद्र सिंह/ बलौदाबाजार: ना डिग्री डिप्लोमा न ही इलाज करने का रजिस्ट्रेशन फिर भी जिले में एक हजार से अधिक दुकानें ऐसी संचालित है जिन पर झोलाछाप डॉक्टर आमजन का इलाज कर रहे हैं। गंभीर बात ये है की इनके द्वारा सामान्य सर्दी खांसी व बुखार में भी हाई डोज़ की दवा दिया जा रहा है जों धीरे धीरे लोगों कों मौत के मुँह तक पंहुचाने का काम क़र रहा है। जिले में छोला छाप डॉक्टर की बाढ़ सी आ गई है जिसके चलते जगह-जगह एक ही दुकान में अपना पूरा निजी अस्पताल खोलकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी क्लीनिक चला रहे हैं। कोई मेडिकल की आड़ में इलाज क़र रहा तो कोई स्पष्ट बोर्ड लगाकर खुद कों डॉक्टर व जनरल प्रेक्टिसनर बता उपचार क़र रहा। हद तो तब हो गयी की कुछ लोग डाक्टरी इलाज के साथ साथ तांत्रिक इलाज भी क़र रहे है। वही कोई अवैध पैथो लैब दुकान खोलकर जाँच के नाम पर ऊँची रकम वसूल रहा है तो कही-कही पर चीर फाड़ क़र ऑपरेशन की भी सुविधा दे रहे है।बिना योग्यता वाले यह डॉक्टर मरीज को अपनी बातों के जाल में फंसा कर गंभीर बीमारियों का इलाज कर बीमारी से छुटकारा दिलाने की बात करते हैं। इनमें से कुछ डॉक्टरों तो 12वी पास भी नहीं है फिर भी वह सभी तरह की बीमारी का इलाज कर रोग से शत प्रतिशत निजात दिलाने का दावा करते नहीं थकते। इतनी संवेदनशील स्थिति के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आँख के अँधे बने बैठे है।

कार्यवाही नाम पर प्रशासन के फूल रहे हाथ पांव

झोलछाप डाक्टरों के सम्बन्ध में लगातार खबर प्रकाशन हो रहा है साथ ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बलौदाबाजार जिले के प्रभारी मंत्री भी है तथा मीडियाकर्मी द्वारा उनके संज्ञान में भी अवैध पैथोलॉजी लैब व झोलाछाप डाक्टरों की शिकायत की गयी है। उसके बावजूद भी जिला प्रशासन व जिम्मेदार अधिकारीयों की कार्यवाही के नाम पर हाथ पांव फूल रहे है। फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा जिले में चिकित्सा संबधि अनिवार्य योग्यताओं व नियम कायदों को ताक पर रखकर उल्टा सीधा इलाज क़र गरीबो की जिंदगी कों मौत का दावत दे रहे है फिर भी स्वास्थ्य विभाग और जिम्मेदार अधिकारी द्वारा अब तक कार्रवाई नहीं किया जाना कई संदेश पैदा कर रहा है। शहर की गलियों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार बढ़ती ही जा रही है।

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आलम यह है कि शहर सहित गाँवो में भी आधा-आधा दर्जन क्लिनिक संचालित होते दिखाई दे रहे हैं। जहाँ पर बिना किसी योग्य डिग्री के हर छोटे और बड़े मर्ज के इलाज उनके द्वारा किया जा रहा है। बिना किसी परिक्षण के मरीजों का इलाज करने वाले यह फर्जी डॉक्टर इलाज के दौरान मरीज की हालत बिगड़ने पर हाथ खड़े कर देते हैं। किसी के नुकसान की इनको कोई परवाह नहीं है। इन झोलाछाप डॉक्टरों का लक्ष्य सिर्फ नोट बटोरना होता है। आए दिन गरीब तबके के लोग इन डॉक्टरों से आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे।

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झोलाछाप डाक्टरों का अपना संगठन, अधिकारीयों कों देते है बड़ा कमीशन

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार क्षेत्र के झोलाछाप डाक्टरों का अपना संगठन है। जिनका प्रत्येक महीने बैठक भी आयोजित होती है। उनके द्वारा बड़े पैमाने पर उच्च अधिकारियों कों कमीशन,नजराना, गिफ्ट इत्यादि पंहुचाई जाती है और यही एकमात्र वज़ह है कि स्वास्थ्य विभाग उन पर मेहरबान बना हुआ है तथा लगातार झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायत व खबर प्रकाशन के बावजूद किसी प्रकार की कोई कार्रवाही देखने कों नहीं मिल रही है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग तथा जिम्मेदार अधिकारियों की इसी कमीशनखोरी व लापरवाही के कारण झोलाछाप डॉक्टरों के हौसले बुलंद है। और वें सभी बेफिक्र होकर अपना अवैध कारोबार धड़ल्ले से संचालित क़र रहे है। कहीं ना कहीं उनके ऊपर कारवाई ना करना कई सवालों को जन्म देता है कि आखिर क्या कारण है कि चिकित्सा विभाग इन फर्जी डॉक्टरों पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं?

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सीएमएचओ ने कार्यवाही हेतु एसडीएम कों लिखा है पत्र

छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व बलौदाबाजार जिले के प्रभारी मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के समक्ष झोलाछाप डाक्टरों एवं अवैध क्लिनिकों पर कब होंगी कार्यवाही जैसे तीखे सवाल मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे जाने एवं उक्त सम्बन्ध में लगातार खबर चलाने का असर ये हुआ कि न चाहते हुए भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा अवैध रूप से संचालित क्लिनिक,पैथोलैब व अस्पतालों पर कार्यवाही करने हेतु समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कों निर्देश दिया है। चुकि उक्त आदेश कों जारी हुए 20 दिन बीत गया लेकिन जिले के किसी भी अनुविभागीय अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाही नहीं किया जा रहा है। स्थिति ऐसी बन गयी है की झोलाछाप के ऊपर कार्रवाही न हो पाना क्षेत्रवासी व आमलोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर ऐसी क्या सांठगांठ है जिसके कारण झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाही नहीं हो पा रही है। पुरे मामले में स्वास्थ्य विभाग व प्रसाशन कि किरकिरी भी होने लगी है।

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क्या कहते है जिम्मेदार?

कार्यवाही के संबंध में अनुविभागीय अधिकारीयों से मोबाइल से संपर्क किया गया जिसमें सिमगा एसडीएम का नंबर बंद आया। बाकि अनुभाग के अधिकारीयों ने निम्न बातें कही…..

नीरिक्षण के लिए दिया हूँ रिपोर्ट आने पर कार्यवाही करूँगा। -अमित गुप्ता, एसडीएम बलौदाबाजार

एक दवाखाना के ऊपर कार्यवाही किये है आगे भी कार्यवाही करेंगे। -सीमा ठाकुर, एसडीएम पलारी

बीएमओ कों कार्यवाही के लिए बोला था। उसे पुनः निर्देशित करता हूँ कि तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के साथ टीम बनाकर कार्रवाही करें। -भूपेंद्र अग्रवाल, एसडीएम कसडोल

आप खण्ड चिकित्सा अधिकारी से बात क़र लीजिये। -नितीन तिवारी, एसडीएम भाटापारा

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