भूपेश बघेल ईडी रेड: छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस में टकराव, “ईडी से डराना बंद करो” के लगे नारे!

भूपेश बघेल ईडी रेड: छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस में टकराव, "ईडी से डराना बंद करो" के लगे नारे! (Chhattisgarh Talk)
भूपेश बघेल ईडी रेड: छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा-कांग्रेस में टकराव, "ईडी से डराना बंद करो" के लगे नारे! (Chhattisgarh Talk)

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के घर ईडी की रेड के बाद विधानसभा में जबरदस्त हंगामा। कांग्रेस ने कहा – “ईडी से डराना बंद करो”, भाजपा ने किया पलटवार। जानें पूरी खबर।

मनोज शुक्ला, रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद जहां विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ, वहीं कांग्रेस ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।

ईडी ने यह छापेमारी शराब घोटाले से जुड़े मामले में की, जिसमें करीब ₹2,161 करोड़ के वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है। छापेमारी की खबर मिलते ही कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया और भाजपा सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

कांग्रेस का आरोप – “ईडी को विपक्ष की आवाज दबाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा”

जैसे ही विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ, कांग्रेस विधायकों ने भूपेश बघेल के घर पर ईडी की रेड का मुद्दा उठाया। उन्होंने “ईडी से डराना बंद करो”, “तानाशाही नहीं चलेगी” जैसे नारे लगाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

कांग्रेस विधायकों का आरोप:

  • जब भी कांग्रेस के विधायक जनता की समस्याओं को लेकर सरकार से सवाल पूछते हैं, उनके घर ईडी की रेड पड़ जाती है।
  • भाजपा सरकार जांच एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को डराने की कोशिश कर रही है।
  • ईडी की कार्रवाई भूपेश बघेल और कांग्रेस की छवि खराब करने की साजिश है।

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हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कांग्रेस विधायकों को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन वे वेल में पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे।

विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस विधायकों का निलंबन

बढ़ते हंगामे के कारण रमन सिंह ने कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित करने का आदेश दिया और उन्हें बाहर जाने को कहा। लेकिन कांग्रेस विधायक पीछे हटने को तैयार नहीं थे और सदन में ही “तानाशाही नहीं चलेगी” के नारे लगाते रहे।

धरमजीत सिंह का पलटवार – “कोयला का पैसा खाया, तो डर क्यों?”

इस बीच, भाजपा विधायक धरमजीत सिंह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा,
“अगर कोरबा में कोयले का पैसा खाया है, तो अब ईडी की कार्रवाई से डर क्यों लग रहा है?”

धरमजीत सिंह के इस बयान से सदन का माहौल और गरमा गया, और कांग्रेस विधायकों ने और जोर-शोर से भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

प्रश्नकाल के बीच भी जारी रहा हंगामा, कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित

काफी हंगामे के बावजूद विधानसभा का प्रश्नकाल जारी रहा। कुछ विधायकों ने अपने सवाल रखे और संबंधित मंत्रियों ने जवाब भी दिए। लेकिन कांग्रेस की लगातार नारेबाजी और हंगामे के कारण 11:37 बजे विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

ईडी की कार्रवाई से जुड़ा पूरा मामला – क्या है ₹2,161 करोड़ का शराब घोटाला?

ईडी ने 10 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 14 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई शराब घोटाले से संबंधित है, जिसमें भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और उनके करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के घरों पर भी रेड मारी गई।

ईडी का दावा है कि चैतन्य बघेल इस घोटाले से उत्पन्न अवैध धन के प्रमुख लाभार्थियों में से एक हैं।

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इससे पहले, जनवरी 2025 में, ईडी ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इसी घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि शराब घोटाले के दौरान अर्जित अवैध धन को संपत्तियों में निवेश किया गया था और इस घोटाले से राज्य के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ।

कांग्रेस बनाम भाजपा – ईडी रेड पर बढ़ा सियासी घमासान

कांग्रेस का आरोप:

  • भाजपा सरकार ईडी और अन्य जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके विपक्ष को निशाना बना रही है।
  • जब भी कोई कांग्रेस नेता सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे ईडी की रेड का सामना करना पड़ता है।
  • यह कार्रवाई कांग्रेस की छवि खराब करने की साजिश है।

भाजपा का जवाब:

  • ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है और वह अपनी जांच कर रही है, इसमें राजनीति नहीं है।
  • अगर भूपेश बघेल और उनके करीबी निर्दोष हैं, तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं।
  • कांग्रेस बेवजह ईडी की कार्रवाई को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।

अब आगे क्या?

ईडी की इस कार्रवाई से छत्तीसगढ़ की राजनीति में जबरदस्त उबाल आ गया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार और बढ़ने की संभावना है। आने वाले दिनों में ईडी की जांच और नए खुलासे राज्य की राजनीति को और गरमा सकते हैं।

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