बलौदा बाजार नगर पालिका शपथ ग्रहण विवाद: भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने, अलग-अलग स्थानों पर हुआ शपथ समारोह!

बलौदा बाजार नगर पालिका शपथ ग्रहण विवाद: भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने, अलग-अलग स्थानों पर हुआ शपथ समारोह! (Chhattisgarh Talk)
बलौदा बाजार नगर पालिका शपथ ग्रहण विवाद: भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने, अलग-अलग स्थानों पर हुआ शपथ समारोह! (Chhattisgarh Talk)

बलौदा बाजार नगर पालिका शपथ ग्रहण विवाद! भाजपा और कांग्रेस के टकराव के कारण दो अलग-अलग स्थानों पर शपथ समारोह आयोजित किया गया। जानें, आमंत्रण पत्र पर क्यों मचा बवाल और कांग्रेस ने प्रशासन पर क्या लगाए गंभीर आरोप?

आमंत्रण पत्र बना टकराव की जड़, कांग्रेस ने लगाया प्रशासन पर भेदभाव का आरोप, भाजपा ने बताया बेबुनियाद

बलौदा बाजार, छत्तीसगढ़: बलौदा बाजार नगर पालिका चुनाव के बाद अध्यक्ष और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया। भाजपा और कांग्रेस के बीच गहराए मतभेद के कारण प्रशासन को दो अलग-अलग स्थानों पर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करना पड़ा।

शनिवार को हुए इस समारोह में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी-अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। भाजपा पार्षदों और अध्यक्ष के लिए कार्यक्रम जिला ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जहां प्रदेश के राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा समेत अन्य दिग्गज नेता मौजूद रहे।

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वहीं, कांग्रेस पार्षदों का शपथ ग्रहण नगर पालिका सभाकक्ष में हुआ, जहां पूर्व विधायक जनक राम वर्मा, कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी, पूर्व जिला अध्यक्ष दिनेश यदु और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रूपेश ठाकुर ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

लेकिन इस पूरे विवाद की जड़ एक ‘आमंत्रण पत्र’ बना, जिसमें कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल नहीं किए गए थे। इसे लेकर कांग्रेस ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन पर भाजपा के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।

बलौदा बाजार नगर पालिका: क्या था पूरा विवाद?

नगर पालिका के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रशासन ने जो आमंत्रण पत्र जारी किया, उसमें भाजपा नेताओं के नाम तो शामिल थे, लेकिन कांग्रेस नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया।

इससे नाराज कांग्रेस ने न केवल जिला ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह का बहिष्कार किया, बल्कि कलेक्टर से अलग से शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की।

प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला – कांग्रेस के लिए अलग समारोह का आयोजन

कांग्रेस की आपत्ति को देखते हुए प्रशासन ने उनके लिए अलग से नगर पालिका सभाकक्ष में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया।

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लेकिन कांग्रेस का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सत्ता में आने के बाद लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन कर रही है और विपक्षी नेताओं को दरकिनार कर रही है।


एसडीएम ने दिलाई शपथ, कांग्रेस ने फिर लगाया प्रशासन पर पक्षपात का आरोप

बलौदा बाजार के एसडीएम अमित गुप्ता ने दोनों स्थानों पर पार्षदों और अध्यक्ष को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना था कि प्रशासन भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रहा है और कांग्रेस पार्षदों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

बलौदा बाजार नगर पालिका: कांग्रेस की चेतावनी!

“यदि भविष्य में भी इसी तरह का भेदभाव जारी रहा, तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी।”

दूसरी ओर, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया और कहा कि “प्रशासन ने सभी पार्षदों को समान रूप से शपथ दिलाई है, कांग्रेस का बहिष्कार केवल राजनीतिक ड्रामा है।”


बलौदा बाजार नगर पालिका: क्या कहते हैं नेता?

“ट्रिपल इंजन की सरकार बनी” – राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा:
“अब तक प्रदेश में डबल इंजन की सरकार थी, लेकिन नगर पालिका में भाजपा की जीत के बाद अब ट्रिपल इंजन की सरकार बन गई है। इससे नगर का विकास तेजी से होगा। कांग्रेस को इस समारोह में शामिल होना चाहिए था, क्योंकि यह सरकारी आयोजन था, किसी पार्टी विशेष का नहीं।”

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“समस्या खत्म करना मेरी प्राथमिकता” – नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन

नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन ने कहा:
“नगर की मूलभूत समस्याओं को खत्म करना ही मेरी पहली प्राथमिकता होगी। कांग्रेस के बहिष्कार पर उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस पार्षदों को आमंत्रण दिया गया था, लेकिन वे नहीं आए, यह उनकी सोच है।”


“यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है” – कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी

कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा:
“यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। शपथ ग्रहण में सभी को शामिल होना चाहिए था, लेकिन भाजपा की हठधर्मिता के कारण ऐसा नहीं हो सका। भाजपा चाहती थी कि सिर्फ उसके नेता समारोह में शामिल हों। लेकिन नगर सभी का है, विकास भी सभी को मिलकर करना होगा। भाजपा ने जो किया, उससे स्पष्ट है कि वे विकास नहीं, सिर्फ सत्ता की राजनीति चाहते हैं।”


क्या आगे भी जारी रहेगा यह टकराव?

बलौदा बाजार नगर पालिका चुनावों के बाद यह पहला मौका था, जब भाजपा और कांग्रेस सीधे आमने-सामने आए।

अब सवाल यह है कि:

✔ क्या भाजपा और कांग्रेस के बीच यह टकराव नगर विकास कार्यों में बाधा बनेगा?
✔ क्या कांग्रेस अपने आंदोलन की धमकी को सच में बदलेगी?
✔ क्या भविष्य में भी इस तरह के विवाद होंगे, या कोई राजनीतिक सहमति बनेगी?

इन सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिलेंगे, लेकिन फिलहाल बलौदा बाजार की राजनीति “टकराव की राह” पर आगे बढ़ती दिख रही है।

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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

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