



Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की। छत्तीसगढ़ और ओडिशा के जवानों ने संयुक्त ऑपरेशन में 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया, जिसमें ओडिशा के नक्सली प्रमुख छलपती भी शामिल हैं। जानें इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी और इसके महत्व के बारे में।
लतीफ मोहम्मद, गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। सोमवार सुबह तक चले एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें ओडिशा के प्रमुख नक्सली नेता छलपती भी शामिल हैं। इस मुठभेड़ को छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन के तहत अंजाम दिया गया था, जिसमें केंद्रीय बलों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह ऑपरेशन क्षेत्र में सुरक्षा और नक्सलियों के खिलाफ जारी अभियान के लिहाज से एक अहम सफलता मानी जा रही है।
मुठभेड़ का विवरण
यह मुठभेड़ सोमवार सुबह शुरू हुई, जब सुरक्षाबलों को खुफिया जानकारी मिली कि नक्सलियों का एक बड़ा गुट गरियाबंद और ओडिशा सीमा के जंगलों में सक्रिय है। सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए इलाके की घेराबंदी शुरू की। इसके बाद, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंचने के बाद उनसे आत्मसमर्पण की अपील की, लेकिन नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की गोलीबारी का मजबूती से सामना करते हुए उन्हें पीछे धकेल दिया।
गरियाबंद में मारे गए 15 नक्सलियों की पहचान
मुठभेड़ के दौरान 15 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया। पहले दो नक्सली मारे गए थे, जबकि मंगलवार सुबह तक 13 और शव बरामद किए गए। मारे गए नक्सलियों में ओडिशा के प्रमुख नक्सली नेता छलपती भी शामिल हैं। छलपती पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था और वह ओडिशा के नक्सलियों के मुख्य नेताओं में से एक था। उसकी मौत से नक्सलियों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है और इस क्षेत्र में उनकी गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा।
CG-ओडिसा सुरक्षा बलों का संयुक्त ऑपरेशन
इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की एक बड़ी टीम ने भाग लिया, जिसमें छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), ओडिशा की स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG), कोबरा की 207 बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शामिल थे। यह ऑपरेशन एक पूरी तरह से संयुक्त कार्यवाही थी, जिसमें दोनों राज्यों की पुलिस और केंद्रीय बलों ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा खोला।
सुरक्षाबलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ। हालांकि मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने भारी गोलीबारी की, लेकिन सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीति और टीमवर्क के साथ उन्हें पीछे धकेल दिया। मुठभेड़ के दौरान हुई गोलीबारी में कोई सुरक्षाकर्मी घायल नहीं हुआ, जो सुरक्षा बलों की सटीक रणनीति को दर्शाता है।
वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका
इस ऑपरेशन के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की भी सक्रिय भूमिका रही। गरियाबंद के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निखिल राखेचा, उड़ीसा के नुआपाड़ा के एसपी राघवेंद्र गूंडाला, उड़ीसा के डीआईजी नक्सल ऑपरेशंस अखिलेश्वर सिंह और कोबरा कमांडेंट डीएस कथैत सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे। इन अधिकारियों के मार्गदर्शन में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकानों का सफलतापूर्वक पता लगाया और उन्हें नष्ट कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक, यह सफलता खुफिया जानकारी और सुरक्षा बलों की तत्परता का परिणाम है।
इलाके में सुरक्षा कड़ी की गई
मुठभेड़ के बाद से इलाके में सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस बलों को तैनात किया गया है और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मारे गए नक्सलियों की पहचान के लिए जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए नक्सलियों के पास से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और हथियार भी बरामद किए गए हैं, जो इस इलाके में नक्सल गतिविधियों का एक और बड़ा प्रमाण हैं।
सुरक्षाबलों का कहना है कि यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ उनकी निरंतर कोशिशों का हिस्सा है, और इससे क्षेत्र में नक्सलियों के नेटवर्क को नुकसान पहुंचेगा।
अधिकारियों का बयान
सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत माना है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन से न केवल नक्सलियों के मनोबल को तोड़ा है, बल्कि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है, और इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की स्थिति और मजबूत होगी।
अधिकारियों ने कहा, “यह ऑपरेशन नक्सलियों के खिलाफ हमारी निरंतर कार्रवाई का प्रतीक है। हमें उम्मीद है कि यह सफलता अन्य क्षेत्रों में भी सुरक्षा बलों की कार्यवाही को प्रेरित करेगी और नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद करेगी।”
आगे की रणनीति
सुरक्षाबलों का कहना है कि नक्सलवाद के खिलाफ यह अभियान अभी जारी रहेगा। मारे गए नक्सलियों की पहचान की प्रक्रिया पूरी करने के बाद, इलाके में उनकी गतिविधियों को और नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त ऑपरेशंस चलाए जाएंगे। यह कार्रवाई न केवल सुरक्षा बलों की कोशिशों का हिस्सा है, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने और स्थानीय लोगों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की दृढ़ता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)
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