असत्य पर सत्य की जीत फिर से नगर पालिका अध्यक्ष बने संतलाल सोनकर
देवेंद्र शर्मा/मुंगेली: कथित 13 लाख रुपए के नाली घोटाले में संलिप्तता के चलते पूर्व सरकार ने निर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर को पद से बर्खास्त कर दिया था। जिसके विरुद्ध संतुलाल सोनकर ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने 7 अक्टूबर के एक निर्णय में राज्य शासन के मुंगेली नगर पालिका के अध्यक्ष संतुलाल सोनकर के बर्खास्तगी आदेश को अपास्त करते हुए उन्हें पुनः अध्यक्ष पद के लिए आदेश पारित किया।
बता दे मुंगेली नगर पालिका परिषद के निर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर अपने कार्यकाल के एक वर्ष बाद नाली निर्माण के भुगतान संबंधी अनियमितता पर लिप्त होने के हवाले से भूपेश सरकार के दौरान बर्खास्त कर दिया गया था।
इतना ही नही अध्यक्ष संतुलाल सोनकर के विरुद्ध हुए एफआईआर के बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा। उसके बाद भाजपा के पार्षद सदस्यता अल्पमत में होंने के बाद कांग्रेस के हेमेंद्र गोस्वामी को अध्यक्ष बनाया गया।
पूरे मामले में संतुलाल सोनकर ने याचिका दायर की जिसमे हाई कोर्ट ने 1961 की धारा 41-ए के तहत याचिकाकर्ता को अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, मुंगेली के पद से हटाने के लिए राज्य सरकार द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 30.11.2021 (अनुलग्नक पी-1) संधारणीय नहीं है और तदनुसार इसे अपास्त किया।