Terror Of Sand Mafia In Balodabazar: बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बेलगाम खनन माफिया के सामने पूरा प्रशासनिक तंत्र ध्वस्त नजर आ रहा है माफिया को ना तो खनिज विभाग का डर है और ना ही मुख्यमंत्री के द्वारा गठित टास्क फोर्स (Tasks Force) की प्रदेश में सरकार बदले महज कुछ ही महीने हुए हैं नई सरकार सत्ता में आते ही सुशासन का सर्वोदय का विज्ञापन न केवल शासकीय कार्यालय में बल्कि प्रेस मीडिया और चौक चौराहे पर भी दिखाई देने लग गया है लेकिन नहीं दिखाई दिया तो सुशासन का सर्वोदय?
क्या यही है भाजपा सरकार का सुशासन का सर्वोदय
भले ही प्रदेश की भाजपा सरकार सुशासन का उदय होने का दावा कर रही हो मगर बलौदाबाजार- भाटापारा (Balodabazar-Bhatapara) जिले के एकमात्र भाजपा विधायक जिले के इकलौते छत्तीसगढ़ शासन मंत्री टंक राम वर्मा (Tank Ram Verme) जिनको खेल कूद युवा कल्याण विभाग एवं राजस्व आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी मिली हुई है इन्हीं के जिले में रोज रात को राजस्व की चोरी हो रही है वह अपने जिले क्षेत्र में ना तो दबंग भाजपा कार्यकर्ता पर लगाम लगा पा रहे हैं और ना ही चोरी हो रहे राजस्व को बचा पा रहे हैं।
जाने क्या है पूरा मामला
बीते दिनों शनिवार को दरमियानी रात में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश यादव की टीम शहर के निगरानी सुदा बदमाश को पकड़ने के लिए कांबिंग गस्त पर निकले हुए थे इसी दौरान मध्य रात्रि में सुनसान सड़क पर अतिभार हाईवे अपने मंजिल के लिए दौड़ रही थी तो इस दौरान मीडिया कर्मी भी वहां उपस्थित थे पहले तीन की संख्या में गाड़ियों को रूकवाकर पूछा गया तो सभी एक ही खदान से बिना रायल्टी पर्ची के जिले के बाहर जा रहे थे जिनको पुलिस ने अपने कब्जे में लेते हुए सिटी कोतवाली परिसर के सामने रखवा दिया गया जिसको केवल मोटर वाहन अधिनियम के तहत न्यूनतम से न्यूनतम कार्यवाही करते हुए छोड़ दिया गया।
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यह थी पुलिस की बचाओ अभियान
पुलिस ने तो अपना कार्यक्रम पहले से निर्धारित करके रखी हुई थी मगर एकाएक रेत से भरी गाड़ियां आते ही मीडिया के सामने पुलिस ने गाड़ियां रोक कर कार्रवाई करने की बात कही सात रेत से भारी, बिना ढकी, ओवरलोडेड हाईवा ,पकड़ी मगर रात गुजरते ही पुलिस कि सक्रियता को ऐसा कोन सा ग्रहण लग गया कि पुलिस ने फिर पांच पांच सौ का चालान बनाकर छोड़ दिया मिली जानकारी के अनुसार मोटर वाहन अधिनियम के चालान अदा करने वाले का नाम और गाड़ी नंबर इस प्रकार से है।
- गाड़ी क्रमांक सीजी 28 N 5880 का चालान सुरीत साहू मुंगेली
- गाड़ी क्रमांक सीजी 22 W 9875 किशन लाल साहू
- गाड़ी क्रमांक सीजी 22 Z 4038, सुखदेव साहू
- गाड़ी क्रमांक सीजी 28 Q 5003 राजेंद्र कुमार
- गाड़ी क्रमांक सीजी 28 P 8186 पोस गिल साहू
- गाड़ी क्रमांक सीजी 09 B 8258 बलराम मुंगेली
- जागेश्वर गाड़ी क्रमांक CG 22 X 3661
Terror Of Sand Mafia In Balodabazar: उक्त गाड़ियों में मोटर वाहन अधिनियम 1998 की धारा 179 (1) के साथ मात्र पांच – पांच सौ रुपए का चलन पर्ची कटवा कर जाने दिया गया यदि चौकीदारों की मानसिकता चोरों पर कार्यवाही करने की होती तो विधिवत्त सभी गाड़ियों का पंचनामा बनाकर पूछताछ किया जाता क्योंकि मामला अतीभार और खनिज संसाधन से जुड़ा हुआ है तो मुख्यमंत्री के द्वारा गठित टास्क फोर्स में सक्रिय विभागों को लिखित सूचना देते हुए संबंधितों को मामले की जांच के लिए सौंपा जाता है। शासन की राजस्व को बचाने के लिए जिले में कई सारे विभाग चौकीदार बने बैठे हुए हैं उसके बावजूद जनता और प्रशासन को इतना बड़ा राजस्व का चूना लगा दिया जाता है तो मैं आप पाठकों पर छोड़ देता हूं कि इस बात में कितना सच है क्या सच में चौकीदार चोर है??
मुख्यमंत्री ने की थी टास्क फोर्स का गठन
मिली जानकारी के अनुसार ऐसे मामलों पर कार्रवाई करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने राज्य और जिले स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया था जिसमें ●खनिज विभाग ●पुलिस विभाग ●आयकर विभाग और ● पर्यावरण विभाग सक्रिय सदस्य हैं इस समूह का उद्देश्य अवैध खनन के माध्यम से हो रहे राजस्व के नुकसान को रोका जाना था। यह चारो के पास पूरा अधिकार होती हैं कार्यवाही करने की।
सुत्र क्या कहते हैं- सूत्रों के हवाले से जब गाड़ियां रोकी गई तभी से जिले के अधिकारियों के पास राजनीतिक दलों के नेताओं का फोन आना चालू हो गया था बात तो यह भी सामने आ रही थी कि सभी गाड़ियों को बिना चालान बनाए छोड़ दिया जाए चुकी मामलों में मीडियाकर्मी भी मौजूद थे तो यह उतना सरल नहीं था इसीलिए बगैर विभागो को सूचना दिए हुए न्यूनतम से न्यूनतम कार्रवाही कर छोड़ दिया गया।
सूत्र की मानें तो- इस पूरे खेल में राजनेताओं के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारीयों की मिलीभगत है इसके लिए लाखों करोड़ो रुपए का बंदर बांट कर इस गोरखधंधे को चलाया जा रहा है। जिसकी जानकारी जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को होती हैं।
रेत घाट कौन सा है? क्या कहते हैं हाईवा चालक
यह रेत घाट सुनसुनिया तहसील लवन का है जिससे रेत ला रहे हाईवा चालकों ने बताया कि – यह खनिज संसाधन रेत सुनसुनिया घाट से लाया जा रहा चालक के द्वारा बताया गया कि रात में चार-चार चैन माउंटेन मशीनों के साथ सैकड़ो हाईवे की लोडिंग की जाती हैं परंतु रात में काम करना अवैध है इसीलिए रॉयल्टी पर्ची नहीं दी जाती और प्रत्येक हाईवा में रेत लोडिंग का आठ-आठ हजार रुपए लिया जा रहा है।
कार्यवाही कब होगी?
- बिना रायल्टी पर्ची के परिवहन करने वाली गाड़ियों का क्या कुछ नहीं करना चाहतीं प्रशासन ?
- क्या सच में किसी के बड़े नेता का फोन अधिकारियों के पास आया था?
- आखिर राजस्व चोरी का खेल कब तक बंद होगा?
ऐसे बड़े सवालों के साथ आईए जानते हैं क्या कहते हैं जिम्मेदार??
“वरिष्ठ एडिशनल साहब के निर्देशन पर प्रत्येक गाड़ियों से पांच – पांच सौ रुपए का मोटर अधिनियम की धारा 179(1) के तहत कार्यवाही करते हुए छोड़े हैं” -अमृत कुजूर, DSP यातायात
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क्या कहते हैं खनिज अधिकारी और क्या है नियम?
जानकारी के अनुसार जितनी मशीन स्वीकृत है उतने मशीनों का और उसी प्रकार के मशीनों का ही उपयोग किया जाए घन मीटर में तय मूल्य के हिसाब से ही राशि लिया जाए और रायल्टी पर्ची दिया
पर्यावरण के मार्गदर्शिका का ध्यान में रखते हुए कार्य को संचालित किया जाए रात में उत्खनन नहीं किया जाए ऐसे ही अनेकों नियम है जिसका पालन सुनसुनिया रेत खदान में नहीं हो रहा है
“वही इस मामले में कुंदन बंजारे जिला खनिज अधिकारी मुझे इस कार्यवाही के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं है”
“पकड़ी गई सारी गाड़ियों का विवरण हमारे पास में है और अभी मैं खनन अधिकारी को जानकारी देकर टीम बनाकर जांच करने के लिए निर्देशित कर रहा हूं जो इसका सोर्स है उसे पर भी सख्ती से कार्यवाही की जाएगी” -चंदन कुमार, कलेक्टर बलौदाबाजार-भाटापारा
वही इस पर खेल एवं युवा कल्याण तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री टंक राम वर्मा जी ने कहा
“जो भी अवैध कार्य है उसको बंद करना पड़ेगा सरकार बदल गई है हमने मीटिंग में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं कि सभी प्रकार से अवैध काम बंद होना चाहिए सरकार को राजस्व की हानि ना हो हम इस पर अधिकारियों जानकारी लेकर कार्यवाही करेंगे. -टंक राम वर्मा, मंत्री छत्तीसगढ़ शासन