पुलिस की दादागिरी: कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी; टीआई (TI) परिवेश तिवारी को 18 मार्च तक कोर्ट में पेश होने के निर्देश पढ़े पूरा मामला

Baloda Bazar Crime News: खाकी की गर्मी; एसपी की कंप्लेन की तो टीआई ने जवानों के साथ बेदम पीटा; कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी
Baloda Bazar Crime News: खाकी की गर्मी; एसपी की कंप्लेन की तो टीआई ने जवानों के साथ बेदम पीटा; कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी

खाकी की गर्मी; एसपी की कंप्लेन की तो टीआई ने जवानों के साथ बेदम पीटा; कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी

Baloda Bazar Crime News: छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार-भाटापारा एसपी (SP) के खिलाफ कंप्लेन क्या की। पुलिसवालों ने कारोबारी को घर से ही उठा लिया। जबरन थाने ले गए। जुआ खिलाने का आरोप लगाते हुए बेदम पिटाई कर दी। हालांकि, कोर्ट ने खाकी की गर्मी उतार दी है। बिना वारंट घर घुसने और बिना केस पूछताछ और मारपीट करने के मामले में कोर्ट ने एक टीआई (TI) समेत 2 पुलिस (Balodabazar Police) जवानों पर एफआईआर (FIR) दर्ज करने के निर्देश दिए।

Baloda Bazar Crime News: कोर्ट के आदेश पर दोनों पुलिस जवान तो हाजिरी लगाने पहुंचे। लेकिन, टीआई साहब नहीं आए। अब कोर्ट ने भी टीआई के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। 18 मार्च तक उसे कोर्ट में पेश होने कहा गया है। पूरा मामला बीते सितंबर का है। पहंदा रोड पर रहने वाले लोहा व छड़ कारोबारी राज नारायण साहू ने तत्कालीन एसपी के खिलाफ विभाग के आला अफसरों से शिकायत की थी।

Baloda Bazar Crime News: 19 सितंबर को साइबर सेल टीआई परिवेश तिवारी दो आरक्षकों मुकेश रात्रे और जिनेन्द्र निषाद के साथ राजनारायण के घर घुस गए। पुलिस बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी में राजनारायण के घर पहुंची थी। बिना वारंट कारोबारी को घर से उठाकर साइबर सेल ले गई। कहने लगे, तुम सट्टा खिलाते हो। इसी बात पर कई झापड़ जड़ दिए। मोबाइल भी छीन लिया। यहां से पुलिसवाले उसे बलौदाबाजार के सिटी कोतवाली थाने ले गए। बिना केस बनाए ही यहां से छोड़ दिया।

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राजनारायण लगातार पूछते रहे कि मेरी गलती क्या है? घर से थाने लाने के लिए कोर्ट का कोई वारंट भी है? अगर मैंने कोई गलती की है तो मेरे खिलाफ केस दर्ज क्यों नहीं करते? लेकिन, पुलिसवालों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। राजनारायण कहते हैं कि एसपी के खिलाफ की गई कंप्लेन वापस लेने के लिए ही मारपीट कर मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश की गई है।

मामले में इन धाराओं के तहत दर्ज की गई है एफआईआर (FIR), गंभीरता समझिए…

  • घारा 294 इसके तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कृत्यों या शब्दों का इस्तेमाल करने पर दंड का प्रावधान है।
  • घारा 323 जानबूझ कर किसी को चोट पहुंचाने पर ये धारा लगती है। 1 हजार जुर्माना, 1 साल तक की सजा का प्रवधान।
  • घारा 306 आत्महत्या के लिए उकसाने पर ये धारा लगती है। साबित होने पर दस साल तक की कैद और जुर्माना का प्रावधान।
  • घारा 452 बिना अनुमति घर घुसने, मारने और अनर्गल किसी बात के लिए दबाव बनाने पर ये धारा लगती है। ये गैर जमानती धारा है।

हिरासत में लेकर मारपीट कीः अधिवक्ता

बलौदाबाजार में पुलिस नया बस स्टैंड के पास सट्टा पर कार्रवाई करने गई थी। यहां राजनारायण साहू का नाम लिए जाने पर बिना जांच और उच्च अधिकारियों को सूचना दिए साइबर सेल प्रभारी परिवेश तिवारी सीधे राजनारायण के घर गए। हिरासत में लेकर मारपीट की। – योगेश नामदेव, पीड़ित के अधिवक्ता

सबसे पहले खुद की जांच कराई, फुटेज भी निकलवाए

पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने के बाद लोहा कारोवारी सबसे पहले सरकारी अस्पताल गए। डॉक्टरी मुलाहिजा कराया। इससे उनके साथ की गई मारपीट की पुष्टि हो ग गई। यही नहीं, उन्होंने अपने घर और थाने में लगे सीसीटीवी के फुटेज भी निकलवाए। इसमें भी यह बात साबित हो गई कि पुलिस उन्हें थाने ले गई थी। मारपीट की। जबकि, इस दिन उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया गया था। कोर्ट ने इसे ही अहम सबूत मानते हुए कारोबारी से मारपीट करने वाले तीनों पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश जारी किए है।

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पुलिस मुझे घर से जबरदस्ती उठाकर कर ले ले गई। एसपी के खिलाफ लगाई गई अवमानना याचिका को वापस लेने का मुझ पर दबाव बनाया। इसी वजह से मेरे साथ मारपीट की गई। उच्च अफसरों से शिकायत की। लेकिन, किसी ने नहीं सुनी। कोर्ट ने आदेश दिया, तब जाकर एफआईटार लिखी। – राजनारायण साहू, पीड़ित

हाईकोर्ट का निर्देश- हर थाने में लगवाए जाएं सीसीटीवी

पुलिस के काम में पादर्शिता लाने और लोगों के साथ होने वाले पुलिसिया दुर्व्यवहार को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने इसी साल एक आदेश जारी किया है। इसके तहत हाईकोर्ट ने डीजीपी को नोटिस जारी करते हुए सभी थानों में सीसीटीवी लगावाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि रायगढ़ की कोतरा पुलिस पर झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 1 लाख की अवैध वसूली करने का मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने ये आदेश जारी किया था। फुटेज की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी जिलों के एसपी को सौंपी गई है।

निक्कू सलूजा मौत कांड में पहले ही किरकिरी

बलौदाबाजार पुलिस की इससे पहले निक्कू सलूजा मौत कांड में किरकिरी हुई थी। बात 2017 की है। निक्कू सलूजा की पुलिस कस्टडी में हार्ट अटैक से मौत हो गई। काफी दबाव के बाद एफआईआर दर्ज हुई। कोर्ट ने ट्रैफिक टीआई धीरज मरकाम समेत अन्य दोषी पुलिसवालों को जेल भेजा।