अरुण पुरेना,बेमेतरा: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा नगर में एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन हुआ, जब मंडी प्रांगण में पंच कुंडीय श्री रुद्र महायज्ञ का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर एक भव्य और ऐतिहासिक कलश यात्रा भी निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सुबह से ही धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं का मंडी प्रांगण में आगमन होने लगा और धीरे-धीरे यह यात्रा नगर भर में फैल गई। इस यात्रा का नेतृत्व श्री ज्योतिर्मयानंद सरस्वती दंडी जी ने किया, जो रथ पर विराजमान होकर यात्रा में शामिल थे।
वैदिक मंत्रोच्चार से पंच कुंडीय श्री रुद्र महायज्ञ का हुआ शुभारंभ, नगर में निकली ऐतिहासिक भव्य कलश यात्रा, हजारों की रही भीड
कलश यात्रा में महिलाएं, पुरुष, बच्चे और युवा सभी उत्साह के साथ शामिल हुए। महिला श्रद्धालु सिर में कलश रखकर यात्रा में चल रही थीं, जबकि पुरुषों की भी बड़ी संख्या थी जो इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बने थे। यात्रा का मार्ग बेमेतरा के प्रमुख स्थानों से होते हुए मंडी प्रांगण में स्थित यज्ञ शाला तक पहुंचा, जिसमें गस्ती चौक, मां कालका मंदिर, मां भद्रकाली मंदिर, राम मंदिर, और परशुराम चौक जैसे प्रमुख स्थान शामिल थे।
यात्रा के दौरान जय श्री राम के उद्घोष से पूरा नगर गूंज उठा। श्रद्धालुओं की भीड़ और भव्यता ने नगर को एक धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल से भर दिया। यात्रा के मार्ग में पुलिस और प्रशासन की ओर से यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया गया था ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
श्री ज्योतिर्मयानंद स्वामी का संदेश
यात्रा के दौरान श्री ज्योतिर्मयानंद दंडी स्वामी सरस्वती ने यात्रा में भाग लेने वाली माताओं, बहनों और सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह पुण्य का समय है जब भगवत भक्ति की भावना सबके हृदय में प्रकट होती है। यह यज्ञ और कथा हमें जीवन के असली उद्देश्य को जानने और उसे साधने का मार्ग दिखाते हैं।” उन्होंने धर्म प्रेमियों से आग्रह किया कि वे श्री रुद्र महायज्ञ और श्रीमद्भागवत कथा में पूरे दिन हिस्सा लें और अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें।
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पूरे भारत में सनातन धर्म के जागरण का आह्वान
इस आयोजन के दौरान पूरे भारत में सनातन धर्म के जागरण का आह्वान किया गया। विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रों से यज्ञ देवताओं का आवाहन किया, जिसमें ब्रह्मा, इंद्र, अग्नि, रुद्र, वरुण, यम, विष्णु और सूर्य देवता का विशेष रूप से आवाहन किया गया। यज्ञ में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर सामूहिक रूप से अपने आस्था और विश्वास को प्रस्तुत किया।
बेमेतरा विधायक का आशीर्वाद
बेमेतरा के विधायक दीपेश साहू भी इस आयोजन में शामिल हुए। उन्होंने मां भद्रकाली मंदिर के पास श्री ज्योतिर्मयानंद दंडी स्वामी का स्वागत किया और आशीर्वाद लिया।
विधायक दिपेश साहू ने इस धार्मिक आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे बेमेतरा की धार्मिक धरोहर के रूप में बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में धर्म के प्रति आस्था को और भी मजबूत करते हैं।
यज्ञ का शुभारंभ और वैदिक मंत्रोच्चार
यह आयोजन आगामी 15 दिसंबर तक चलने वाले श्री रुद्र महायज्ञ का शुभारंभ था, जिसे विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिपूर्वक आरंभ किया। यज्ञ के दौरान मंत्रोच्चार से वातावरण पूरी तरह से धर्ममय हो गया और ऐसा प्रतीत होने लगा जैसे यज्ञ देवता स्वयं नगरवासियों को आशीर्वाद दे रहे हों। यज्ञशाला को पूरी तरह से वैदिक रीति और विधि विधान से सजाया गया था, जिसमें यजमानों के रूप में छह जोड़ों की नियुक्ति की गई थी।
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यज्ञशाला में वैदिक विधि से पूजा
यज्ञशाला में यजमानों के रूप में 6 जोड़े नियुक्त किए गए थे, जिनमें जया लेखमणी पाण्डेय, ममता जितेन्द्र शुक्ला, उर्मिला दौलत सिंह राजपूत, माया नंदकिशोर पाण्डेय, नंदिनी कृष्ण कुमार पाण्डेय और उर्वशी ललित राजपूत शामिल थे। इन जोड़ों ने यज्ञ में विशेष रूप से भाग लिया और धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को प्रदर्शित किया।
कलश यात्रा का नेतृत्व और धार्मिक भागीदारी
कलश यात्रा का नेतृत्व बेमेतरा के प्रमुख सामाजिक और धार्मिक कार्यकर्ताओं ने किया, जिनमें शत्रुहन सिंह साहू, विजय सिन्हा, नीतू कोठारी, लेखमणि पाण्डेय, जितेंद्र शुक्ला, राजेंद्र शर्मा, नंदकिशोर पाण्डेय, पंचू साहू, दौलत सिंह राजपूत, ताराचंद माहेश्वरी, मनोज शर्मा, सतीश कसार, ललित विश्वकर्मा, सुरेश पटेल, नरेश साहू, महेंद्र गुप्ता, दीपक पाण्डेय, हितेंद्र साहू, धनेश्वर पाण्डेय, होरीलाल साहू, राजेश वैष्णव, दुष्यंत तिवारी, जय पाण्डेय, प्रहलाद मिश्रा, विकास तंबोली, ललिता साहू, लक्ष्मी साहू, ममता साहू, वर्षा गौतम, रानी डेनिम सेन, मीनू पटेल, सावित्री रजक आदि धर्म प्रेमियों ने अपनी भागीदारी निभाई।
धार्मिक और सांस्कृतिक जागरण
यह आयोजन बेमेतरा में सनातन धर्म के प्रति लोगों के विश्वास और आस्था का प्रतीक बन गया। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि यहां के लोग अपने धर्म और संस्कृति के प्रति अत्यधिक समर्पित हैं। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का इस यज्ञ और कलश यात्रा में शामिल होना यह दर्शाता है कि बेमेतरा का समाज अपनी धार्मिक परंपराओं और संस्कृतियों को सहेजने और बढ़ावा देने में दृढ़ है।
इस धार्मिक आयोजन ने बेमेतरा नगर को एक नए आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जोड़ा और यहां के लोगों की धार्मिक आस्था और संस्कृति को पुनः जीवित किया। यह यज्ञ नगर में एक धार्मिक जागरण का रूप ले चुका है, जिसमें हर धर्म प्रेमी ने अपने भागीदारी से इसे सफल बनाने में योगदान दिया।
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