छत्तीसगढ़ पटवारी संघ का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार: कारण, प्रभाव और समाधान

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार (Chhattisgarh Patwari Sangh boycotts online work)
छत्तीसगढ़ पटवारी संघ का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार (Chhattisgarh Patwari Sangh boycotts online work)

16 दिसंबर 2024 से छत्तीसगढ़ पटवारी संघ ने ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार किया है। जानिए इसके कारण, संभावित असर, और इस समस्या का समाधान कैसे हो सकता है?

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ बहिष्कार: छत्तीसगढ़ राज्य के पटवारी संघ ने 16 दिसंबर 2024 से ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। संघ का यह कदम पटवारियों की लंबित समस्याओं और लगातार बढ़ती जिम्मेदारियों के विरोध में उठाया गया है। संघ के अनुसार, प्रशासनिक कार्यों के डिजिटल होने के बाद भी, पटवारियों को आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई है, जिसके कारण वे भारी दबाव का सामना कर रहे हैं।

बहिष्कार के प्रमुख कारण

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ बहिष्कार: पटवारी संघ ने अपने बहिष्कार की घोषणा करते हुए कुछ मुख्य कारण बताए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

  1. संसाधनों की कमी:
    पटवारियों के पास आधुनिक उपकरणों जैसे लैपटॉप, स्मार्टफोन, उच्च गति इंटरनेट कनेक्शन, और सॉफ़्टवेयर की कमी है। इस वजह से वे ऑनलाइन कार्यों में पूर्ण रूप से सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
  2. अत्यधिक कार्यभार:
    राजस्व विभाग के काम पहले से ही बहुत अधिक हैं, और ऑनलाइन कार्यों की संख्या बढ़ने से पटवारियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।
  3. तकनीकी समस्याएं:
    छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की स्थिति अक्सर खराब रहती है, जिससे ऑनलाइन काम करने में बाधाएं आती हैं।
  4. साधनों की अनुपलब्धता:
    संघ का कहना है कि बिना उचित संसाधनों के कार्य करना संभव नहीं है। उनका स्पष्ट नारा है – “साधन, संसाधन नहीं… तो काम नहीं!”

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बहिष्कार का संभावित असर

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ बहिष्कार: पटवारी संघ का यह बहिष्कार सीधे तौर पर प्रशासनिक कार्यों और आम नागरिकों की सेवाओं पर प्रभाव डाल सकता है। इसके असर के कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ बहिष्कार: नुकसान

  1. भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव प्रभावित:
    ऑनलाइन भूमि रिकॉर्ड प्रणाली में अपडेट नहीं होने से भूमि संबंधित कार्य जैसे नामांतरण, खसरा खतौनी, और भूमि संबंधी अन्य दस्तावेजों का कार्य अटक सकता है।
  2. ई-गवर्नेंस योजनाएं बाधित:
    डिजिटल इंडिया के तहत चल रही कई योजनाओं, जैसे कि ऑनलाइन भूमि हस्तांतरण और दस्तावेज़ सत्यापन, में रुकावट आ सकती है।
  3. आम जनता को परेशानी:
    किसानों और अन्य आम नागरिकों को भूमि संबंधित मामलों में देरी का सामना करना पड़ेगा। इस वजह से उनका रोज़मर्रा का काम प्रभावित हो सकता है।
  4. प्रशासनिक कामकाज में रुकावट:
    राजस्व संबंधित रिपोर्टिंग और अन्य प्रशासनिक कार्यों में बाधा आएगी, जिससे सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में देरी हो सकती है।

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ बहिष्कार: संभावित लाभ

  1. सरकार पर दबाव:
    इस बहिष्कार से सरकार पर दबाव बनेगा कि वह पटवारियों की मांगों का जल्द समाधान करे और उन्हें उचित संसाधन उपलब्ध कराए।
  2. कार्य प्रणाली में सुधार:
    यदि सरकार पटवारियों की मांगों को स्वीकार करती है, तो यह कार्यप्रणाली में सुधार ला सकता है। संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता से कार्य की गति में तेजी आएगी और कार्यबल की मनोबल भी बढ़ेगा।

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पटवारी संघ की अपील और सरकार का रुख

पटवारी संघ बलौदाबाजार जिलाध्यक्ष पटवारी संघ राजीव तिवारी ने साफ शब्दों में कहा है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका बहिष्कार जारी रहेगा। संघ ने सरकार से अपील की है कि तकनीकी, संसाधन और कार्यभार से संबंधित समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए।

वहीं, राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिसके कारण स्थिति और गंभीर हो सकती है। सरकार के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है, क्योंकि इससे न केवल प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो सकता है, बल्कि आम जनता की परेशानी भी बढ़ सकती है।


समाधान की दिशा: पटवारी संघ के मुद्दे का हल संवाद, संसाधन और कार्यभार में कमी से

इस मुद्दे का समाधान सरकार और पटवारी संघ के बीच संवाद और समझौते से ही संभव है। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  1. संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना:
    सरकार को पटवारियों को उचित तकनीकी उपकरण और इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करनी होगी, ताकि वे बिना किसी समस्या के अपने कार्यों को पूरा कर सकें।
  2. कार्यभार में कमी:
    पटवारियों पर कार्यभार कम करने के लिए नई प्रक्रिया विकसित की जा सकती है, जिससे उन्हें अतिरिक्त दबाव न झेलना पड़े।
  3. प्रशासनिक संवाद:
    सरकार और संघ के बीच नियमित संवाद बनाए रखना चाहिए ताकि किसी भी समस्या का हल तुरंत निकाला जा सके।

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार: समाधान के लिए सरकार और संघ को मिलकर उठाने होंगे ठोस कदम

छत्तीसगढ़ पटवारी संघ बहिष्कार: छत्तीसगढ़ पटवारी संघ का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार प्रशासनिक और नागरिक सेवाओं पर गंभीर असर डाल सकता है। इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब सरकार और संघ मिलकर उचित कदम उठाएंगे। इसके लिए संवाद, संसाधनों की उपलब्धता और कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है, ताकि पटवारियों को राहत मिल सके और राज्य की प्रशासनिक मशीनरी सुचारू रूप से चलती रहे।


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