KTUJM Raipur: छत्तीसगढ़ प्रदेश की कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के प्रोफेसर शाहिद अली को कुलपति बलदेव भाई शर्मा ने बर्खास्त कर दिया है. यूनिवर्सिटी के कुलपति बलदेव शर्मा ने बीते 27 मार्च को यह आदेश जारी किया था. आदेश की तिथि से ही जनसंचार के विभागाध्यक्ष शाहिद अली को विश्विद्यालय ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है.
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KTUJM Raipur: मिली जानकारी अनुसार बता दें कि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम जनसंचार विश्वविद्यालय की जांच में पता चला कि शाहीद अली प्रोफेसर पद की नियुक्ति के लिए पात्र नहीं थे. उनका जवाब भी संतोषप्रद नहीं था. गुरुघासीदास विश्वविद्यालय ने भी उनका अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने से इंकार कर दिया है. इसके चलते उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.
- माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की डबल बेंच द्वारा प्रकरण क्रमांक 74 of 2024 में दिनांक 14.02.2024 के आदेश के परिपालन में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवम् जनसंचार विश्वविद्यालय में रीडर / एसोसिएट प्रोफेसर के पद से कार्यपरिषद के निर्णयानुसार दिनांक 13.07.2023 को आपकी (डॉ. शाहिद अली की) बर्खास्तगी के तारतम्य में पुनः आपको अपना पक्ष रखने का एक और अवसर दिया गया।
- तत्संबंधी विभागीय जांच में आपकी व्यक्तिगत सुनवाई, उसमें आपके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज तथा जांच अधिकारी के जांच प्रतिवेदन, और उसके आधार पर आपको दिए गए कारण बताओ नोटिस का आपके द्वारा दिनांक 26.03.2024 को प्रदत्त जवाब का सूक्ष्म निरीक्षण व अध्ययन करने के उपरांत पाया गया है कि इस परिप्रेक्ष्य में आपका जवाब संतोषजनक और सुसंगत नहीं है।
- अतः मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं कि आप विश्वविद्यालय में रीडर/एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर अपनी नियुक्ति के लिए पात्र नहीं थे और न आवेदन के साथ दिए गए आपके दस्तावेज पद के लिए अनिवार्य अर्हता को पूर्ण करते थे। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर (छ. ग.) ने भी डॉ. शाहिद अली को अधिकृत रूप से ऐसा कोई शिक्षण अनुभव प्रमाणपत्र जारी करने से दिनांक 22.03.2023 को लिखित इनकार किया है।
- अतः एतद द्वारा डॉ. शाहिद अली के प्रतिवेदन को सम्पूर्णता में अमान्य करते हुए दिनांक 27.03.2024 से डॉ. शाहिद अली की सेवा समाप्त मानी जाएगी।
- यह आदेश जारी होने की तारीख से डॉ. शाहिद अली की सेवा-भविष्य में अन्यत्र नियोजन को प्रभावित किए बिना (Termination Simpliciter)- पात्रता और उपयुक्त प्रमाणपत्र के अभाव में समाप्त की जाती है।
- माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए आपके विरुद्ध विभागीय जांच संस्थापित की गई। इसलिए डॉ. शाहिद अली को सेवा में मानते हुए (Deemed to be in service) डॉ. शाहिद अली को दिनांक 13.07.2023 से आज दिनांक 27.03.2024 तक की अवधि के लिए विश्वविद्यालय से नियमानुसार उस अवधि के वित्तीय लाभों का भुगतान किया जाएगा।