एथेनॉल प्लांट विरोध: 100 दिनों से चल रहा धरना, रायपुर तक फैला आंदोलन देखिए Exclusive

एथेनॉल प्लांट विरोध: 100 दिनों से चल रहा धरना, रायपुर तक फैला आंदोलन (Chhattisgarh Talk Exclusive Ground Report)
एथेनॉल प्लांट विरोध: 100 दिनों से चल रहा धरना, रायपुर तक फैला आंदोलन (Chhattisgarh Talk Exclusive Ground Report)

अरुण पुरेना, रायपुर/बेमेतरा: बेमेतरा के ग्राम पथर्रा और रांका में एथेनॉल प्लांट के खिलाफ विरोध 100 दिनों से जारी है। अब यह आंदोलन रायपुर तक पहुंच चुका है, जहां प्रदर्शनकारियों ने मसाल रैली निकाली। जानिए इस आंदोलन के पीछे ग्रामीणों की मुख्य चिंता और उनकी मांगें।

एथेनॉल प्लांट विरोध: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के ग्राम पथर्रा और रांका में प्रस्तावित एथेनॉल प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध अब और अधिक मुखर हो गया है। पिछले 100 दिनों से इन गांवों के लोग नेशनल हाईवे के किनारे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। यह विरोध अब केवल गांवों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजधानी रायपुर तक पहुंच चुका है, जहां पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए कार्रवाई की। इस आंदोलन में शामिल ग्रामीणों का कहना है कि जब तक एथेनॉल प्लांट की स्थापना को रद्द नहीं किया जाता, उनका विरोध जारी रहेगा।

एथेनॉल प्लांट विरोध: 100 दिनों से चल रहा धरना

बेमेतरा जिले के पथर्रा और रांका गांवों में एथेनॉल प्लांट के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब एक बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है। 100 दिनों से अधिक समय से ग्रामीण नेशनल हाईवे के किनारे धरना दे रहे थे, लेकिन अब उनका विरोध राजधानी रायपुर तक फैल गया है। रायपुर पहुंचने पर प्रदर्शनकारियों ने मसाल रैली निकाली थी, लेकिन रायपुर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की। इसके बाद, बेमेतरा पुलिस ने भी कुछ आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया। बावजूद इसके, ग्रामीणों के हौसले में कोई कमी नहीं आई है और वे अपनी मांगों के लिए अपनी आवाज और तेज़ी से उठाने के लिए तैयार हैं।

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“हम सभी एकजुट हैं, और इस विरोध को तब तक जारी रखेंगे जब तक हमारी आवाज सुनी नहीं जाती। सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” -ग्रामीण

बेमेतरा में एथेनॉल प्लांट के खिलाफ विरोध, रायपुर तक फैला आंदोलन

प्रारंभ में ग्रामीणों ने अपनी लड़ाई नेशनल हाईवे के किनारे शुरू की थी, लेकिन अब उनका विरोध और भी तेज हो गया है। उन्होंने ग्राम पथर्रा के पास मुख्य मार्ग पर पत्थर रखकर रास्ता बंद कर दिया है। यह कदम इस बात का संकेत है कि उनका आंदोलन अब और अधिक दृढ़ हो चुका है और वे किसी भी हाल में एथेनॉल प्लांट की स्थापना को नहीं होने देंगे। ग्राम पथर्रा में धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि जब तक एथेनॉल प्लांट का निर्माण रुक नहीं जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। उनका यह दृढ़ नायक रुख इस आंदोलन को और भी बड़ा बना रहा है।

ग्रामीणों के आरोप और आंदोलन की वजह जाने

ग्रामीणों का कहना है कि एथेनॉल प्लांट की स्थापना से उनके गांव का पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित होगा। उनके अनुसार, प्लांट के निर्माण से पानी और हवा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, जिससे उनके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्लांट के लिए जो भूमि अधिग्रहित की जा रही है, वह उनकी खेती की भूमि है, जिस पर उनका जीवन निर्भर है।

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एथेनॉल प्लांट विरोध: ग्रामीणों का कहना है कि पहले उन्हें यह बताया गया था कि प्लांट उनके लिए फायदेमंद होगा, लेकिन अब वे इसे अपने गांव और उनके जीवन के लिए एक गंभीर खतरा मानते हैं। वे यह भी कहते हैं कि अगर प्लांट शुरू होता है तो उनके गांव का पर्यावरण और आजीविका प्रभावित होगी, जिससे उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संकट उत्पन्न हो जाएगा।

“हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इस फैक्ट्री का काम रुक नहीं जाता। हमारे गांव की जिंदगी खतरे में है। हमारी आवाज को सुना जाना चाहिए।” -ग्रामीण

Exclusive ग्राउंड रिपोर्ट देखिए: मौके पर संवाददाता अरुण पुरेना

क्या हैं ग्रामीणों की मांग?

ग्रामीणों ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे अपनी मांगों के लिए एकजुट हैं और उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी आवाज को नहीं सुना जाता। उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि सरकार एथेनॉल प्लांट की स्थापना को पूरी तरह से रद्द करे और इस परियोजना के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान निकाले। उनका यह भी कहना है कि सरकार को उनके गांवों के भविष्य को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए।

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ग्रामीणों का आंदोलन जारी, एथेनॉल प्लांट के विरोध में रायपुर में हंगामा

धरने पर बैठे कुछ ग्रामीणों ने कहा, “हमारा संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक इस प्लांट का काम नहीं रुकता। हमारे गांव की जिंदगी खतरे में है और सरकार को हमारी समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए।” कुछ अन्य ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यह सिर्फ उनका व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सभी किसानों और ग्रामीणों का मामला है, इसलिए वे सब मिलकर इस आंदोलन को और भी मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

आंदोलन के भविष्य को लेकर अटकलें

यह सवाल उठ रहा है कि सरकार इस आंदोलन को कब तक नजरअंदाज कर पाएगी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अपनी आवाज को तब तक उठाते रहेंगे जब तक उनके मुद्दे का समाधान नहीं होता। आंदोलन अब तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और इसके परिणाम आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

एथेनॉल प्लांट विरोध: ग्रामीणों के मन में यह डर बना हुआ है कि अगर सरकार ने इस मुद्दे पर तत्काल कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो उनका भविष्य संकट में पड़ सकता है। सरकार को अब इस आंदोलन को गंभीरता से लेकर इसे सुलझाने की आवश्यकता है।

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