Chhattisgarh News: मरवाही वन मंडल से लगे अलग अलग गांवों में बाघ घूमने से लोगों में दहशत है.
हेमेंद्र कारफार्मा/गौरेला पेंड्रा मरवाही, छत्तीसगढ़: मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के मरवाही वन मंडल के विभिन्न गांवों में बाघ की हलचल ने ग्रामीणों के बीच दहशत का माहौल बना दिया है। ताजा घटना में, एक बाघ ने उसाढ़ गांव के पास एक गाय के बछड़े पर हमला कर उसे घायल कर दिया। यह घटना गुरुवार रात की है, जब बाघ ने पहले परासी गांव में कुछ समय आराम किया और फिर उसाढ़ गांव के मैनटोला क्षेत्र में हमला किया।
गौरेला पेंड्रा मरवाही में बाघ ने बछड़े पर किया हमला, बाघ के पंजे के निशान मिले
गुरुवार शाम को बाघ ने सिवनी गांव होते हुए चंगेरी परासी तक यात्रा की। वहां दिनभर आराम करने के बाद, वह रात के समय परासी गांव से आगे बढ़ा। इस दौरान, वन विभाग की टीम बाघ की गतिविधियों पर निगरानी रखे हुए थी, लेकिन देर रात बाघ जंगल की ओर बढ़ गया। फिर, वह मरवाही वन मंडल के उसाढ़ गांव के मैनटोला क्षेत्र में पहुंचा और यहां एक गाय के बछड़े पर हमला किया। बछड़ा घायल हो गया, और इसे तत्काल पशु चिकित्सक को दिखाया गया।
ग्रामीणों ने मचाया शोर, बाघ भागा
बाघ के हमले के बाद, मैनटोला गांव के ग्रामीणों ने शोर मचाया, जिससे बाघ डरकर जंगल की ओर भाग गया। वन विभाग की टीम ने घटना स्थल का दौरा किया और वहां बाघ के पंजों के निशान पाए। ये निशान इस बात की पुष्टि करते हैं कि बाघ ने वास्तव में हमले को अंजाम दिया था। निशानों की जानकारी से यह भी स्पष्ट हुआ कि बाघ का रास्ता मध्यप्रदेश के अनुपपुर जिले और छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के आसपास से होकर गुजर रहा था।
Talk Exclusive: छत्तीसगढ़ के पटवारियों को राज्य शासन ने नहीं दी कंप्यूटर, लैपटॉप और इंटरनेट सुविधाएँ -सरकार की डिजिटल पहल पर सवाल, ऑनलाइन कार्य कैसे होगा?
वन विभाग की सतर्कता
घटना के बाद, वन विभाग ने बाघ की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी बढ़ा दी है। ग्रामीणों को भी सचेत किया गया है और बाघ के साथ संभावित टकराव से बचने के लिए सावधान रहने की अपील की गई है। हालांकि बाघ ने किसी भी मानव पर हमला नहीं किया, फिर भी आसपास के गांवों में डर का माहौल है, क्योंकि बाघ का रहना और हमला करने से लोगों में चिंता बढ़ गई है।
आसपास के गांवों में दहशत
जहां बाघ के पंजे के निशान मिले हैं, वहां से अनुपपुर और एमसीबी जिले की सीमाएं काफी नजदीक हैं। इस कारण इन जिलों के साथ-साथ आसपास के अन्य गांवों में भी डर का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा को लेकर आशंका व्यक्त की है और वन विभाग से बाघ को जल्दी पकड़ने की मांग की है।
वन विभाग का कहना है?
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वे बाघ की गतिविधियों पर पूरी तरह से निगरानी रखे हुए हैं और ग्रामीणों को सुरक्षा के उपाय बताए जा रहे हैं। विभाग का कहना है कि बाघ को पकड़ने के लिए टीम प्रयास कर रही है और जल्द ही उसे सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की योजना बनाई जाएगी।
Chhattisgarh News: यह घटना एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती है कि मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष बढ़ सकता है, जब जंगलों में बाघ और अन्य जानवरों के आवासों में कमी आती है।
धान खरीदी टोकन सॉफ़्टवेयर में गड़बड़ी: किसानों के लिए नई मुश्किलें, 15 जनवरी तक सभी टोकन हुए ‘फूल’
ग्यारह साल बाद हो रहा रेलवे यूनियन मान्यता चुनाव, मतदान को लेकर कर्मचारियों में गहरा उत्साह