बलौदा बाजार: जिले के ग्राम दतान के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण ग्रामीणों को इलाज में भारी परेशानी हो रही है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से त्वरित कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है। जानें इस गंभीर समस्या के बारे में पूरी जानकारी।
Baloda Bazar News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के तहसील पलारी के ग्राम दतान स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह स्वास्थ्य केंद्र 22 गांवों के लगभग 50 मरीजों को रोजाना सेवाएं देने का दावा करता है, लेकिन डॉक्टर के ड्यूटी से नदारद रहने के कारण मरीजों को इलाज के बिना ही लौटना पड़ता है।
बलौदा बाजार: डॉक्टर की अनुपस्थिति से बढ़ी समस्या
बलौदा बाजार जिले के ग्राम दतान के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त डॉक्टर सतीश सेन की नियमित अनुपस्थिति से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं। महीने में कुछ ही दिन वे यहां आते हैं, और बाकी समय वे मुख्यालय पलारी में अपने कर्तव्यों को निभाने में व्यस्त रहते हैं। डॉक्टर की अनुपस्थिति की वजह से, जो मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं, उन्हें बिना उपचार के वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ता है। यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है जब आपातकालीन स्थिति में मरीजों को इलाज की आवश्यकता होती है और वे भटकने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
हालांकि, केंद्र में पर्याप्त संख्या में नर्सिंग स्टाफ और अन्य सहायक कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन डॉक्टर के बिना स्वास्थ्य सेवाएं अधूरी साबित हो रही हैं। एक ओर चिंता की बात यह है कि तीन डॉक्टरों के पद स्वीकृत होने के बावजूद यहां केवल एक डॉक्टर की नियुक्ति की गई है, जो पहले से ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलारी में कार्यरत हैं।
बलौदा बाजार: स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर के पदों की स्थिति
बलौदा बाजार जिले के ग्राम दतान के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुल तीन डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इन पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। यहां केवल एक डॉक्टर हैं, जो अन्य स्थानों पर भी अपनी ड्यूटी निभाते हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि गांव के लोग इलाज के लिए अन्य जगहों पर जाने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे न केवल उनके समय और पैसे की बर्बादी हो रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
ग्रामीणों का गुस्सा और प्रशासन से कार्रवाई की मांग
बलौदा बाजार जिले के ग्राम दतान के ग्रामीण इस स्थिति से परेशान हैं और उन्होंने कई बार प्रशासन से इस समस्या को हल करने की मांग की है। ग्राम पंचायत के सरपंच, वेद प्रकाश वर्मा ने खंड चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सा अधिकारी, और कलेक्टर दीपक सोनी तक इस मामले को उठाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सरपंच ने बताया कि इस मुद्दे को उठाने के बावजूद प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उनका कहना है कि यह स्वास्थ्य केंद्र केवल दतान गांव के लिए नहीं, बल्कि आसपास के 22 गांवों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जहां रोज़ाना सैकड़ों लोग इलाज के लिए आते हैं।
दतान स्वास्थ्य केंद्र: आंदोलन की चेतावनी
बलौदा बाजार जिले के ग्राम दतान के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उनका कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की हालत ऐसी नहीं रहनी चाहिए, जहां उन्हें अपनी बुनियादी स्वास्थ्य जरूरतों के लिए भटकना पड़े। अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग से उम्मीद
बलौदा बाजार जिले के ग्राम दतान के ग्रामीणों का कहना है कि इस गंभीर समस्या का समाधान त्वरित रूप से किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उनका कहना है कि कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग को इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने चाहिए। प्रशासन को गैर-जिम्मेदार डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नए डॉक्टर की नियुक्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।
ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का प्रतीक
यह सिर्फ ग्राम दतान की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे बलौदा बाजार जिले के ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का स्पष्ट उदाहरण है। अगर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई करें और सुनिश्चित करें कि ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
बलौदा बाजार जिले के ग्राम दतान के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की अनुपस्थिति एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। यह समस्या केवल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रशासन की अनदेखी नहीं, बल्कि पूरे ग्रामीण समाज की स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता का प्रतीक है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत कदम उठाए और गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार लाए। अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को और कमजोर कर सकता है।
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