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Assembly Election : कांग्रेस ही एकमात्र किसान हितैषी पार्टी और किसानों के हित मे चिंता करने वाली एकमात्र पार्टी- भुपेश बघेल

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Assembly Election : कांग्रेस ही एकमात्र किसान हितैषी पार्टी और किसानों के हित मे चिंता करने वाली एकमात्र पार्टी- भुपेश बघेल

Chhattisgarh Talk / लखेश्वर यादव / जांजगीर चांपा : 2018 से पहले एक समय था जब छत्तीसगढ़ में हर दिन औसतन चार से अधिक किसान राज्य में आत्महत्या कर रहे थे और किसानों को धान का कम दाम, घोटालों पर घोटाले, कम खरीदी, कर्ज, महंगी खाद भाजपा की सरकार की किसानों को बस यही सब मिला था। धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने की मंशा से तात्कालीन प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेश बघेल के द्वारा फसल उत्पादकता एवं फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कर्ज माफी और 2500 रुपए प्रति एकड़ देने की घोषणा की और उसे भी भाजपा की केंद्र सरकार ने बोनस पर आपत्ति कर अटकाने की कोशिश की और फिर जन्म हुआ राजीव गांधी किसान न्याय योजना का।

इस योजना के तहत किसानों को अब तक 30 हजार करोड़ रूपए की सीधी मदद इनपुट सब्सिडी के रूप में दी गई है, जिसके चलते फसल उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। किसानों पर बकाया 9270 करोड़ रुपये की कर्जमाफी और 350 करोड़ रूपए के सिंचाई कर भी छत्तीसगढ़ सरकार ने माफ किया है, जिससे किसानों का उत्साह बढ़ा है और कृषि को संबल मिला है। खेती-किसानी छोड़ चुके किसानों का रूझान फिर से खेती की ओर बढ़ा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में में पंजीकृत धान का रकबा जो 11.60 लाख हेक्टेयर था, जो आज बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर अधिक हो गया है। इसी अवधि में पंजीकृत किसानों की संख्या 11.92 लाख से बढ़कर 26 लाख के पार जा पहुची है। राज्य में भाजपा के समय एक समय 52 लाख मीट्रिक टन जो आज बढ़ कर 2022-23 में 107 लाख टन के रिकार्ड खरीदी समर्थन मूल्य हुई है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत धान के बदले अन्य फसलों की खेती या वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है। कोदो, कुटकी और रागी के उत्पादक किसानों को भी इस योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए सब्सिडी दी जा रही है। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को यह इनपुट सब्सिडी 3 वर्षों तक दी जाएगी। छत्तीसगढ़ जैसे विपुल धान उत्पादक राज्य में फसल विविधीकरण समय की मांग और जरूरत है। सरकार इस बात को भलीभांति जानती है।

इसी प्रकार सहकारी बैंकों से ऋण राशि में भारी वृद्धि की गई है पहले प्रति हेक्टेयर सिंचित कृषकों को 42 हजार दिया जाता था अब 58 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाता है। असिंचित कृषकों को पहले प्रति हेक्टेयर 28 हजार दिया जाता था अब 44 हजार प्रति हेक्टेयर दिया जाता है। इसी प्रकार समितियों में पहले 50% खाद व 50% राशि दी जाती थी अब वो 40 व 60 कर दी गयी है । कुल केसीसी ऋण राशि पहले 17-18 में 3546 करोड़ थी जो अब बढ़ कर 22-23 में 6501 करोड़ रुपये हो चुकी है। इसी कड़ी मे राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत की गई जिसके तहत ऐसे मजदूर जिनके पास स्वयं की जमीन नहीं है और जो दूसरों के खेतों में कृषि मजदूरी करते हैं, ऐसे 4.99 लाख परिवारों को 7 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिया जा रहा है। अब तक 516 करोड़ रुपये की मदद की जा चुकी है।

छत्तीसगढ़ मे किसानों की बढ़ती हुई संपन्नता को समझते हुए वर्तमान राज्य सरकार व काँग्रेस पार्टी ने 2023 के अपनी गारंटियों में फिर से किसानों का कर्ज माफी की घोषणा की जिसमें फिर से लगभग 8000 करोड़ का कर्ज माफ होने की उम्मीद है , 3200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जाएगी जिसके माध्यम से लगभग 41 हजार करोड़ किसानों के खाते में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से मिलेगा जिससे पूरे प्रदेश के बाजारों में रौनक आएगी और तो और 20 क्विंटल धान की खरीदी की शुरुआत हो चुकी है और भूमिहीन कृषक न्याय योजना की राशि भी 7000 रुपये प्रति वर्ष से बढ़ कर 10 हजार रुपये प्रति वर्ष की घोषणा की गई है। इस प्रकार प्रदेश की काँग्रेस सरकार पूरी तरह से किसानों की हितैषी है और वही किसानों के हित मे चिंता करने वाली एकमात्र पार्टी है।

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