कोरसागुड़ा बालक आश्रम में तैनात शिक्षक ने की आत्महत्या, कुछ महीने पहले गुरुजी की हुई थी सगाई, कॉल डिटेल्स से खुलेगा राज

कोरसागुड़ा बालक आश्रम में तैनात शिक्षक सन्नू राम उसेंडी ने की आत्महत्या, कुछ महीने पहले गुरुजी की हुई थी सगाई, कॉल डिटेल्स से खुलेगा राज (Chhattisgarh Talk)
कोरसागुड़ा बालक आश्रम में तैनात शिक्षक सन्नू राम उसेंडी ने की आत्महत्या, कुछ महीने पहले गुरुजी की हुई थी सगाई, कॉल डिटेल्स से खुलेगा राज (Chhattisgarh Talk)

बालक आश्रम कोरसागुड़ा में पदस्थ शिक्षक सन्नू राम उसेंडी ने आत्महत्या कर ली। कुछ महीने पहले ही हुई थी सगाई, कॉल डिटेल से खुल सकता है राज।

अखिलेश उप्पल, बीजापुर: स्कूल की क्लासरूम अब सूनी है, बच्चों की आंखों में सन्नाटा है और पूरे शिक्षा विभाग में शोक की लहर है। 28 वर्षीय शिक्षक सन्नू राम उसेंडी ने बीते दिनों बालक आश्रम कोरसागुड़ा में संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली। पेशे से शिक्षक और निजी जीवन में एक भावी दूल्हा, सन्नू की यह विदाई किसी को समझ नहीं आ रही।

  • आखिरी कॉल की गुत्थी: किससे थी वो अंतिम बातचीत?

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के भीतर आने वाले बालक आश्रम कोरसागुड़ा में पदस्थ मृतक शिक्षक का नाम सन्नू राम उसेंडी था। आत्मघाती कदम उठाने से पहले सन्नू राम ने किसी से फोन पर बात की थी। पुलिस को यह कॉल क्लूज अहम लग रहे हैं। हालांकि, अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने किससे और क्या बातचीत की। पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकलवाने की प्रक्रिया में जुटी है, जिससे पता लगाया जा सके कि अंतिम क्षणों में किससे संपर्क था और क्या बात हुई।

कुछ महीने पहले हुई थी सगाई, जल्द ही थी शादी की तैयारी

जानकारी के अनुसार, सन्नू राम की कुछ माह पूर्व ही सगाई हुई थी, और घर में जल्द शादी की तैयारियां भी शुरू हो गई थीं। ऐसे में इस आत्मघाती कदम ने परिवार, मित्रों और सहकर्मियों को स्तब्ध कर दिया है। ना तो कोई सुसाइड नोट मिला और ना ही अब तक किसी स्पष्ट कारण की पुष्टि हो पाई है।

गुरुजी के जाने से छात्र मर्माहत

सन्नू राम उसेंडी पिछले कुछ वर्षों से कोरसागुड़ा बालक आश्रम में शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। अपने सहज व्यवहार और पढ़ाने के अंदाज के कारण वे छात्रों में खासे लोकप्रिय थे। उनके निधन की खबर सुनकर आश्रम में मौजूद बच्चों की आंखें नम हो गईं।

पुलिस जांच जारी, अधिकारियों का दौरा

घटना की सूचना मिलते ही बीईओ और शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिवार से पूछताछ के बाद ही आत्महत्या के पीछे की असली वजह सामने आने की उम्मीद है।


एक सवाल… क्यों तोड़ गया शिक्षक सन्नू उसेंडी?

एक ओर जीवन की नई शुरुआत की तैयारी थी — सगाई, शादी, नौकरी, और बच्चों की मुस्कुराहटें… लेकिन दूसरी ओर एक चुप्पी, एक खामोश अंत।

क्यों? यह सवाल अब शिक्षा विभाग से लेकर मृतक के परिजनों तक सभी के मन में गूंज रहा है।


शिक्षक सन्नू राम उसेंडी को श्रद्धांजलि

यह घटना एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कहीं हमारे आस-पास कोई मानसिक तनाव से जूझ तो नहीं रहा? क्या हमने कभी उनके चुप रहने की वजह जानने की कोशिश की?

इस खबर के साथ हम छत्तीसगढ़ टॉक की पूरी टीम भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं उस युवा शिक्षक को, जिसने नन्हें बच्चों को जीवन का पाठ पढ़ाया, लेकिन खुद जीवन की जटिलता से हार गया।


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