बरसात आते ही खुली प्रशासन की पोल, मैनपुर क्षेत्र में नदी लाने उफान पर, कहीं ट्रैक्टर बीच नदी में फंसी तो कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दवाई भेजने के लिए घोड़े का लिया गया सहारा

बरसात आते ही खुली प्रशासन की पोल, मैनपुर क्षेत्र में नदी लाने उफान पर, कहीं ट्रैक्टर बीच नदी में फंसी तो कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दवाई भेजने के लिए घोड़े का लिया गया सहारा
बरसात आते ही खुली प्रशासन की पोल, मैनपुर क्षेत्र में नदी लाने उफान पर, कहीं ट्रैक्टर बीच नदी में फंसी तो कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दवाई भेजने के लिए घोड़े का लिया गया सहारा

बरसात आते ही खुली प्रशासन की पोल, मैनपुर क्षेत्र में नदी लाने उफान पर, कहीं ट्रैक्टर बीच नदी में फंसी तो कहीं ग्रामीण क्षेत्रों में दवाई भेजने के लिए घोड़े का लिया गया सहारा

प्रशासन की आश्वाशन रूपी झुनझुना के चलते वर्षो से मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहें हैं क्षेत्रवासी

लतीफ मोहम्मद/मैनपुर: पहली बरसात के बाद मैनपुर क्षेत्र के राजापड़ाव क्षेत्र में प्रशासन के उदासीनता की पोल खोलकर रख दी हैं, जिसका खामयाजा क्षेत्रवासीयों को पूरे बरसात भर भुगतान पड़ता हैं,गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखंड मैनपुर वनांचल क्षेत्र होने के कारण विकास से कोसों दूर हैं। यहां के जनता एवं जनप्रतिनिधि आए दिन सड़को पर उतर कर प्रदर्शन तो करते नजर आते किंतु मांग को पूरा करने में कहीं न कहीं प्रशासन के आश्वासन रूपी लॉलीपॉप के आगे झुकना पड़ता हैं। जिसके चलते हर वर्ष की भांति बरसात के दिनों में इन्हें मूलभूत समस्याओं से जूझना पड़ता हैं।

इन ग्राम पंचायतों को झेलना पड़ता हैं बरसात में मार

विकासखंड मैनपुर अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत अडगड़ी, शोभा, गोना, भुतबेड़ा, कुचेंगा, गराहडीह, गौरघाट, गरीबा, मैनपुरकला के ग्रामीणों का बरसात के दिनों में ब्लॉक मुख्यालय से ससंपर्क टूट जाता हैं। साथ ही इसके अलावा इनके आश्रित ग्राम के ग्रामीणों को समय में अन्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंच पाता हैं। इन ग्राम पंचायतों में सड़क,पुलिया निर्माण एवं अन्य सरकार की योजनाओं का कमी साफ तौर पर देखा जा सकता हैं। भारी बरसात के दिनों में यहां न तो स्वास्थ्य सेवा समय में मिल पाता हैं और ना ही समय में ग्रामीणों को पीडीएस का राशन नसीब होता हैं। यहां तक नदी नाले उफान पर होने से स्कूली बच्चों तक भी शिक्षक समय में नहीं पहुंच पाते,जिसके चलते छात्र छात्राओं को बरसात के मौसम में बिना गुरु से ज्ञान लेना पड़ता हैं।

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नदी में पानी अचानक बढा, चालक और किसान कूद कर बचाए जान

मूलभुत समस्या ताजा उदाहरण देखने को मिला मंगलवार शाम 4:00 बजे के आसपास गरहाडीह के आश्रित ग्राम धोबनडीह के किसान कवल सिंह मंडावी के ट्रैक्टर गाँव के समीप सोंढूर नदी के बाढ़ में फंस जाने के कारण किसान के सूझबूझ से 4 घंटा मशक्कत के बाद जेसीबी से बाहर निकाला गया। बाढ़ के स्थिति को देखते हुए ड्राइवर और ग्रामीण ट्रैक्टर को छोड़ नदी के में कूदकर खंडहर में जा पहुंचे तब जान बची, चुंकि मैनपुर आसपास में भारी बारिश के चलते क्षेत्र के नदी नाले में अचानक उफान देखने को मिला। अचानक आई बाढ़ से ट्रैक्टर डूब गया,जान बचाने चालक और ट्रैक्टर में सवार ग्रामीण कूद कर तैरते हुए बाहर निकले। ज्ञात हो कि मैनपुर विकासखंड के राजापडा़व गौरगांव क्षेत्र में हर वर्ष बरसात के दिनों में नदी नाले में उफान देखने को मिलता हैं। जिसके कारण हमेशा अनहोनी घटनाओं से क्षेत्र वासियों को जूझना पड़ता है। संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा क्षेत्र के नदी नालों में पुलिया निर्माण के लिए स्टीमेट बनाकर उच्च स्तर में स्वीकृति के लिए भेजा तो जाता हैं पर पुल पुलिया स्वीकृत नहीं हो पाता हैं जिसके चलते यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओ के लिए काफी पिछड़ा हुआ हैं।

मांगों को लेकर सड़को पर कई बार उतरे ग्रामीण, मिला आश्वासन रूपी लॉलीपॉप

राजापड़ाव क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 8 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण हर साल अपने क्षेत्र की मांगों को लेकर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करते हुए दिखे हैं, किंतु प्रशासन द्वारा इन्हें आश्वासन रूपी झुनझुना पकड़ा कर शांत कर दिया जाता हैं और नतीजा वर्षो से चले आ रहे समस्या जस की तस बनी हुई हैं,जिसके चलते बारिश के दिनों में उचित सुविधा नहीं मिलने के चलते कई लोगों को जान गवानी पड़ी हैं। प्रशासन की ओर से इनकी मांगो पर आश्वाशन तो दिया जाता हैं किंतु आश्वासन जमीन में नजर नहीं आता हैं,जिसके चलते साल दर साल इन्हें सड़क की लड़ाई लड़ने पर मजबूर होना पड़ता हैं, अगस्त महीना में ही हजारों की संख्या में मैनपुरकला के आश्रित ग्राम कसाबाय में पुलिया निर्माण को लेकर नेशनल हाइवे को जाम किया था, पर क्षेत्र के लिए श्राप बन चुकी आश्वासन ने फिर ग्रामीणों को शांत कर खाली हाथ जाने पर मजबूर किया।

पहाड़ों पर बसे ग्रामों में घोड़ें के माध्यम से भेजा गया जीवन रक्षक दवा

बुनियादी सुविधाओ के कमी से जूझने का दूसरा उदाहरण देखने को मिला बुधवार को जहां पहाड़ों पर बसे विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए जिले के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ गार्गी यदु कुल्हाडीघाट पहुंचकर मैनपुर क्षेत्र के पहाड़ों के ऊपर बसे अति दुर्गम ग्राम ताराझर, कुर्वापानी,भालूपानी, मटाल जैसे ग्रामों में ग्रामीणों के लिए घोड़ें में जीवन रक्षक दवा लादकर भेजा गया, ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो साथ ही स्थानीय अधिकारियों को जल्द गांव-गांव स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।

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ज्ञात हो कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में लगातार बुखार और मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में छोटे-छोटे स्कूली छात्र छात्राओं की भींड सुबह से लगी रहती है। साथ ही प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में बुखार और मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं। चार दिन पूर्व भी मैनपुर क्षेत्र के ग्राम दर्रीपारा में मलेरिया और खून की कमी से एक छात्र की मौत की खबर के बाद जिला प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लिया और ग्राम देहारगुडा, दर्रीपारा में स्वास्थ्य अमला पहुंचकर जहां एक ओर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया वही गांव में रैली निकालकर लोगों को मलेरिया, डायरिया के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

मुझे इस ब्लॉक में पदस्थ हुए कुछ ही माह हुए हैं, मैंने उक्त क्षेत्र का दौरा कर आवश्यकतानुसार स्थान पर विभिन्न निर्माण कार्य को स्वीकृत भी करवाए हैं और अति आवश्यक स्थान को चिन्हाकित कर जिला कार्यालय को भी सूचना दिए हैं, और कुछ कार्य निर्माणाधीन हैं, बारिश के चलते कार्य प्रभावित हैं। संभवत: कुछ ही माह में समस्याओं का समाधान देखने को मिलेगा। -डॉ.टी.डी.मरकाम, एसडीएम मैनपुर

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