Chhattisgarh Talk की खबर का असर: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल भंसुली के महिला प्रधानपाठक पर गंभीर आरोप लगे हैं। छात्रों और गांववासियों के अनुसार, प्रधानपाठक कुमारी वर्मा द्वारा बच्चों से रील बनाने का दबाव डाला जाता था और विरोध करने पर टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) की धमकी दी जाती थी। इसके अलावा, छात्रों ने गाली-गलौच और शारीरिक हिंसा का भी आरोप लगाया है। शनिवार को इस मामले की खबर जब Chhattisgarh Talk डॉट कॉम पर प्रमुखता से प्रकाशित हुई, तो प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर ने महिला प्रधानपाठक के खिलाफ जांच का आदेश दिया।
महिला प्रधानपाठिका निलंबित: जांच में क्या हुआ खुलासा?
सबसे पहले छत्तीसगढ़ टॉक (Chhattisgarh Talk) डॉट कॉम ने इस मामले को शनिवार को बड़ी प्रमुखता से उजागर किया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को मामले की जांच का आदेश दिया। जांच में यह सामने आया कि कुमारी वर्मा स्कूल में अक्सर गैरहाजिर रहती थीं और पढ़ाई में रुचि नहीं दिखाती थीं। इसके अलावा, रील बनाने के दबाव के चलते बच्चों को मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था।
Chhattisgarh Talk की खबर का असर: जिला शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि महिला प्रधानपाठिका ने कई बार बच्चों को धमकाया और रील न बनाने पर उन्हें स्कूल से निकालने की धमकी दी थी। इन आरोपों की पुष्टि के बाद, कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के तहत कुमारी वर्मा को निलंबित कर दिया।
क्या था पूरा मामला?
महिला प्रधानपाठिका निलंबित: बेमेतरा जिले के भंसुली गांव स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में पढ़ाई का माहौल ठीक नहीं था। छात्राओं का आरोप था कि महिला प्रधानपाठिका कुमारी वर्मा उन्हें पढ़ाई के बजाय सोशल मीडिया रील बनाने के लिए मजबूर करती थीं। जब छात्राएं इन रील्स को बनाने से इंकार करती थीं, तो उन्हें स्कूल से निकालने की धमकी दी जाती थी। यहां तक कि, उन पर टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) काटने का दबाव भी बनाया जाता था।
महिला प्रधानपाठिका निलंबित: बच्चों के आरोप थे कि जब उन्होंने इसका विरोध किया और प्रधानपाठिका के बर्ताव के खिलाफ शिकायत की, तो उन्हें गालियाँ भी दी जाती थीं। कुछ छात्राओं का यह भी कहना था कि महिला प्रधानपाठिका ने एक शिक्षक के साथ बदतमीजी करते हुए साउंड सिस्टम को फेंक दिया था और उन्हें मारने की धमकी दी थी। इस पर बच्चों और उनके माता-पिता ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर से शिकायत की और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
रील का शौक, रियल एक्शन
महिला प्रधानपाठिका निलंबित: शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल भंसुली के महिला प्रधानपाठक कुमारी वर्मा को निलंबित कर उन्हें मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी साजा से अटैच कर दिया गया है। इसके साथ ही, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी रखने का आदेश दिया गया है। कलेक्टर ने यह भी सुनिश्चित किया कि स्कूल के माहौल को सुधारने के लिए और इस तरह के अनुशासनहीनता की घटनाओं को रोका जाए।
कलेक्टर के निर्णय से बच्चों और परिवारों में खुशी
बच्चों और उनके परिवारों ने कलेक्टर के निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना था कि वे लंबे समय से महिला प्रधानपाठिका के उत्पीड़न और मानसिक दबाव का सामना कर रहे थे। इस घटना ने स्कूल के माहौल को न केवल खराब किया, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास और शैक्षिक जीवन को भी प्रभावित किया था।
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अब, कलेक्टर के इस कदम के बाद छात्र-छात्राओं में उम्मीद जगी है कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा और स्कूल में एक बेहतर और सुरक्षित वातावरण बनेगा।
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समाज में जागरूकता की आवश्यकता: शिक्षा क्षेत्र में बच्चों के अधिकारों की रक्षा का सवाल
यह मामला यह भी दर्शाता है कि शैक्षिक संस्थानों में बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन किस हद तक हो सकता है। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच, शिक्षकों और छात्रों के बीच एक उचित सीमा और कार्यस्थल के नियमों की समझ आवश्यक है। इस घटना ने शिक्षा क्षेत्र में ऐसे मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा दिया है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है कि शिक्षक बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों को समझें और उनका पालन करें।
महिला प्रधानपाठिका निलंबित: बेमेतरा के इस स्कूल में महिला प्रधानपाठिका की कार्यशैली ने न केवल बच्चों को मानसिक रूप से परेशान किया, बल्कि स्कूल के शैक्षिक वातावरण को भी नुकसान पहुँचाया। कलेक्टर द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि प्रशासन बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई करेगा।
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