केंद्रीय बजट 2025: क्या भारत की उच्च शिक्षा को मिलेगा नया जीवन?

केंद्रीय बजट 2025 (Union Budget 2025-26)
केंद्रीय बजट 2025 (Union Budget 2025-26)

Union Budget 2025: 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला केंद्रीय बजट 2025-26 भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस बजट में शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र पर सरकार का ध्यान केंद्रित होने की संभावना है। पिछले साल के बजट में सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए थे, जिनमें केंद्रीय विश्वविद्यालयों और एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) के लिए बजट आवंटन में वृद्धि और नई योजनाओं की घोषणा की गई थी। अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस बार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक सुधार करने के लिए तैयार है? क्या इस बजट में शिक्षा क्षेत्र में व्यापक बदलाव आएंगे?

केंद्रीय बजट 2025: पिछले बजट में क्या हुआ था?

पिछले वर्ष के केंद्रीय बजट में उच्च शिक्षा के लिए 47,620 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 7.99 प्रतिशत अधिक था। सरकार ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए बजट में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जबकि एनआईटी और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IIEST) के लिए 5 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। इसके अलावा, छात्रों को शिक्षा ऋण देने के लिए कई पहल की गई थीं, जैसे कि संशोधित कौशल लोन योजना और युवा इंटर्नशिप योजनाओं का प्रारंभ, जिससे छात्रों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर मिले थे।

इस वर्ष के बजट में इन कदमों को आगे बढ़ाने और नई पहल करने की आवश्यकता है, ताकि उच्च शिक्षा के क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिल सके।

केंद्रीय बजट 2025 में क्या उम्मीदें हैं?

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 के बजट में सरकार का ध्यान उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, पहुंच और रोजगार पर होना चाहिए। भारत में शिक्षा क्षेत्र में कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी, रोजगार योग्य कौशल की कमी, और विश्वविद्यालयों के शोध कार्यों के लिए अपर्याप्त संसाधन प्रमुख हैं। इस संदर्भ में, विशेषज्ञों की सलाह है कि आगामी बजट में सरकार को इन समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक निवेश और सुधार लाने चाहिए।

  • गुणवत्ता में सुधार: भारत के उच्च शिक्षा संस्थान कई बार गुणवत्ता के मामले में अंतरराष्ट्रीय मानकों से पीछे रह जाते हैं।उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए और वित्तीय आवंटन बढ़ाने की आवश्यकता है। इसमें शिक्षकों का प्रशिक्षण और शोध कार्यों के लिए संसाधन जुटाना महत्वपूर्ण होगा।
  • डिजिटल शिक्षा का विस्तार: कोविड-19 के बाद डिजिटल शिक्षा की अहमियत बढ़ गई है। सरकार से उम्मीद की जा रही है कि बजट में डिजिटल शिक्षा के लिए और निवेश किया जाएगा, ताकि हर इलाके में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंच सके।
  • अनुसंधान और विकास में निवेश: भारतीय विश्वविद्यालयों में अनुसंधान पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता है। बजट में इसके लिए और निवेश की आवश्यकता है, ताकि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा की जा सके।
  • उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा: उद्योग और शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ाने से छात्रों को रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। बजट में इस दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।
  • कौशल विकास और रोजगार पर फोकस: शिक्षा के बाद छात्रों को रोजगार में मदद के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए विशेष निवेश की उम्मीद है।
  • शैक्षिक बुनियादी ढांचे का उन्नयन: संस्थानों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए अधिक धन आवंटित किया जा सकता है, ताकि छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके।

केंद्रीय बजट 2025-26 उच्च शिक्षा के क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है। यदि सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने और इस क्षेत्र को अधिक संसाधन प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाती है, तो यह भारत को वैश्विक शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान दिलाने में मदद करेगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान में निवेश और डिजिटल शिक्षा के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने से यह क्षेत्र न केवल छात्रों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा, बल्कि देश के समग्र आर्थिक और सामाजिक विकास में भी योगदान देगा।

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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

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