कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने क्यों किया ‘स्वतंत्रता दिवस’ का ऐलान?

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने क्यों किया 'स्वतंत्रता दिवस' का ऐलान? (Chhattisgarh Talk)
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने क्यों किया 'स्वतंत्रता दिवस' का ऐलान? (Chhattisgarh Talk)

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा गणतंत्र दिवस की बजाय स्वतंत्रता दिवस मनाने का पत्र जारी करने पर विवाद खड़ा हो गया है। जानें पूरी खबर, विश्वविद्यालय की गलती और सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र।

रायपुर: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय (KTUJM) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। इस बार मामला गणतंत्र दिवस से जुड़ा है, जहां विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने 26 जनवरी के अवसर पर गणतंत्र दिवस मनाने की बजाय स्वतंत्रता दिवस मनाने का पत्र जारी किया। इस पत्र में गलत तारीख का उल्लेख किया गया है और यह अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।

पत्र में क्या लिखा था?

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा जारी पत्र में 26 जनवरी को ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने की बात कही गई। इस पत्र में ना केवल दिन का नाम गलत लिखा गया, बल्कि स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के लिए तीन कार्यक्रम प्रभारियों की नियुक्ति भी कर दी गई। पत्र में यह गलती इतनी स्पष्ट थी कि सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसे तुरंत पकड़ लिया और विश्वविद्यालय की इस लापरवाही पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय की बड़ी गलती, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र

पत्र की छवि जैसे ही सोशल मीडिया पर फैली, इस पर जमकर प्रतिक्रियाएं आने लगीं। लोग विश्वविद्यालय के प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कह रहे हैं कि एक पत्रकारिता विश्वविद्यालय से इस प्रकार की गलती उम्मीद नहीं की जाती। कुछ यूज़र्स ने तो इस मामले को हास्यास्पद भी बताया, जबकि अन्य ने इसे प्रशासनिक लापरवाही के रूप में देखा।

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय की बड़ी गलती, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र (Chattisgarh Talk)
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय की बड़ी गलती, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र (Chattisgarh Talk)

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय की गलती पर बवाल

गणतंत्र दिवस को लेकर जारी इस पत्र की गलती पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, इस मामले के बाद विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक दक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं, कई लोग यह भी कह रहे हैं कि अगर विश्वविद्यालय में बुनियादी प्रशासनिक गलतियां इस तरह से हो सकती हैं, तो यह भविष्य में पत्रकारिता के छात्रों को किस प्रकार की शिक्षा दे सकता है?

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का यह पत्र, जिसमें गणतंत्र दिवस की बजाय स्वतंत्रता दिवस का उल्लेख किया गया, इस समय एक बड़ा विवाद बन चुका है। यह घटना विश्वविद्यालय की प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है और इसे लेकर सोशल मीडिया पर गंभीर चर्चा हो रही है। अब देखना यह होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस गलती को सुधारने के लिए क्या कदम उठाता है और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से कैसे बचता है।

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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

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