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आखिर कब ध्यान देंगे जनाब…! बलौदाबाजार जिले में केवल समझाईश और सलाह, कार्रवाई शून्य, आखिर कौन लगाएगा इसपर लगाम?

आखिर कब ध्यान देंगे जनाब...! बलौदाबाजार जिले में केवल समझाईश और सलाह, कार्रवाई शून्य, आखिर कौन लगाएगा इसपर लगाम? Balodabazar-Bhatapara News
आखिर कब ध्यान देंगे जनाब...! बलौदाबाजार जिले में केवल समझाईश और सलाह, कार्रवाई शून्य, आखिर कौन लगाएगा इसपर लगाम? Balodabazar-Bhatapara News

आखिर कब ध्यान देंगे जनाब…! बलौदाबाजार जिले में केवल समझाईश और सलाह, कार्रवाई शून्य, आखिर कौन लगाएगा इसपर लगाम?

राजकुमार मल/बलौदाबाजार-भाटापारा न्यूज: औपचारिकता ही निभाई पालिका प्रशासन ने। रस्म अदायगी ही रही यातायात पुलिस की समझाईश। बीच सड़क पर पसर आई दुकानों को लेकर यह दोनों अहम विभाग केवल हताश कर रहे हैं बलौदाबाजार और भाटापारा शहर को।

Balodabazar-Bhatapara News Holi: एक बार फिर से अस्त-व्यस्त का दृश्य दिखाई दे रहा है। वैसे पर्व हो या त्यौहार, ऐसे नजारे हमेशा से नजर आते रहे हैं लेकिन अब तो हद ही हो गई है, क्योंकि जगह-जगह लगती दुकान और जाम से शहर परेशान और हताश नहीं बल्कि बेतरह नाराज हो रहा है।

यह कैसी समझाईश

Balodabazar-Bhatapara News: 2 दिन पहले ही पालिका प्रशासन ने शहर भ्रमण किया था। समझाईश दी थी कि व्यवस्थित तरीके से कारोबार करें ताकि असुविधा जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े। मुखोटे नहीं बचने की भी सलाह दी थी लेकिन दोनों समझाईश,ना तो कारोबारियों ने गंभीरता से लिया, ना प्रतिबंधित सामग्री की बिक्री से परहेज किया। परिणाम अशांत माहौल के रूप में तेजी से फैलाव लेता नजर आता है। शहर यह भी जानना चाहता है कि कब तक अव्यवस्था फैलती रहेगी ?

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कब ध्यान देंगे जनाब

Balodabazar-Bhatapara News: यातायात पुलिस। जिम्मेदारी है आंतरिक मार्गों पर सुगम आवाजाही की। मॉडिफाई साइलेंसर और तेज गति से वाहन चालन पर रोक लगाने का भी काम करना है। बाहर के मार्गों पर सतत और चौकस नजर रखनी है लेकिन दोनों अहम काम में जैसी लापरवाही यह दिखा रहा है, उसका ही परिणाम है, आंतरिक हिस्सों में बेतरतीब पार्किंग और बाहरी सड़कों में होती दुर्घटनाएं। सवाल- आखिर गंभीरता कब दिखाएंगे जनाब?

औपचारिक यह भी…

शांति समिति की बैठक। आयोजित थी शहर पुलिस स्टेशन परिसर में। केवल इतने ही बोल, बोले गए कि अमन और सौहार्दपूर्ण तरीके से होली मनाएं। जिम्मेदार नागरिकों और अधिकारियों के बीच, सवाल नहीं उठा कि अस्त-व्यस्त यातायात और बेतरतीब कारोबारी गतिविधियों पर लगाम कौन लगाएगा ? यानी यहां भी सिर्फ औपचारिकता दिखाई गई।

 

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