



अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, कुकुरदी सीमेंट वर्क्स ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ अभियान के तहत 1000 पौधे लगाए। प्लास्टिक प्रदूषण, जल संरक्षण और जैव विविधता जैसे विषयों पर जागरूकता फैलाते हुए संयंत्र ने सतत विकास की नई मिसाल पेश की।
बलौदाबाजार | “हर पेड़ एक श्रद्धांजलि, हर पौधा एक परिवर्तन की शुरुआत” – इसी भाव के साथ अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, कुकुरदी सीमेंट वर्क्स ने विश्व पर्यावरण दिवस को एक जनांदोलन में तब्दील कर दिया। संयंत्र परिसर, खदान क्षेत्र और मटेरियल गेट पर एक दिन में 1000 से अधिक पौधों का वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति समर्पण की अनूठी मिसाल पेश की गई।
🌱 अल्ट्राटेक सीमेंट कुकुरदी: वृक्षारोपण अभियान बना मुख्य आकर्षण – “एक पेड़ माँ के नाम 2.0”
कार्यक्रम की शुरुआत अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र प्रमुख पवन कुलकर्णी के संबोधन से हुई, जिन्होंने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा –
“माँ और प्रकृति दोनों हमें जीवन देती हैं, और दोनों की सेवा में लगाया गया एक भी पौधा एक नई चेतना का संदेश देता है।“
इस अभियान के तहत सभी अधिकारियों, श्रमिकों, महिलाओं और कर्मचारियों ने मिलकर पौधारोपण किया, जिससे परिसर हरियाली से महक उठा।
♻️ अल्ट्राटेक सीमेंट कुकुरदी: प्लास्टिक प्रदूषण पर फोकस – तकनीक बनी समाधान
तकनीकी प्रमुख अभिजीत जोशी ने प्लास्टिक प्रदूषण की भयावहता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि
“अल्ट्राटेक संयंत्र में प्लास्टिक कचरे को को-प्रोसेसिंग तकनीक से ऊर्जा में बदला जा रहा है, जिससे यह ना केवल अपशिष्ट प्रबंधन बल्कि ग्रीन एनर्जी का स्रोत भी बनता है।“
उनके अनुसार, यह कदम न केवल पर्यावरण हितैषी है, बल्कि स्थिर और दीर्घकालीन समाधान की दिशा में एक वैज्ञानिक पहल भी है।
💧अल्ट्राटेक सीमेंट कुकुरदी: जल और अपशिष्ट प्रबंधन को मिली प्राथमिकता
वाणिज्य प्रमुख शिवम पोरवाल ने जल संरक्षण और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की उपयोगिता पर विचार साझा करते हुए कहा –
“संपदा सीमित है और जिम्मेदारी असीमित। हमें अपने हर संसाधन के प्रति उत्तरदायी होना होगा।“
🌾 माइंस क्षेत्र से प्रकृति का संदेश
माइंस प्रमुख अभिषेक भारद्वाज ने जैव-विविधता की रक्षा को संयंत्र के “कोर वैल्यू” में शामिल बताते हुए कहा –
“प्रकृति से जो लिया है, उसे लौटाना ही सतत विकास है।”
उन्होंने खनन क्षेत्र में मिट्टी संरक्षण, जल संचयन और स्थानीय पौधों के संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
🎨 प्रतियोगिताओं से बच्चों और महिलाओं ने दिया रचनात्मक संदेश
पर्यावरण सप्ताह के तहत ड्राइंग, पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें संयंत्र के बच्चों और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। सखी लेडीज़ क्लब की अध्यक्षा दीपा कुलकर्णी ने महिलाओं को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
“हर महिला एक nurturer होती है – और पर्यावरण की रक्षा उसकी जिम्मेदारी में सबसे पहले आती है।“
📢 ‘टूल बॉक्स टॉक’ से हर कर्मचारी को मिला ग्रीन मैसेज
हर विभाग में छोटे-छोटे सत्रों के माध्यम से कर्मचारियों को प्लास्टिक प्रदूषण, अपशिष्ट प्रबंधन और जल संरक्षण पर जागरूक किया गया। ‘टूल बॉक्स टॉक’ ने पर्यावरण संदेश को काम की जगह तक पहुँचाया, जिससे यह सिर्फ विचार नहीं, बल्कि व्यवहार बन सके।
🎯 कार्यक्रम संचालन और समन्वय – एक टीम, एक मिशन
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में कई विभागों की भूमिका रही:
- पर्यावरण प्रमुख डॉ. अभिषेक मिश्रा ने आयोजन को नेतृत्व प्रदान किया।
- सुरक्षा प्रमुख राकेश दुबे और सुरक्षा अधिकारी सिबाराम गौड़ा ने आयोजन की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित की।
- सिविल व हार्टिकल्चर प्रमुख प्रीतम जक्कनवार ने वृक्षारोपण को व्यवस्थित और सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई।
🔚 केवल कार्यक्रम नहीं, यह एक बदलाव की शुरुआत है
अल्ट्राटेक कुकुरदी यूनिट का यह आयोजन यह दिखाता है कि जब संगठन, कर्मचारी और समाज एकजुट होते हैं, तो केवल उत्पादन ही नहीं, पर्यावरण संरक्षण भी संभव है।
हर लगाया गया पौधा केवल हरियाली नहीं, एक वादा है – स्वच्छ भविष्य का, सुरक्षित जलवायु का और टिकाऊ विकास का।
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