युवक की मौत को लेकर आदिवासी समाज ने दूसरे दिन भी जाम किया नेशनल हाईवे

समाज ने पूछा- जेल ले जाने से पहले स्वस्थ था युवक, फिर कैसे हुई DEATH

 Chhattisgarh Talk गरियाबंद : वनभूमि में अतिक्रमण मामले में गिरफ्तार आदिवासी युवक भोजराम ध्रुव की मौत को लेकर दूसरे दिन भी आदिवासी समाज ने जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन किया। दोपहर एक बजे तिरंगा चौक के पास नेशनल हाईवे 130 सी जाम कर दिया। इसके चलते चौराहे की चारों दिशाओं में आवागमन बाधित रहा। करीब आधे घंटे नारेबाजी के बाद समाज ने न्यायिक रिमांड में भोजराम ध्रुव की मौत की सीबीआई जांच, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा, वनकर्मी की बर्खास्तगी सहित सात सूत्री मांगों को लेकर वन विभाग के दफ्तर का घेराव किया।

इस दौरान समाज ने रायपुर-देवभोग नेशनल हाईवे 130 सी को भी घंटों जाम रखा। देर शाम लिखित आश्वासन के बाद समाज ने आंदोलन वापस ले लिया। आदिवासी समाज ने वनविभाग और जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। समाज ने न्यायिक रिमांड के दौरान भोजराम की मौत को लेकर संदेह जताया। आदिवासी नेत्री और जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि जेल जाने के पहले स्वस्थ भोजराम ध्रुव की अचानक एकाएक न्यायिक रिमांड में कैसे मौत हो गई, इसकी जांच की जाए । नेताम ने कहा कि वन विभाग एक साल से उसे प्रताड़ित कर रहा था। सालभर पहले उसकी खड़ी फसल बर्बाद कर दी थी। नेताम ने दो टूक कहा कि सरकार और वनविभाग आदिवासियों के साथ गुंडागर्दी बंद करे। चितरीडुमर तेजराम ध्रुव ने तथा आदिवासी नेता महेन्द्र नेताम ने कहा कि जेल जाने के बाद पहले दिन भोजराम स्वस्थ था। जेल प्रशासन ने भी परिजनों का बताया था। मौत की जांच होनी चाहिए।

प्रदर्शकारी बैरिकेड्स तोड़कर ऑफिस में घुसे

प्रदर्शन के दौरान आदिवासी समाज के युवा बैरिकड्स तोड़कर फॉरेस्ट ऑफिस के दूसरे गेट से अंदर तक जा घुसे। कुर्सी तोड़ दी। युवाओं ने जमकर नारेबाजी की। वनमंत्री, डीएफओ, वनकर्मी के विरुद्ध मुर्दाबाद के नारे लगाए। पुलिस ने युवाओं को बाहर किया। एसपी अमित कांबले भी मौके पर पहुंचे। अनुज थाना प्रभारी तिवारी, एडीएम भोई, एसडीएम भूपेन्द्र साहू तहसीलदार पोर्त पहले से मौजूद थे।

 

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चर्चा में इन मांगों को लेकर बनी सहमति

तीन घंटे बाद प्रशासनिक प्रतिनिधिमंडल चर्चा के लिए आया। डीएफओ मणिवागन एस, अपर कलेक्टर अविनाश भोई, एएसपी डीसी पटेल, एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक, एसडीएम भूपेंद्र साहू ने समाज से चर्चा की। वनकर्मी पर कार्रवाई करने, मृतक परिवार को मुआवजा देने, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने सही अन्य मांगों पर कार्रवाई के लिखित आश्वासन के आधार पर समाज ने आंदोलन वापस ले लिया।

आरोपी से मारपीट नहीं की थी: डीएफओ मणिवासगन

वनमंडलाधिकारी मणिवासगन एस ने कहा कि आरोपी से मारपीट नहीं हुई है। आरोप गलत है। वन रक्षक देवेंद्र तिवारी ने कहा की 29 अगस्त को गिरफ्तार कर राजिम कोर्ट में पेश कर अभिरक्षा में भेजा तब मेडिकल जांच में भी स्वस्थ था। 30 अगस्त को शाम अस्पताल में भर्ती किया फिर रायपुर भेजा। मारपीट के आरोप निराधार हैं। उपजेल जिला अधिकारी हितेन ठाकुर ने कहा कि 30 अगस्त की सुबह 9 जिला अस्पताल भर्ती कर दिया था। 31 को रायपुर भेजा

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