



भाजपा सरकार में मंत्री बंगले में हुआ लेनदेन?, ट्रांसफर को लेकर कोई नियम बताए मंत्री जी- नीलमणि दुबे, तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष पर हुई कार्यवाई
तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे पर हुई कार्रवाई, तहसीलदार दुबे ने कुछ दिन पहले मीडिया में बयान देने से आए थे सुर्खियों में, कनिष्ठ राजस्व अधिकारियों के तबादले पर लगाए थे राज्य सरकार पर कई आरोप, पैसे के लेनदेन से तबादले का जोड़ा था कनेक्श, निलंबन आदेश में लिखा नियमों की अनदेखी करने पर हुई कार्यवाही
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिला के सिमगा तहसील से मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी तबादला किए गए कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश के राजस्व मंत्री पर असंका जाहिर करते मीडिया में दिए बयान से चर्चा में आए प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ राज्य सरकार ने कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया है।
निलंबन आदेश में लिखा नियमों की अनदेखी करने पर हुई कार्यवाही
बतौर तहसीलदार नीलमणि दुबे को निलंबित करने का आदेश छत्तीसगढ़ सरकार में अवर सचिव अन्वेष घृतलहरे के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। इस आदेश में कहा गया है कि “दिनांक 13 सितंबर 2024 को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का स्थानांतरण किया गया है। इस स्थानांतरण के संबंध में नीलमणि दुबे, तहसीलदार ने मीडिया में बिना शासन की अनुमति लिए शासन के विरुद्ध वक्तव्य दिया है। नीलमणि दुबे, तहसीलदार का यह कृत छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 नियम 3 और 9 का उल्लंघन प्रथम दृष्टिया है। इसलिए राज्य शासन ने नीलमणि दुबे, तहसीलदार को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) क के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में नीलमणि दुबे, तहसीलदार का मुख्यालय जिला कार्यालय मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी निर्धारित किया गया है।“ निलंबन अवधि में नीलमणि दुबे को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
सत्य हमेशा अकेला रहता है, जबकि सच के मुकाबले झूठ को तमाम चीजों का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन अंत में विजय सिर्फ सत्य की होती है। ऐसे में जीवन में सत्य को ही प्रणाम करना चाहिए। सत्य की राह बहुत कठिन होती है लेकिन आनंद उसी में आता है। -नीलमणि दुबे, तहसीलदार/तहसीलदार कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ प्रदेश अध्यक्ष
हाईकोर्ट तक जाएंगे तहसीलदार
बता दें कि सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, ट्रांसफर में क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, मंत्रियों के बंगले उगाही के अड्डे बने? मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले पर “पैसा दो- ट्रांसफ़र लो” उद्योग संचालित है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जवाब देना चाहिए।
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महिला तहसीलदार का 9 महीने में 3 तबादला
- महिला तहसीलदार का 9 महीने में 3 बार तबादला किया है। आरोप है कि जब उसने पारिवारिक कारणों से ट्रांसफर के लिए आवेदन किया तो 15 लाख रुपए मांगे गए।
- इसी तरह सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे का 2 साल में 6 बार ट्रांसफर हो चुका है। खास बात यह है कि 4 माह में ही उनका 4 बार तबादला किया जा चुका है।
- वहीं एक अन्य तहसीलदार ने कहा कि, उन्हें बस्तर संभाग में 5 साल हो गए हैं। लगातार तीन वर्षों से दुर्गम अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ हैं। उनका नाम ट्रांसफर सूची में था, लेकिन कल जारी आदेश में उनका नाम गायब है।
ट्रांसफर को लेकर कोई नियम बताए मंत्री जी- नीलमणि दुबे
सिमगा तहसीलदार कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि, मंत्री महोदय कोई क्राइटेरिया बता दें कि 2 साल से ऊपर वाले का ट्रांसफर किया गया है या 3 साल के ऊपर वाले का किया गया है। ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर तो कोई नियम होगा, मंत्री जी उसे बताएं।
उन्होंने कहा कि, अगर सरकार और शासन ही नियम-कानून नहीं मानेंगे तो यह बहुत बड़ी विडंबना है। ऐसे में प्रदेश में कैसे सुशासन आएगा? सुशासन केवल नीति और नियम बनाने से नहीं होता उसका पालन करने से सुशासन आता है।
तहसीलदार नीलमणि दुबे का विवादों से नाता रहा
तहसीलदार नीलमणि दुबे का विवादों से नाता रहा है। इससे पहले भी जब तहसीलदार पलारी थे तब उन्होंने कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव और कसडोल विधायक रही शकुंतला साहू के खिलाफ इसी तरह से बयान देकर चर्चा में आए थे। दरअसल उन्होंने अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर कार्यवाही किया था, जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया था।
नीलमणि हैं बेवाक और मुखर वक्ता: तहसीलदार नीलमणि दुबे बहुत ही बेवाक और मुखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। यही वजह है कि वह प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चयनित हुए थे और वे लगातार कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के पक्ष में सरकार के पर दबाव बनाए हुए थे।
प्रताड़ित महसूस कर लगे लोग
नीलमणि दुबे ने बताया कि 2 साल में मेरा 6 बार ट्रांसफर किया गया है। मेरा भी परिवार है, बच्चे हैं। हर व्यक्ति जिसका ट्रांसफर एक-दो साल के अंदर लगातार हुआ है, वह अपने आप को प्रताड़ित महसूस कर रहा है। यह कैसी नीति है, जो ट्रांसफर पोस्टिंग को मंत्रियों को बिजनेस बनाने पर मजबूर कर देती है।
तहसीलदार नीलमणि दुबे के खिलाफ हुई थी शिकायत
तहसीलदार नीलमणी दुबे ने राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पैसे लेकर तहसीलदारो का ट्रांसफर और पोस्टिंग की है, जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंत्री टंक राम वर्मा और भाजपा पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास बताया है। भाजपा नेताओं ने सिटी कोतवाली में ज्ञापन देकर मांग की है कि नीलमणी दुबे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।