बलौदाबाजार जिले में अवैध उत्खनन और रेत माफियाओं का आतंक जारी है, लोक सभा चुनाव को देखते जिले में आचार संहिता लागू हैं लेकिन लगातार रेत माफियाओं द्वारा महानदी का सीना चीरने में कामयाब नज़र आ रहे, हर रोज रात भर सैकड़ो गाड़ी रेत तस्करी किया जा रहा लेकिन जिला प्रशासन कुम्भकन की नींद सोयी हुई हैं…..
दातान रेत घाट में रोज रात्रि में सैकड़ो हाइवा रेत की अवैध तस्करी
Terror of sand mafia in Baloda Bazar: आज मेरे अस्तित्व पर भयानक ग्रहण लगे हैं, विकास नहीं विनाश के लिए सारे अतिक्रमण लगे हैं, मुझको जिंदा रहने दो यह सृष्टि जिंदा रह पाएगी वरना मेरी अंत हुई तो यह सृष्टि भी मिट जाएगी! उक्त व्यथा छत्तीसगढ़ की गंगा, छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा कही जाने वालीराज्य की सबसे बड़ी नदी महानदी की है जो आज अवैध रेत उतखनन के कारण अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है।
लखेस बघेल- बलौदाबाजार न्यूज: सियासत की धमक व प्रशासन की कमीशनखोरी का शिकार बनी महानदी आज बहुत बैचेन व्याकुल और असहाय नजर आ रही है । रेत माफियाओं से सांठ गांठ करने में विभागीय अमले ने कोई कसर नहीं छोड़ी है और इन्ही के संरक्षण में माफियाओ द्वारा पवित्र महानदी का सीना छलनी किया जा रहा है। नियमतः अधिकृत रेत घाट में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक रेत निकाली जाती है लेकिन चंद रुपयों के लालच में अवैध तस्कर भूखे भेड़िये की तरह रातभर महानदी का पेट चीर रहें है।
Terror of sand mafia in Baloda Bazar: यह पूरा मामला बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड में स्थित दातान रेत घाट का है जहाँ खुलेआम रातभर तीन चैन माउन्टन से भारी मात्रा में रेत चोरी की जा रही है। राजस्व मंत्री के गृह जिले में ही महानदी के कोख को अवैध तरीके के खोदकर लगातार रेत तस्करी की जा रही है, जिस कारण एक ओर सरकार को बड़ी राजस्व हानि हो रही है वही दूसरी ओर महानदी का प्राकृतिक सौंदर्य तहस नहस हो गया है, उक्त घाट में पूर्व में रेत खनन की गयी जगह को देखने पर ऐसा प्रतीत होता है. मानो ये महानदी न होकर कोई बड़े साइज का नाला हो। राजनीतिक पहुँच व प्रशासन के मिलीभगत से महानदी पर हो रही अत्याचार के कारण महानदी की अस्तित्व को ख़तम होते देखने पर ग्रामीण मजबूर हो गए है।
आखिर कब जागोगे साहब नींद से??#रेत माफियाओं के आतंक लगातार जारी!! #महानदी को भूखे भेड़िये की तरह नोच रहें रेत माफियाँ, आखिर कब खुलेगी नींद? – #ChhattisgarhTalk @BalodaBazarDist @CEOChhattisgarh @ChhattisgarhCMO @narendramodi #Balodabazar #Chhattisgarh #earthquake #Dhruv_Rathee pic.twitter.com/Gbtjb6Umxn
— Chandrakant Verma (@JournlistChandu) April 25, 2024
अवैध उत्तखनन से पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव
ये बात निस्संदेह कही जा सकती है कि रेत नदी के पारिस्थितिकी तंत्र का अनिवार्य हिस्सा है. नदी के जल-प्रवाह और मछलियों की ही तरह यह नदियों को सेहतमंद रहने में मदद करता है. यह भू-जल के पुनर्भरण के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है और प्रवाही जल में पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।नदियों में जल-प्रवाह की कमी के दिनों में रेत जल-प्रवाह को बनाये रखने में मदद करता है. विभिन्न प्रकार के जलीय जीव-जंतुओं के प्राकृतिक वास के लिहाज से भी रेत महत्वूर्ण है। –Terror of sand mafia in Baloda Bazar
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पर्यावरण को भारी नुकसान
परन्तु वर्तमान में रेत के अवैध उत्खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है जिसका खामियाजा हमारे आने वाले पीढ़ी भुगतेगी इससे जल स्तर कम होता जा रहा है रेट में पानी को सोख कर जमीन में संग्रहित करने की अत्यधिक क्षमता होती है, जब नदियों में रेत ही नहीं रहेगी तो पानी का अवशोषण कैसे होगा? प्राकृतिक रूप से पानी को शुद्ध करने में रेत की बड़ी भूमिका रहती है रेत खनन के कारण नदियों की स्वतः जल को साफ कर सकने की क्षमता पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ रहा है साथ ही रात भर अवैध रेत खनन करके सरकारी खजाने के लाखों करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।सरकार तो अपने नुकसान आम जनता पर टैक्स लगाकर पूरा कर लेती है लेकिन पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई तो इंसान अपना सब कुछ चुका कर भी नहीं कर पाएगा इसलिए इस पर कठोर और सकारात्मक कदम उठाक़र ही भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है।-Terror of sand mafia in Baloda Bazar
रेत माफियाओं का इतना ख़ौफ़ की प्रशासन है डरे सहमें
खुलेआम रात में हो रही रेत चोरी की जानकारी को कुछ पत्रकारगणद्वारा फील्ड में पहुंचकर जिला कलेक्टर को अवगत कराया गया साथ ही सीविजिल ऐप में भी शिकायत की गयी फिर भी जिला प्रशासन किसी तरह की कोई करवाई नहीं क़र सकी। इसी तरह पूर्व में भी दातान घाट को लेकर पत्रकारों द्वारा संज्ञान में लाये जाने पर कलेक्टर ने पलारी तहसीलदार को उचित कार्यवाही हेतु निर्देशित किया था लेकिन उक्त माफियाओं के खौफ के कारण उक्त अधिकारी की घाट में जाने की हिम्मत नहीं हुई तथा बाहर रोड में पकड़े 5 हाइवा में केवल 2 पर ही कार्यवाही हो पायी।
Terror of sand mafia in Baloda Bazar: इस प्रकार न तो कलेक्टर कुछ कार्रवाही क़र पा रहें है न ही निर्वाचन आयोग, न खनिज, परिवहन, पुलिस, राजस्व अधिकारी द्वारा कोई उचित कार्यवाही देखने को मिल रही है। यहाँ तक की स्थैतिक निगरानी दल के सामने से रेत हाइवा खर्राटे मारते हुए निकल रही है फिर भी शून्य कार्यवाही। तमाम बातों से स्पष्ट है की माफियाओं के आगे जिला प्रशासन लाचार, बेबस, पंगु नजर आ रहा है।