प्रदेशभर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की बैठक, छ्त्तीसगढ़ में प्रशासनिक ‘व्यवस्था’ पर लग सकता हैं तगड़ा झटका, आखिर क्यों हुई बैठक?

प्रदेशभर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की बैठक, छ्त्तीसगढ़ में प्रशासनिक ‘व्यवस्था’ पर लग सकता हैं तगड़ा झटका, आखिर क्यों हुई बैठक?
प्रदेशभर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की बैठक, छ्त्तीसगढ़ में प्रशासनिक ‘व्यवस्था’ पर लग सकता हैं तगड़ा झटका, आखिर क्यों हुई बैठक?

किसी बेगारी को अब कोई सहयोग नहीं, जाँच में मोटरसाइकिल या सायकल से जाएँगे तहसीलदार, राज्य भर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की वीसी के ज़रिए हुई बैठक

प्रदेशभर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की बैठक, छ्त्तीसगढ़ में प्रशासनिक ‘व्यवस्था’ पर लग सकता हैं तगड़ा झटका, आखिर क्यों हुई बैठक?

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की ज़ूम के ज़रिए अहम बैठक, दो टूक फ़ैसला – किसी बेगारी को अब कोई सहयोग नहीं, जाँच में मोटरसाइकिल या सायकल से जाएँगे

राज्य भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की वीसी के ज़रिए हुई बैठक, बैठक के फ़ैसलों पर अमल कर दिया तो अघोषित प्रशासनिक ‘व्यवस्था’ पर लगेगा करारा झटका

रायपुर: छत्तीसगढ़ में दोपहर को राज्य भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए बैठक की है।यह बैठक छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ में आयोजित की थी। बैठक क़रीब सवा घंटे चली है। इस बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। यदि ये निर्णय क्रियान्वयन के स्तर पर आए तो कोई अघोषित “व्यवस्था” पर ब्रेक लग जाएगा जिससे कि, प्रशासनिक हल्क़ों में सामान्य माना जाता है। इस बैठक को लेकर खबरें हैं कि, निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए हैं और आगामी 8 जुलाई को बैठक में हुए निर्णय उचित माध्यम से सरकार तक पहुँचा दिये जाएँगे।

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बैठक में हुआ फ़ैसला

सूत्रों के अनुसार राज्य कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की इस बैठक में सर्वसम्मति से जो निर्णय हुए हैं उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं –

  1. प्रोटोकॉल के तहत अतिथि के भोजन इत्यादि की व्यवस्था में तब ही सहभागिता होगी जबकि आदेश में यह स्पष्ट उल्लेखित हो कि, इसका व्यय किस मद से किया जाएगा।
  2. जाँच और दौरे में जाने के लिए वाहन और ईंधन की व्यवस्था नहीं हो पाती है। अब से मोटरसाइकिल से यह कार्य निष्पादित होंगे और टीए बिल से भुगतान माँगा जाएगा। यदि यह भुगतान खर्चे के मुक़ाबले कम हुआ तो सायकल से जाएँगे।
  3. किसी भी प्रकार की अघोषित “व्यवस्था’ की अपेक्षा को सहयोग नहीं किया जाएगा। यहाँ “व्यवस्था” से आशय “बेगारी” से है।
  4. बहुत से काम ऐसे हैं जिसके लिए इंटरनेट और कम्प्यूटर/लैपटॉप की जरुरत है। अब तक यह व्यवस्था निजी तौर पर कर के कार्य संपादित हो रहे थे,लेकिन अब ये काम निजी तौर पर नहीं होंगे। इंटरनेट कनेक्टिविटी उसकी बिलिंग तथा लैपटॉप या डेस्कटॉप की उपलब्धता सरकार को देनी होगी।

आखिर क्यों हुई बैठक

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ की यह बैठक धमतरी में एसीबी की कार्यवाही के ठीक अगले दिन हुई है। विगत 5 जुलाई को धमतरी में एसीबी ने नायब तहसीलदार खीर सागर बघेल को कथित रुप से रिश्वत लेते गिरफ़्तार किया है। सूत्रों के अनुसार बैठक में इस कार्यवाही को लेकर चर्चा हुई। संघ से जुड़े कर्मचारियों अधिकारियों की राय में नायब तहसीलदार के पास संबंधित व्यक्ति के दो प्रकरण थे इनमें से एक को पहले ही निरस्त कर दिया गया था, और दूसरे में अपेक्षित कार्यवाही ही संभव नहीं थी, और इसे स्पष्ट रुप से कथित पीड़ित पक्षकार को बता दिया गया था। जो पैसे बतौर रिश्वत में बरामदगी की बात कही जा रही है वह पैसे जबरन टेबल/ड्रायर में रखे गए थे।

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क्या बोले प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे?

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने द हिट डॉट इन से कहा है कि बैठक हुई है। उन्होंने इस बैठक को लेकर कहा -“जी हाँ, बैठक हुई है। हमने इस बैठक में सुनिश्चित किया है कि, पूर्णतया ईमानदारी और शुचिता से काम हो। ईमानदारी और शुचिता का पालन पूरे अनुशासन के साथ किया जाए। बैठक में यह फ़ैसला भी हुआ है कि, किसी भी दबाव या कि बेगारी के आगे नहीं झुकेंगे। हमने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि, सरकार जब भी शुचिता और ईमानदारी पर बाधक बनने वालों पर कार्यवाही करेगी हम उसका साथ देंगे। हमारी आज की बैठक इसी उद्देश्य को दृढ़ता से लागू करने के लिए आयोजित थी।”

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