Success story: कड़ी मेहनत और लगन के बल पर मजदूर की बेटी ने अपने सपनों को कर दिखाया सच, आर्थिक तंगी और संघर्षों के बावजूद बनीं सब-इंस्पेक्टर

Success Story: मजदूर की बेटी आर्थिक तंगी और संघर्षों के बावजूद बनीं सब-इंस्पेक्टर
Success Story: मजदूर की बेटी आर्थिक तंगी और संघर्षों के बावजूद बनीं सब-इंस्पेक्टर

Success story: अजय यादव/बलौदाबाजार/भाटापारा: कड़ी मेहनत और लगन के बल पर मजदूर की बेटी ने अपने सपनों को सच कर दिखाया। आर्थिक तंगी और संघर्षों के बावजूद उसने न केवल शिक्षा प्राप्त की, बल्कि पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्ति भी हासिल की। अपने पिता के साथ मजदूरी करते हुए उसने शिक्षा में ऊंचाई हासिल की और समाज के सामने एक मिसाल पेश की। उसकी इस कामयाबी ने न केवल उसके परिवार का सिर गर्व से ऊंचा किया बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी, जो विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।

मजदूर की बेटी ने किया नाम रोशन बनीं सब-इंस्पेक्टर

Success story: छत्तीसगढ़ के छोटे से कस्बे भाटापारा के के वार्ड कल्याण सागर पारा की रहने वाली सृष्टि ध्रुव की कहानी उन सपनों की कहानी है, जो अक्सर तंग गलियों में दम तोड़ देते हैं। लेकिन सृष्टि ने यह साबित कर दिखाया कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए हालात नहीं, हिम्मत चाहिए। एक साधारण परिवार में जन्मी सृष्टि ने तमाम कठिनाइयों का सामना करते हुए वह मुकाम हासिल किया, जिसे हर माता-पिता अपने बच्चों के लिए देखना चाहते हैं।

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कड़ी मेहनत और लगन के बल पर मजदूर की बेटी ने अपने सपनों को कर दिखाया सच, जाने संघर्ष की कहानी

Success story: सृष्टि के पिता शत्रुघ्न ध्रुव एक मेहनतकश मजदूर हैं और मां घरेलू महिला हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन सृष्टि के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने हर मुमकिन कोशिश की। सृष्टि परिवार की सबसे छोटी संतान हैं। दो बड़े भाइयों के साथ पली-बढ़ी सृष्टि को घर में प्यार से ‘नोनी’ कहकर बुलाया जाता है। उनके बड़े भाई दिनेश का कुछ साल पहले बीमारी के चलते असमय निधन हो गया, जो परिवार के लिए एक बड़ा सदमा था। इसके बावजूद, उनके माता-पिता और भाई दीपक ने हार नहीं मानी और सृष्टि को पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया।

मेहनत, लगन और खेलों में समर्पण

Success story: सृष्टि ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक तैयारी पर भी पूरा ध्यान दिया। वह हर सुबह टीटीसी ग्राउंड, तरेंगा में प्रैक्टिस करतीं और विभिन्न खेल गतिविधियों में हिस्सा लेतीं। खेलों में उनकी भागीदारी और उनका जोश यह दिखाता है कि वह हमेशा अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर थीं। खेलों के अनुशासन और प्रैक्टिस ने उनकी शारीरिक और मानसिक शक्ति को विकसित किया, जो उन्हें सब इंस्पेक्टर बनने की यात्रा में मददगार साबित हुई।

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सब इंस्पेक्टर बनने का सफर

Success story: साल 2021 में आयोजित सब इंस्पेक्टर परीक्षा में सृष्टि ने बाजी मार ली। जब चयन सूची में उनका नाम देखा गया, तो पूरे मोहल्ले में जैसे खुशी की लहर दौड़ गई। परिवार, मोहल्ले वाले, सभी की आंखों में गर्व के आंसू थे। माता-पिता ने मिठाई खिलाकर अपनी बेटी की इस उपलब्धि का जश्न मनाया। यह केवल उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे कल्याण सागर मोहल्ले के लिए गर्व की बात थी।

समाज को दिया एक संदेश

Success story: सृष्टि की यह उपलब्धि उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखते हैं। उन्होंने यह दिखा दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी मंजिल पाई जा सकती है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल क्यों न हों। सृष्टि ने साबित किया है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी बाधा इतनी बड़ी नहीं कि उसे पार न किया जा सके।

Success story: आज सृष्टि ध्रुव, जो कभी मोहल्ले की ‘नोनी’ थीं, अब एक सब इंस्पेक्टर बन गई हैं और आने वाले समय में समाज की सुरक्षा और न्याय की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं। उनके माता-पिता, भाई, और पूरे क्षेत्र को उन पर गर्व है।

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