कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा के खिलाफ बोलने की मिली सजा, सिमगा तहसीलदार निलंबित, सवालों के घेरे में राजस्व मंत्री

BJP VS Tahsildaar: हक की आवाज उठाने वाले तहसीलदार को भाजपा सरकार ने किया निलंबित, लेकिन क्यो?
BJP VS Tahsildaar: हक की आवाज उठाने वाले तहसीलदार को भाजपा सरकार ने किया निलंबित, लेकिन क्यो?

कैबिनेट मंत्री के केबिन में चल रहा लेन देन का खेल?

कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा के खिलाफ बोलने की मिली सजा, सिमगा तहसीलदार निलंबित, सवालों के घेरे में राजस्व मंत्री

छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के उपर तहसीलदारों के पोस्टिंग में लेन देन का आरोप लगाने वाले सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे को राजस्व विभाग के निदेशक सचिव अन्वेष धृतलहरे ने निलंबित कर दिया है।

BJP Government Vs Tahsildaar: राज्य शासन द्वारा गत 13 सितंबर को तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों का स्थानांतरण किया गया। जिस पर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे द्वारा मिडिया में बिना शासन के अनुमति के शासन के विरूद्ध बयान बाजी किया गया था। जिसे छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण अधिनियम 1965 के नियम 3 और 9 (1) क के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस अवधि में मुख्यालय जिला कार्यालय मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी निर्धारित किया गया है निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।

तहसीलदार नीलमणि दुबे VS कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा?

BJP Government Vs Tahsildaar: दरअसल कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ प्रदेश अध्यक्ष दुबे ने राज्य सरकार के मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे कि संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का ट्रांसफर दुरस्थ क्षेत्रों में किया गया है। दो माह के भीतर कई अधिकारियों का तबादला दोबारा किया गया है। मंत्री बंगले के आगे जो नतमस्तक हुए उन्हें मनचाहे जगह पर पोस्टिंग दी गई है। इस ट्रांसफर पोस्टिंग में किसी प्रकार का कोई क्राइटेरिया नहीं बनाया गया है। क्योंकि किसी का एक वर्ष के अंदर तो किसी का तीन वर्ष के बाद स्थानांतरण कर दिया गया है जबकि किसी भी अधिकारी का तीन वर्ष के बाद ही स्थानांतरण करने का नियम है लेकिन इसमें किसी भी क्राइटेरिया का पालन ही नहीं किया गया है। जिसमें छः महीने बाद रिटायरमेंट होने वाले तथा 55 वर्ष के व्यक्ति जो आईसीयू में भर्ती है भी शामिल हैं। सिमगा में मुझे तीन माह भी नहीं हुआ है फिर भी मेरा ट्रांसफर कर दिया गया।

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BJP Government Vs Tahsildaar: नीलमणि दुबे ने बताया कि पिछले दो साल में यह मेरा छटवां ट्रांसफर है। मुझ पर व मेरे परिवार पर क्या बीत रही है ये हम ही समझ सकते है। इसलिए ट्रांसफर आदेश में घोर अनियमितता प्रदर्शित हो रही है। उन्होंने कहा कि वे संघ के सदस्यों के लिए हमेंशा आवाज उठाते रहे है। गत दिनों मोहला मानपुर, धमतरी सहित अन्य तहसीलदारों के उपर की गयी कार्यवाही पर उनके द्वारा आवाज बुलंद किया गया था। जिस पर शासन ने धमतरी तहसीलदार के निलंबन आदेश को खारिज कर दिया है।

दीपक चंद्राकर के नियुक्ति पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि 3 वर्ष तक आप परिवक्षाधिन रहेंगे. एवं आपका स्थानांतरण तब तक नहीं किया जावेगा. -नीलमणि दुबे

दीपक चंद्राकर नायब तह. अभिषेक राठौर ना. तह. गिरीश निम्बालकर को शुक्रवार कि सुनवाई में हाई कोर्ट से मिला स्टे आर्डर. प्रोबेशन अवधि में किया गया स्थानांतरण

संघ के पदाधिकारियों को किया गया टारगेट

छत्तीसगढ़ टॉक डॉक कॉम से चर्चा में तहसीलदार कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने बताया कि जानबूझकर संघ के पदाधिकारियों को टारगेट किया गया है। मैं अध्यक्ष हूं तो मेरा ट्रांसफर मोहला मानपुर कर दिया गया। उपाध्यक्ष माया अंचल को बिलासपुर से कांकेर, राकेश देवांगन को रायपुर से सुकमा, गुरुदत्तपांच भाई को दुर्ग में गए एक साल हुआ है उन्हें बलरामपुर तो प्रवक्ता पेखंड टोकरे को सुकमा भेज दिया गया है। इसमें षड़यंत्र की बू आ रही है।

BJP Government Vs Tahsildaar: प्रदेश अध्यक्ष दुबे ने सवाल किया कि 8 जुलाई कि सूची में जिन्हे बस्तर सुकमा जशपुर भेजा गया उन्हें वापस 13 सितम्बर को कैसे दूसरे जिले में लाया गया। मतलब 1 महीने में स्थानांतरण ऐसा कहां होता है। ट्राइबल इलाके से 1 महीने में मुंगेली महासमुंद एवं राजनांदगाव कैसे वापस हो रहे हैं। अखिलेश कुमार ध्रुव का अभ्यावेदन निरस्त हुआ फिर भी 13 सितम्बर कि सूची में नारायणपुर से कबीरधाम में नाम शामिल हैं। इन्ही बिन्दुओं के लेकर वे हाईकोर्ट की शरण में जा रहे हैं। बहरहाल अब देखना है कि अध्यक्ष पर हुई कार्यवाही के बाद कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ क्या कदम उठाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

हक की आवाज उठाने वाले तहसीलदार को निलंबित कर रहे: कांग्रेस संचार प्रमुख, सुशील

तहसीलदारों के तबादले में लेन-देन के आरोपों पर कांग्रेस ने घेराबंदी शुरू कर दी। संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कटाक्ष किए कि भ्रष्टाचार मंत्री करें और निलंबन तहसीलदार का किया जाना बेहद ही दुर्भाग्य जनक है। उन्होंने आरोप लगाए कि भाजपा सरकार में कमीशनखोर, भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिलता है। मोटी रकम लेकर नियमों को ताक में रखते हुए तहसीलदारों का तबादला किया गया। ट्रांसफर-पोस्टिंग में अवैध उगाही की पोल खुलने के बाद मंत्री को बचाने बेगुनाह और हक की आवाज उठाने वाले तहसीलदार को निलंबित किया गया है।

BJP Government Vs Tahsildaar: संचार प्रमुख के मुताबिक राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पर लेन-देन कर तहसीलदारों के मनमाफिक ट्रांसफर करने का आरोप लगा है। उनमें नैतिकता होती तो आरोप लगने के बाद पद से इस्तीफा देते और जब आरोप मुक्त हो जाते तब मंत्री पद ग्रहण करते। यहां तो उल्टी गंगा बहाई जा रही है। आरोप लगाने वाले पर कार्रवाई की जा रही है। जिन पर आरोप लगा है उसे बचाया जा रहा है। साय सरकार में ईमानदारी नाम की कोई चीज नहीं है। ईमानदारी और भाजपा दो विपरीत पक्ष हैं कांग्रेस ने मांग उठाई कि निलंबित तहसीलदार को तत्काल बहाल किय जाए। तहसीलदार के आरोप क जांच होनी चाहिए। राजस्व मंत्री क पद से हटाया जाए। साथ ही नियम विरुद्ध जारी की गई तबादला सूच का परीक्षण कर नियमानुसार ट्रांसफ किया जाए।

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