बलौदाबाजार में शिक्षा सत्र की शुरुआत से ही शिक्षकों की लापरवाही उजागर, BEO निरीक्षण में देर से पहुंचने वाले और अनुपस्थित शिक्षकों को नोटिस।
चंदू वर्मा | बलौदाबाजार: बच्चे स्कूल समय पर पहुंचे, लेकिन पढ़ाने वाले नहीं…बलौदाबाजार जिले में स्कूल खुलने के सिर्फ दस दिन बाद ही शिक्षकों की लापरवाही की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। न किताबें, न परीक्षा, और अब शिक्षक भी समय पर नहीं—शिक्षा विभाग की ये तिहरी नाकामी सीधे-सीधे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।
📚 5वीं-8वीं की पूरक परीक्षा नहीं हुई
📦 44 हजार बच्चों को किताबें नहीं मिलीं
⌛ और अब शिक्षक भी देर से स्कूल पहुंच रहे हैं!
गुरुवार को BEO बलौदाबाजार ने जब शालाओं का औचक निरीक्षण किया, तो शिक्षकों की उदासीनता साफ दिखाई दी। कहीं शिक्षक देर से आए, कहीं पिछले दिन से ही लापता थे, और कहीं रसोई घर में गंदगी मिली।
शिक्षक लापरवाही बलौदाबाजार– कौन-कौन थे गायब या लेट?
गुरुवार को विकासखंड शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र टंडन और सहायक BEO कैलाश साहू ने जब मुंडा, भालुकोना और डोंगरीडीह जैसे स्कूलों का निरीक्षण किया, तो इन चौंकाने वाली हकीकतों का खुलासा हुआ:
🔸 प्राथमिक शाला मुंडा (10:15 AM):
- लेट आने वाले शिक्षक: कुंदन गायकवाड़, चंद्रावली गेंदले, अनिता बंजारे, रंजीत कुमार
- अनुपस्थित शिक्षक: प्रधानपाठक गायत्री जायसवाल और सहायक शिक्षक सुकृता चौहान
कक्षा वही, बच्चा वही… भविष्य ठहर गया! 5342 बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
🔸 भालुकोना:
- किचन कक्ष में गंदगी
- मिड-डे मील मीनू गायब
- प्रधान पाठक को नोटिस
🔸 डोंगरीडीह:
- किचन में सफाई नहीं, रसोइयों को सख्त निर्देश
इन सभी लापरवाहों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
शिक्षक लापरवाही बलौदाबाजार: बुक स्कैनिंग – शिक्षकों के लिए बना सिरदर्द
निरीक्षण में अधिकारियों ने स्कूलों में बुक स्कैनिंग की धीमी रफ्तार भी देखी। स्कैनिंग के बिना पुस्तकें नहीं बांटी जा सकतीं और यही बच्चों की पढ़ाई में सबसे बड़ी रुकावट बन गया है।
अधिकारियों ने खुद मुंडा और डोंगरीडीह स्कूल में स्कैनिंग कर स्थिति देखी। निर्देश दिए गए:
- अगले दो दिनों में स्कैनिंग पूर्ण करें
- बच्चों को तत्काल किताबें वितरित करें
- शिक्षकों को “मिशन मोड” में काम करने का आदेश
शिक्षक लापरवाही बलौदाबाजार: दैनंदिनी, उपस्थिति और जवाबदेही पर कसा शिकंजा
BEO ने स्पष्ट कहा:
“हर शिक्षक अपनी दैनंदिनी (डायरी) रोज भरें। समय पर स्कूल आएं। बच्चों को सही समय पर किताबें और पढ़ाई दोनों दें।”

निरीक्षण टीम ने साफ किया कि अब हर स्कूल की नियमित निगरानी की जाएगी।
मिड-डे मील = मीनू गायब + गंदगी ज्यादा
कई स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था भी बेहद बदहाल पाई गई। निरीक्षण टीम ने मध्याह्न भोजन कक्षों का भी अवलोकन किया। कई स्कूलों में:
-
मीनू बोर्ड गायब मिला
-
साफ-सफाई नहीं थी
-
रसोइयों को चेतावनी दी गई और निर्देश मिला कि
“गुणवत्तायुक्त भोजन दें, और सफाई को प्राथमिकता बनाएं”
जवाब दो शिक्षा विभाग…❓
“जब स्कूल खुलते ही बच्चों को किताबें नहीं, परीक्षा नहीं, और शिक्षक भी नहीं… तो आखिर क्या मिला नए शिक्षा सत्र में?”
बलौदाबाजार की यह तस्वीर बताती है कि शिक्षा विभाग के पास न तो तैयारी है, न संवेदनशीलता। बच्चों की पढ़ाई का सबसे अहम समय इस बार किताबों की स्कैनिंग, शिक्षकों की गैरहाजिरी और विभागीय ‘वेट एंड वॉच’ नीति में जाया हो रहा है।
“शाला प्रारंभ हुए अभी दस दिन ही हुए हैं, और शिक्षक समय पर नहीं आ रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई कैसे सुधरेगी?” — BEO, बलौदाबाजार
राजेन्द्र टंडन, विकासखंड शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार का कहना हैं कि, शिक्षा सत्र प्रारंभ होते ही हमने स्कूलों की मॉनिटरिंग तेज कर दी है। हमारे निरीक्षण में कुछ शिक्षक विलंब से आते या अनुपस्थित पाए गए हैं, जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सभी शालाओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि समय पालन और गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित की जाए। बुक स्कैनिंग का कार्य मिशन मोड में चल रहा है। जहां इंटरनेट की समस्या है वहां तकनीकी टीम को अलर्ट कर समाधान की कोशिश हो रही है। हमारी प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द सभी विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं और कक्षा संचालन नियमित हो। सभी शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि अपनी उपस्थिति नियमित रखें।
शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे नियमित समय पर शाला में उपस्थित हों, शिक्षक डायरी प्रतिदिन संधारित करें और मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता एवं स्वच्छता बनाए रखें। निरीक्षण लगातार जारी रहेगा, और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”— राजेन्द्र टंडन, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बलौदाबाजार
सिर्फ सवाल नहीं… चेतावनी भी!
शिक्षा विभाग को अब तय करना होगा —
क्या प्राथमिकता बच्चों की पढ़ाई है या सिस्टम की मजबूरी?
क्योंकि:
- बच्चों का मनोबल टूट रहा है
अभिभावक नाराज़ हैं
सरकारी स्कूलों से भरोसा डगमगा रहा है
📢 Chhattisgarh Talk का सवाल:
क्या अब भी कार्रवाई नहीं होगी? या फिर लापरवाही ही बनेगी परंपरा?
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