



झिटकु मिटकी की अमर प्रेम कहानी छत्तीसगढ़ के बस्तर से जुड़ी एक ऐतिहासिक और दिल छू लेने वाली घटना है। जानें कैसे इस प्रेमी जोड़े ने प्यार के लिए अपनी जान दी और आज भी उनका प्यार हर दिल में जीवित है।
बस्तर: वैलेंटाइन डे के खास मौके पर जब दुनिया भर में प्यार और रोमांस की बातें हो रही हैं, छत्तीसगढ़ की एक ऐतिहासिक और दिल छू लेने वाली प्रेम कहानी ने वर्षों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। यह कहानी है बस्तर जिले के एक छोटे से गांव के प्रेमी जोड़े, झिटकु और मिटकी की, जिनका प्यार सिर्फ गांव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे देश और दुनिया में प्रसिद्ध हो गया। झिटकु और मिटकी का प्रेम आज भी बस्तर में जीवित है, और उनके प्रति श्रद्धा और प्यार में लोग उनकी मूर्तियों की पूजा करते हैं।
कौन हैं झिटकु मिटकी?
बस्तर का यह ऐतिहासिक प्रेम कथा विश्रामपुरी मार्ग पर स्थित पेन्द्रावन गांव से जुड़ी हुई है। मिटकी, इस गांव की एक सुंदर और मासूम लड़की थी, जो सात भाइयों की इकलौती बहन थी। मिटकी को उसके भाई बेहद प्यार करते थे और उसे अपनी आँखों का तारा मानते थे। वे हर रोज़ सुबह सबसे पहले उसकी खैरमकदम करते थे। मिटकी का जीवन हर प्रकार से खुशहाल था और उसे किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं होती थी।
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लेकिन फिर एक दिन, गांव में लगे मेले में उसकी मुलाकात झिटकु से हुई। झिटकु एक पड़ोसी गांव का लड़का था, जो पहली बार मिटकी से मिला। यह पहली मुलाकात ही ऐसी थी कि दोनों के दिलों में एक अजीब सा आकर्षण उत्पन्न हुआ। धीरे-धीरे उनका प्यार परवान चढ़ने लगा और उन्होंने एक-दूसरे के बिना जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल समझा।
झिटकु मिटकी शादी की राह और खट्टे-मीठे पल
झिटकु ने जब मिटकी से शादी करने का इरादा किया, तो उसने मिटकी के भाइयों से इसकी अनुमति मांगी। मिटकी के भाइयों ने एक शर्त रखी कि झिटकु को घर जमाई बनकर रहना होगा। झिटकु, जो अकेला था, और मिटकी से बेहद प्यार करता था, इस शर्त को मानने के लिए तुरंत तैयार हो गया। इसके बाद, झिटकु और मिटकी की शादी हो गई।
झिटकु ने मिटकी के लिए एक अलग मिट्टी का घर बनवाया और दोनों खुशी-खुशी अपनी नई ज़िंदगी की शुरुआत करने लगे। हालांकि, मिटकी के भाइयों को यह बुरा लगता था कि उनकी बहन अब अपने घर में नहीं रह रही थी। लेकिन, दोनों का प्यार इस सब पर भारी पड़ा और वे एक-दूसरे के साथ रहने लगे।
झिटकु मिटकी: गांव में अकाल और तंत्र-मंत्र का तांडव
लेकिन फिर अचानक गांव में अकाल पड़ गया और पानी का संकट पैदा हो गया। गांव का एकमात्र तालाब सूख गया, और लोग परेशान होने लगे। गांववालों ने इस समस्या का हल तांत्रिक से पूछा। तांत्रिक ने बताया कि तालाब में पानी वापस लाने के लिए नरबलि की जरूरत है और यह बलि किसी बाहरी व्यक्ति की दी जानी चाहिए। तांत्रिक ने यह भी कहा कि इससे ना सिर्फ तालाब का पानी वापस आएगा, बल्कि आसपास के गांवों में भी प्रसिद्धि मिलेगी।
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गांववालों ने यह सुनकर सातों भाइयों को झिटकु की हत्या करने के लिए उकसाया, यह मानते हुए कि वह गांव का बाहरी व्यक्ति है। साथ ही, यह विश्वास था कि झिटकु की बलि से न केवल तालाब में पानी वापस आएगा, बल्कि उनका नाम भी क्षेत्र में मशहूर हो जाएगा।
झिटकु की हत्या और मिटकी का शोक
एक दिन, जब बारिश हो रही थी, मिटकी के सातों भाइयों ने गांववालों के साथ मिलकर झिटकु की हत्या कर दी। झिटकु रातभर घर नहीं लौटा, और मिटकी ने उसे ढूंढते हुए तालाब तक पहुंची। वहां उसने अपने प्यारे झिटकु का शव देखा। यह दृश्य मिटकी के लिए अत्यंत दुखदायी था और वह इसे सहन नहीं कर पाई। उसने उसी तालाब में झिटकु के पास अपनी जान दे दी। दोनों का प्यार अब अमर हो गया था, लेकिन उनका शरीर अब इस दुनिया में नहीं था।
झिटकु मिटकी का अमर प्रेम और उनकी पूजा
झिटकु की मौत के बाद, मिटकी को ‘गपा देवी’ और झिटकु को ‘खोड़िया राजा’ के नाम से पुकारा जाने लगा। गपा देवी का नाम उस टोकरी से जुड़ा था, जो मिटकी झिटकु की खोज में तालाब के पास ले गई थी। वहीं खोड़िया राजा का नाम उस देवता के मंदिर से जुड़ा था, जहां झिटकु का शव मिला था।
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आज भी बस्तर के लोग झिटकु और मिटकी के प्रेम को श्रद्धा और सम्मान के साथ याद करते हैं। उनकी मूर्तियों को बेल मेटल में बनाया जाता है और यह मूर्तियां देश-विदेश में बहुत प्रसिद्ध हैं। लोग इनकी पूजा करते हैं और झिटकु मिटकी के नाम पर मेले और मंडई आयोजित करते हैं।
झिटकु मिटकी का अद्वितीय प्रेम
झिटकु मिटकी की कहानी केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह प्रेम, समर्पण, और बलिदान की प्रेरणा देती है। उनका प्यार न केवल बस्तर, बल्कि पूरे देश में एक आदर्श बन चुका है। आज भी, जब हम प्यार की बात करते हैं, तो झिटकु मिटकी का नाम सबसे पहले आता है। उनकी यादों में श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, और लोग उनके आशीर्वाद से अपने रिश्तों को संजीवित करते हैं। इस प्रेम कथा ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्चा प्यार समय, स्थान और परिस्थिति से परे होता है, और यह हमेशा के लिए अमर रहता है।
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-छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)
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