सूत्र बताते हैं कि इस अवैध उत्खनन एवं परिवहन मे जिले के बड़े दिग्गज जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं जिनकी हाईवा वाहन इस अवैध उत्खनन एवं परिवहन मे लगी है और यही लोग छत्तीसगढ़ राज्य को राजस्व हानि पहुंचाने में पीछे नहीं हट रहे हैं।
revenue Department: राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के गृह जिले बलौदाबाजार में अवैध व्यापार अवैध कारोबार अपनी चरम सीमा पर है लाल ईंट, रेत, पत्थर, गिट्टी, मुरूम, शराब, नशीली दवाइयां और न जाने कितने प्रकार के खनिज विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पर्यावरण विभाग, आबकारी विभाग तथा अन्य विभाग से संबंधित जो अवैध व्यापार हो रहा है, होते रहा है और होने जाने की भी संभावना बनी रहती है।
revenue Department: इसी तारतम्य में बीते दिवस कलेक्टर के निर्देश पर रेत घाट पर दबीश दी गई जिसमें मौके पर ही तहसीलदार पलारी देवेन्द्र नेताम के द्वारा 6 हाईवे रोकी गई जिसमें दो हाईवे लवन में खड़ी कर जप्ती बनवाई गई एक गाड़ी रोड पर खड़ा रहा तथा तीन गाड़ी मुख्य मार्ग पर खड़ा किया गया इस तरह से छह गाड़ी तहसीलदार के ध्यान में तथा जानकारी के अनुसार कार्यवाही की गई मगर सुबह-सुबह यह जानकारी मिली की सिर्फ दो या फिर तीन गाड़ी पर ही कार्यवाही की गई बाकी गाड़ी भाग गई या फिर कार्यवाही नहीं की गई अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर कितने गाड़ी पर कार्यवाही हुई क्योंकि प्रश्न खड़ा होता है?? कि जब गाड़ी आंख के सामने है और फोटो भी खींच रहे हैं।
कार्यवाही निष्पक्ष रूप से पूर्णतः की जानी थी मगर कलेक्टर साहब को जानकारी क्या?
revenue Department: दो से तीन गाड़ी का कैसे बाकी गाड़ी कहां गई या फिर ड्राइवर ने चुपके से गाड़ी भगा दिया क्या यह गाड़ी पुनः पकड़ी जाएगी या नोटिस देखकर बुलवाई जाएगी या फिर भाग गई यह प्रश्न बाकी है अब देखने वाली बात यह होगी कि कितनी बातें कहां तक किस प्रकार की सच्चाई है और क्या कार्यवाही हुई इस विषय पर बात करने के लिए तहसीलदार नेताम तथा खनिज विभाग को फोन मिलाया गया मगर बात नहीं हो पाई फिलहाल खबर अभी बाकी है वहां अगले अंक में राजस्व विभाग खनिज विभाग तथा जिलाधीश से बात करके खबर पुनः प्रकाशित की जाएगी।
रेत गाड़ी पर कार्यवाही हुई है और बची हुई गाड़ी भाग गई कि भगा दी गई इस समय जांच करवा लेता हूं -कुमार लाल चौहान, कलेक्टर बलौदाबाजार
सवाल यह उठता है कि जिला अधिकारियों को जानकारी देने के बाद भी आखिर कार्यवाही क्यों नहीं होती है। आपको यह भी बता दे कि रेत का उत्खनन एवं परिवहन रात में प्रतिबंध रहता है और यह पर्यावरण विभाग भी कहता है पर जिले में रात्रि में ही महानदी का सीना छलनी किया जाता है और लाखों टन रेत बगैर रायल्टी के बाहर भेज दिया जाता है।