बलौदाबाजार जिले के कोसमंदी गांव के निवासी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश में प्राप्त किया सीजीपीससी 2023 में प्रथम स्थान, परीक्षा में पारदर्शिता को लेकर जताई संतुष्टि
बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) 2023 की परीक्षा में प्रदेश भर में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले रविशंकर वर्मा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय में कलेक्टर दीपक सोनी से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर कलेक्टर दीपक सोनी ने रविशंकर वर्मा का अभिनंदन करते हुए उन्हें पुष्प गुच्छ भेंट किया। रविशंकर वर्मा के साथ उनके परिवार के सदस्य भी इस मुलाकात में उपस्थित थे, जिनमें उनकी पत्नी डॉ. अंकिता वर्मा, उनकी बहन लखेश्वरी वर्मा और उनकी एक साल की बेटी गरिमा वर्मा शामिल थे। यह मुलाकात न केवल एक व्यक्तिगत सफलता का जश्न थी, बल्कि यह युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी साबित हुई, जो प्रशासनिक सेवा में करियर बनाने के सपने देखते हैं।
कलेक्टर दीपक सोनी ने इस अवसर पर रविशंकर वर्मा को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किए जाने वाले नवाचार कार्यक्रम “हम होंगे कामयाब” के तहत जिले के युवाओं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मार्गदर्शन देने के लिए आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उचित मार्गदर्शन और प्रोत्साहन प्रदान करना है। रविशंकर वर्मा ने इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए बलौदाबाजार आने की सहमति दी और कहा कि वे अपने अनुभवों को साझा करने के लिए उत्सुक हैं। वर्तमान में वे कोरिया जिले में रोजगार अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं और प्रशासनिक अकादमी, निमोरा में 13 दिसंबर तक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
पारदर्शिता से हुई परीक्षा, परिणाम से हैं संतुष्ट: रविशंकर वर्मा
रविशंकर वर्मा ने कलेक्टर दीपक सोनी से मुलाकात के दौरान सीजीपीएससी परीक्षा के परिणामों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि इस बार के परीक्षा परिणाम से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं, विशेष रूप से परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर।
रविशंकर वर्मा ने यह बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सीजीपीएससी की छवि कुछ हद तक धूमिल हो गई थी, लेकिन इस बार आयोग ने परीक्षा के संचालन में पूर्ण पारदर्शिता बरतते हुए परिणामों में विश्वास बहाल किया है।
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पारदर्शिता से परीक्षा का आयोजन युवाओं में उत्साह और आत्मविश्वास पैदा करता है, जबकि पारदर्शिता के अभाव में हताशा और शंका का माहौल उत्पन्न होता है। यह शंका संस्थान के प्रति नकारात्मक मानसिकता को जन्म देती है, जो भविष्य में न केवल संस्थान की छवि को धूमिल करती है, बल्कि युवाओं के मनोबल को भी प्रभावित करती है। रविशंकर वर्मा ने कहा, “पारदर्शिता से परिणाम जारी होने के कारण आज सरकार और सीजीपीएससी जैसे संस्थानों पर पुनः विश्वास बढ़ा है, और इससे युवा वर्ग को प्रेरणा मिलती है।” -रविशंकर वर्मा, सीजीपीएससी टॉपर
रविशंकर वर्मा: पारदर्शिता से युवाओं को मिलेगा सुनहरा अवसर
रविशंकर वर्मा ने यह भी बताया कि सीजीपीएससी परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार के लिए आयोग ने कुछ अहम कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन सुधारों का सकारात्मक प्रभाव इस बार के परिणामों पर साफ दिखाई दे रहा है। उनके अनुसार, जब तक परीक्षा की प्रक्रिया पारदर्शी रहती है, तब तक यह युवाओं को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करती है और राज्य के प्रशासनिक तंत्र में अच्छे अधिकारियों की भर्ती की संभावना को बढ़ाती है।
रविशंकर वर्मा ने यह भी बताया कि वे भविष्य में इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए अपना योगदान देने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि यदि परीक्षा प्रक्रिया में निरंतर सुधार होते रहें, तो यह छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर बनेगा और राज्य के विकास में योगदान देने वाले सक्षम अधिकारियों की संख्या में वृद्धि होगी।
रविशंकर वर्मा की सफलता: मेहनत, पारदर्शिता और सकारात्मक सोच से मिली मंजिल, युवाओं के लिए प्रेरणा और संघर्ष की कहानी
रविशंकर वर्मा ने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में भी कलेक्टर से चर्चा की। उन्होंने बताया कि उनका परिवार हमेशा से शिक्षा और सामाजिक सेवा में विश्वास रखता है। उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा शिक्षा की महत्ता बताई और जीवन के संघर्षों में सकारात्मक सोच रखने की प्रेरणा दी। रविशंकर वर्मा ने यह बताया कि उनके परिवार के समर्थन और संघर्ष के कारण ही वे इस मुकाम तक पहुंचने में सफल हुए। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के साथ-साथ अपने गुरुजनों को भी दिया, जिन्होंने उनके मार्गदर्शन में अहम भूमिका निभाई।
रविशंकर वर्मा की सफलता एक प्रेरणा है, जो यह सिद्ध करती है कि यदि कोई व्यक्ति मेहनत, ईमानदारी, और समर्पण से कार्य करता है, तो वह अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। उनके विचार और अनुभव निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का स्रोत बनेंगे। वे यह साबित करते हैं कि पारदर्शिता, मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। रविशंकर वर्मा का यह सफर न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन गया है, जो सरकारी सेवा में अपनी जगह बनाने का सपना देखते हैं।