



नवागढ़ नगर पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सिद्धांत चौहान ने शपथ ली, लेकिन समारोह को लेकर विवाद खड़ा हो गया। भाजपा नेता ने सीएमओ पर मनमानी के आरोप लगाए। जानिए पूरी खबर!
अरुण पुरेना, बेमेतरा: छत्तीसगढ़ के नवागढ़ नगर पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सिद्धांत चौहान का शपथ ग्रहण समारोह नगर पंचायत कार्यालय में संपन्न हुआ। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने सिद्धांत चौहान ने अपने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। लेकिन इस समारोह में उस वक्त राजनीतिक पारा चढ़ गया, जब उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध नगर पंचायत के हाल में शपथ दिलाई गई। इस फैसले से नाराज अध्यक्ष ने खुले तौर पर अपनी नाखुशी जाहिर की, जिससे नगर पंचायत में सत्ता संघर्ष की नई बहस छिड़ गई।
निर्दलीय अध्यक्ष VS भाजपा समर्थित पार्षद, शुरू हुआ सत्ता संग्राम?
गौरतलब है कि नवागढ़ नगर पंचायत चुनाव में सिद्धांत चौहान निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीतकर अध्यक्ष बने हैं, जबकि सभी पार्षद भाजपा समर्थित हैं। इस समीकरण ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि नगर पंचायत में सत्ता को लेकर संघर्ष देखने को मिल सकता है। अब शपथ ग्रहण विवाद ने इस सियासी खींचतान को और हवा दे दी है।
अध्यक्ष सिद्धांत चौहान की नाराजगी, “शपथ लेने का हक छीना गया”
शपथ ग्रहण समारोह के बाद अध्यक्ष सिद्धांत चौहान ने प्रशासन के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि को यह अधिकार होता है कि वह अपनी मर्जी से स्थान तय कर शपथ ले, लेकिन उन्हें जबरन नगर पंचायत कार्यालय के हाल में शपथ दिलाई गई। उन्होंने इसे लोकतंत्र की भावना के खिलाफ बताया और आरोप लगाया कि प्रशासन ने जानबूझकर यह फैसला लिया।
भाजपा नेता देवादास चतुर्वेदी ने साधा सीएमओ पर निशाना
शपथ ग्रहण विवाद को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता देवादास चतुर्वेदी ने नवागढ़ नगर पंचायत के सीएमओ बसंत लोन्हारे को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने सीएमओ पर मनमानी और लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
देवादास चतुर्वेदी का बयान: “अध्यक्ष को शपथ लेने के लिए स्थान चुनने की पूरी स्वतंत्रता है। लेकिन सीएमओ ने नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी चलाई। प्रशासन का यह रवैया पूरी तरह से अनुचित और अस्वीकार्य है।”
सीएमओ ने दी सफाई, “निर्देशों का पालन किया गया”
नगर पंचायत के सीएमओ बसंत लोन्हारे ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने सिर्फ पीठासीन अधिकारी के निर्देशों के अनुसार काम किया है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि अध्यक्ष द्वारा समय रहते सूचना नहीं दी गई थी, जिसके चलते नगर पंचायत के हाल में शपथ ग्रहण का आयोजन करना पड़ा।
सीएमओ बसंत लोन्हारे का बयान: “हमने नियमों के अनुसार कार्य किया है। पीठासीन अधिकारी के निर्देशों के तहत ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। हमें समय पर कोई अन्य निर्देश नहीं मिले थे।”
अब पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह भी बना चर्चा का विषय
इस पूरे विवाद के बीच नगर पंचायत के पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह नगर पंचायत प्रांगण में आयोजित किया जा रहा है। इसे लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। सवाल उठ रहे हैं कि जब पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह नगर पंचायत के बाहर हो सकता है, तो अध्यक्ष को यह सुविधा क्यों नहीं दी गई?
नगर पंचायत में आगे क्या होगा?
शपथ ग्रहण विवाद ने नगर पंचायत में सत्ता संघर्ष के संकेत दे दिए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि निर्दलीय अध्यक्ष और भाजपा समर्थित पार्षदों के बीच तालमेल कैसे बनेगा। साथ ही, प्रशासन की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
निष्कर्ष: नवागढ़ नगर पंचायत में ‘राजनीतिक उठा-पटक’ के संकेत
नवागढ़ नगर पंचायत में इस शपथ ग्रहण विवाद ने यह साफ कर दिया है कि राजनीतिक खींचतान आगे और बढ़ सकती है। सत्ता के इस संघर्ष का असर नगर पंचायत के विकास कार्यों और प्रशासनिक फैसलों पर भी पड़ सकता है। अब देखना होगा कि अध्यक्ष और पार्षदों के बीच सामंजस्य बनता है या यह टकराव और गहराता है।
“क्या नवागढ़ नगर पंचायत में विकास से ज्यादा राजनीति हावी होगी?”
(रिपोर्टर: अरुण पुरेना, बेमेतरा)
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