पत्रकारिता विश्वविद्यालय में छात्रों के जीवन से खिलवाड़, KTU कैटिंग के खाने में मिला कीड़ा, फिर भी छात्र ने खाया खाना लेकिन क्यो?
KTU विश्वविद्यालय के हॉस्टल मेस में छात्र के खाने में कीड़ा निकल आया है. इस घटना से छात्रों में काफी नाराजगी है. मामले को लेकर छात्रों ने मेस संचालक को दिखाने और बताने में मिला ये जवाब??
छत्तीसगढ़ प्रदेश के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विद्यालय (Kushabhau Thakare University of Journalism and Mass Communication) में एक बार फिर शिक्षा महकमा चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दे कि रायपुर में स्थित कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विद्यालय देश का दूसरा और प्रदेश का पत्रकारिता यूनिवर्सिटी हैं. दरअसल, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नया- नया केटिंग खुला हैं जहाँ दूर दराज से आये छात्र-छात्राएं होस्टल में रहते हैं, हॉस्टलर्स सभी छात्र-छात्राओ को विश्विद्यालय के कुलसचिव द्वारा कैंटिक में खाना खाने का निर्देश दिया गया हैं.
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कैटिंग वाले नही दिया दूसरा खाना, मजबूरन छात्र ने खाया कीड़ा वाले थाली में ही खाना
बता दे कि कैटिंग संचालक द्वारा बच्चों को खाना परोसा जा रहा था. इसी बीच बीती शनिवार रात को खाने में कीड़ा निकलने के बाद पूरे हॉस्टलर्स में हंगामा मच गया. होस्टल में रहने वाले छात्र सुरेंद्र साहू ने बताया कि आज जब रात का भोजन करने कैटिंग पहुंचा तो खाने के दौरान उसे कीड़ा नज़र आया जिसका फ़ोटो आप फ़ोटो में देख सकते हैं यह फोटो पीड़ित छात्र द्वारा लिया गया हैं, आगे जब छत्तीसगढ़ टॉक के टीम से पीड़ित छात्र से पूछा कि अपने इसकी जानकारी व शिकायत किसे की? जबाब में बताया कि उसने कीड़ा मिलने की जानकारी कैंटीन संचालन को दिया लेकिन संचालक बीना कुछ बोले निकल गया, और दूसरा खाना लगाने से इनकार किया तो मजबूरन मैं दिन भर का भूखा था तो मैंने जिस सब्जी में कीड़ा मिला उसे छोड़ बाकी चावल और दाल खा लिया. एडवांस पैसा दिया हुआ हैं. कैटिंग मेस में खाना मजबूरी हैं बाहर खाने रात में जा नही सकता क्यो की बाइक साधन नही हैं. बाहर से यहाँ पढ़ने आये हैं तो मजबूरी हैं.
बता दे कि होस्टल और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं KTU कैंटिन मेस में नास्ता और खाना खाते है कुछ बच्चों का ये भी शिकायत है कि पुराना बासी खराब नास्ता दिया जाता हैं कल के बचे समोसा तेल में तल गरम कर दिया जाता हैं.
हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राओं को ये तमाम समस्याओं करना पड़ता हैं सामना
ज्ञात हो कि पत्रकारिता वविश्वविद्यालय के लिए यह नयी बात नही हैं बीते सेमेस्टर एग्जाम के समय भी होस्टल में रहने वाले छात्र छात्राओं को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. पहले तो पानी की समस्या से झूझ रहे थे और अब बिजली की नयी समस्या. जिससे पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को समस्या का सामना करना पढ़ रहा. पहले भी KTU हॉस्टल के छात्र-छात्राओं ने देर रात प्रशासनिक भवन के गेट पर हंगामा किया था, और पानी की मांग की लड़ाई लड़े. बिजली की अनियमित आपूर्ति होने के कारण छात्राओं को समय से पानी नहीं मिल पाना यानी की छात्र-छात्राओं के भविष्य का साथ खेलने का प्रयास. यहाँ तक छात्राओ के समस्या का निराकरण मांगने पर तत्कालीन कुलसचिव डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी ने बच्चो को होस्टल से निकलने जाने की बात कह दी थी. फिरहाल अभी नए कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा आए हुए है छात्राओं को काफी उम्मीदें हैं, अब देखने वाली बात होगी कि कुलसचिव छात्रों के हिट में कार्य करते हैं या तत्कालीन कुलसचिव जैसा वैवहार करते हैं यह देखने वाली बात होंगी.
अतिसंवेदनशील हो जाते हैं
ऐसा माना जाता है कि कीड़ों को खाने से आंतरिक अंग और ऊतक लार्वा के लिए अतिसंवेदनशील हो जाते हैं, हालांकि माइआसिस आमतौर पर त्वचा के नीचे होता है. माइआसिस पैदा करने वाले कीड़े पेट और आंतों के साथ- साथ मुंह में भी रह सकते हैं. इससे ऊतकों को गंभीर नुकसान हो सकता है और इसके लिए चिकित्सकीय ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
कुलसचिव ने किया था आदेशित
बता दे कि कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा ने 19/09/2024 को एक आदेश जारी किया जिसमें लिखा है समस्त बालक/बालिका छात्रावास में आबंटित कक्ष के सभी छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विश्वविद्यालय परिसर दोनो छात्रावास के समीप केन्टीन / गॅस स्थानीय मेंस संचालक मुकेश सारंग, मोबाईल नम्बर- 7581007780 द्वारा संचालित हैं। वर्तमान में जिन छात्र-छात्राओं को छात्रावास में कक्ष आबंटित है वहाँ किसी भी प्रकार के गीजर, हीटर, गैस, इनडक्शन आदि का उपयोग या आबंटित कक्ष में पाया जाता है तो दिनांक 23/09/2024 दिन सोमवार के उपरान्त उक्त समानों को जब्त कर छात्रावास में आबंटित कक्ष निरस्त कर अन्य आवश्यक कार्यवाही की जावेगी.