CG Police: छत्तीसगढ़ के पलारी में मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़की को पुलिस ने रेस्क्यू कर परिजनों से मिलाया, निकली NEET क्वालिफाइड छात्रा।
बलौदाबाजार/पलारी: अक्सर जब कोई महिला मानसिक अस्थिरता की स्थिति में सड़क पर भटकती मिलती है, तो समाज का एक बड़ा हिस्सा नजरें फेर लेता है। लेकिन छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले की पलारी पुलिस ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने न केवल युवती को सम्मानजनक तरीके से रेस्क्यू किया, बल्कि उसकी पहचान कर परिजनों से मिलवाया और तब सामने आई एक चौंकाने वाली सच्चाई — वह युवती NEET परीक्षा पास कर चुकी थी।
बस स्टैंड पर भटक रही थी लड़की, पुलिस ने दिखाई इंसानियत
18 जुलाई की सुबह पलारी बस स्टैंड के आसपास लोगों ने एक युवती को असहाय, असमंजस में और गुमसुम हालत में भटकते हुए देखा। लड़की की दशा देखकर यह साफ था कि वह मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ नहीं है। किसी ने इसकी सूचना पलारी थाने को दी। सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचीं, और युवती को सहानुभूति से बुलाकर उसे खाने-पीने की सामग्री दी। लगातार संवाद के प्रयास के बाद जब लड़की थोड़ा सहज हुई, तब उसने अपना नाम, गांव और पिता का नाम बताया।
NEET पास, लेकिन मानसिक स्थिति अस्थिर — परिवार का दर्द छलका
पलारी पुलिस ने जब दिए गए विवरण के आधार पर ग्राम बलोदी के एक शिक्षक परिवार से संपर्क किया, तो पुष्टि हुई कि युवती उसी घर की है। पिता ने बताया कि 4 साल पहले उनकी बेटी ने NEET परीक्षा क्वालिफाई की थी, लेकिन उसके बाद अचानक उसकी मानसिक हालत बिगड़ने लगी। इलाज चलते-चलते वह अक्सर अस्पताल से भी गायब हो जाती है। इस बार भी वह केंद्री के मानसिक स्वास्थ्य केंद्र से चुपचाप निकलकर पलारी पहुंच गई थी। परिजन जब थाने पहुंचे, तो बेटी को सकुशल देखकर उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े।
थाना प्रभारी हेमंत पटेल ने कहा — “पुलिस सिर्फ कानून नहीं, संवेदना भी है”
थाना प्रभारी हेमंत पटेल ने बताया:
“जब हमें युवती के बारे में सूचना मिली, हमने सबसे पहले मानवीय दृष्टिकोण से उसे सुरक्षित करने का प्रयास किया। लड़की बेहद प्रतिभाशाली थी, लेकिन बीमारी ने उसकी राह रोक दी। हमनें उसे परिवार से मिलाया और परिजनों को उचित इलाज के लिए प्रेरित किया। पुलिस सिर्फ कानून का रखवाला नहीं, समाज का संरक्षक भी है।”
इलाके में पुलिस की सराहना, सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी
इस पूरे मामले में पलारी पुलिस ने जो संवेदनशीलता और तत्परता दिखाई, उसकी चर्चा पूरे इलाके में हो रही है। पलारी पुलिस का यह कदम समाज के लिए एक बड़ा संदेश है कि मानसिक रूप से परेशान लोगों को भी इज्ज़त, देखभाल और संवेदना की जरूरत होती है।
यह खबर एक सवाल छोड़ती है — “क्या हम मानसिक स्वास्थ्य को उतनी ही प्राथमिकता देते हैं, जितनी शारीरिक स्वास्थ्य को?”
- एक NEET क्वालिफाइड लड़की, जो कभी डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी, आज इलाज के लिए भटक रही है।
- क्या हमारा स्वास्थ्य सिस्टम, परिवार, और समाज मानसिक बीमारियों को लेकर अभी भी उतने जागरूक हैं?
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