ऑपरेशन विश्वास: गुम इंसानों की खोज में बलौदाबाजार पुलिस की नई पहल

ऑपरेशन विश्वास: Chhattisgarh Police (Chhattisgarh Talk News)
ऑपरेशन विश्वास: Chhattisgarh Police (Chhattisgarh Talk News)

ऑपरेशन विश्वास: बलौदाबाजार पुलिस ने 1003 गुम इंसानों को खोजकर उनके परिवारों से मिलाया और सफलता का झंडा बुलंद किया

बलौदाबाजार-भाटापारा, छत्तीसगढ़: बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन विश्वास के तहत इस साल 1 जनवरी से 11 दिसंबर तक 1003 गुम इंसानों को सकुशल खोजा गया और उन्हें उनके परिवारों से मिलाया गया। इस अभियान में 254 नाबालिग बच्चों, जिनमें 27 लड़के और 227 लड़कियां शामिल हैं, को भी बरामद किया गया। गुम इंसान के मामलों में यह अभियान विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि इसमें बच्चों, महिलाओं और पुरुषों की तलाश की गई थी जो कहीं न कहीं गायब हो गए थे।

ऑपरेशन विश्वास: गुम इंसानों की बरामदगी और राज्यभर में प्रभाव

ऑपरेशन विश्वास के तहत कुल 1003 गुम इंसान बरामद किए गए। इसमें 27 बालक, 227 बालिकाएं, 165 पुरुष और 584 महिलाएं शामिल हैं। यह सफलता सिर्फ जिले के भीतर ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों और आसपास के जिलों से भी गुम इंसानों की बरामदगी में मिली। जिन गुम इंसानों को वापस लाया गया, वे सभी सुरक्षित और स्वस्थ अवस्था में अपने परिवारों के पास पहुंचे।

एसपी बलौदाबाजार विजय अग्रवाल ने कहा, “ऑपरेशन विश्वास एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसे लेकर हम पूरी तरह से समर्पित थे। गुम इंसानों की खोज में पुलिस विभाग के हर अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, और हम बहुत खुश हैं कि इस अभियान की सफलता से न केवल जिले, बल्कि पूरे राज्य में एक सकारात्मक संदेश गया है।”

ऑपरेशन विश्वास: पुलिस की सफलता

ऑपरेशन विश्वास की सफलता ने बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस की सक्रियता और तत्परता को उजागर किया है। पुलिस विभाग ने न केवल अपराधों के समाधान में अपनी भूमिका निभाई, बल्कि गुम इंसानों की तलाश में भी अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।

एएसपी बलौदाबाजार अभिषेक सिंह ने कहा, “हमारे लिए यह केवल एक अभियान नहीं था, बल्कि एक मिशन था। गुम इंसान के मामलों में समय पर कार्रवाई करना बेहद महत्वपूर्ण था, और हमारे सभी पुलिसकर्मियों ने इसे अपनी प्राथमिकता बना लिया।”

ऑपरेशन विश्वास का उद्देश्य और रणनीति

ऑपरेशन विश्वास का मुख्य उद्देश्य गुम इंसानों की जल्द और प्रभावी तलाश करना था, ताकि वे जल्दी से जल्दी अपने परिवारों के पास वापस लौट सकें। पुलिस विभाग ने इस अभियान को सशक्त बनाने के लिए एक सुव्यवस्थित और समर्पित कार्यप्रणाली अपनाई। इस अभियान का नेतृत्व एसडीओपी कसडोल कौशल किशोर वासनिक ने किया, जिनकी निगरानी में जिले के सभी थाना और चौकी प्रभारी लगातार गुम इंसानों की तलाश में जुटे रहे।

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एसडीओपी वासनिक ने बताया, “हमारे मुख्य उद्देश्य के तहत गुम इंसानों को जल्द से जल्द सुरक्षित रूप से परिवारों तक पहुंचाना था। इसके लिए हमने पुलिस के सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया और हर पहलू पर ध्यान दिया। सभी थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी इस अभियान को लेकर बेहद सजग और सक्रिय रहे।”

खोजबीन की प्रक्रिया और तकनीकी सहायता

इस अभियान के दौरान बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस ने अत्याधुनिक तकनीकी सहायता का उपयोग किया। सायबर सेल ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर गुम इंसानों के मामलों को ट्रैक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही, पुलिस ने गुम इंसानों के परिवारों से प्राप्त जानकारी और अन्य संदिग्ध सूचनाओं का विश्लेषण कर संबंधित स्थानों पर छानबीन की। पुलिस टीमों ने मौके पर जाकर गुम इंसानों की तलाश की और समय रहते सभी मामलों को सुलझाने में सफलता हासिल की।

साथ ही, बलौदाबाजार जिले के आसपास के राज्यों और जिलों से भी गुम इंसानों की बरामदगी की गई। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और राज्य के अन्य जिलों से भी कई गुम इंसानों को सकुशल खोज कर बलौदाबाजार लाया गया।

यह अभियान यह भी साबित करता है कि पुलिस विभाग समाज में हर व्यक्ति की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रतिबद्ध है, और वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।

ऑपरेशन विश्वास के बाद की योजना

ऑपरेशन विश्वास की सफलता के बाद बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस अब भविष्य में गुम इंसान के मामलों के समाधान के लिए और अधिक प्रभावी रणनीतियों पर विचार कर रही है। पुलिस विभाग ने जनता से अपील की है कि अगर किसी के आसपास कोई गुम इंसान हो, तो वे तुरंत पुलिस से संपर्क करें ताकि उनकी मदद समय पर की जा सके और गुम इंसान को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके।

पुलिस विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस तरह के अभियानों को लगातार जारी रखा जाएगा ताकि समाज में हर व्यक्ति को सुरक्षा का अहसास हो सके और गुम इंसानों की संख्या कम हो सके।

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