फर्जी मार्कशीट छत्तीसगढ़: बलौदाबाजार जिले में फर्जी मार्कशीट बनाने का बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें शिक्षा विभाग और प्रशासन की मिलीभगत के आरोप हैं। दो व्यक्तियों ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त की। छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम ने इस घोटाले का खुलासा किया। जानें पूरी रिपोर्ट और प्रशासन की निष्क्रियता पर उठते सवाल।
Chhattisgarh Talk Exposed: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी मार्कशीट बनाने के आरोप में शिक्षा विभाग और प्रशासन की मिलीभगत के सवाल उठ रहे हैं। यह मामला तब उजागर हुआ जब छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम ने इस फर्जीवाड़े को सार्वजनिक किया। इस घोटाले के तहत दो व्यक्तियों ने सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल किया, और यह प्रक्रिया शासकीय विद्यालय के स्तर पर ही की गई थी। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि प्रशासन ने इस मामले पर संज्ञान लेने के बाद भी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
Chhattisgarh Talk डॉट कॉम का खुलासा: फर्जी मार्कशीट के जरिए सरकारी नौकरी का खेल
Chhattisgarh Talk Exposed: बलौदाबाजार जिले के शासकीय प्राथमिक स्कूल गिरोधपुरी में कक्षा 5वीं और 8वीं की फर्जी मार्कशीट बनाने का मामला सामने आया। इस फर्जीवाड़े का खुलासा अगस्त 2023 में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत किया गया था, जब किसी ने स्कूल के रजिस्टर और परीक्षा परिणाम की जानकारी मांगी। इस जांच में पता चला कि कुछ छात्रों के नाम को रजिस्टर में जोड़े बिना उनकी मार्कशीट बनाई गई, जिससे यह साफ हो गया कि यह एक संगठित फर्जीवाड़ा था।
इस मामले में दो मुख्य आरोपियों का नाम सामने आया है:
- संध्या सतनामी – जिन्होंने आंगनबाड़ी सहायिका की सरकारी नौकरी हासिल की, जबकि उनकी मार्कशीट फर्जी थी।
- रूपेश कुमार सतनामी – जिन्होंने कक्षा 5वीं और 8वीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर सरकारी नौकरी प्राप्त की और वर्तमान में महासमुंद जिले के एसडीएम कार्यालय में वाहन चालक के रूप में कार्यरत हैं।
इन दोनों का नाम 2008 के फर्जी मार्कशीट से जुड़ा हुआ है, जो शासकीय प्राथमिक शाला गिरोधपुरी से जारी की गई थीं, जबकि स्कूल के रजिस्टर में इनका नाम कहीं नहीं था।
महिला प्रधानपाठिका निलंबित: छत्तीसगढ़ टॉक की खबर का असर
Chhattisgarh Talk डॉट कॉम की खबर पर लगी 24 मई 2024 को मुँहर, जांच में पाया फर्जी
छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम की खबर पर लगी मुँहर। छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम ने पहले इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया था, जिसके बाद जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया और जांच टीम का गठन किया। 24 मई 2024 को आई जांच रिपोर्ट में यह साफ तौर पर पाया गया कि डिग्रियां और मार्कशीट फर्जी थीं। हालांकि, सात महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। देखिए जांच रिपोर्ट। 👇
Chhattisgarh Talk Exposed: इस पूरे मामले की जानकारी कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों के पास पहले से है। छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम न्यूज़ एजेंसी द्वारा खबर प्रसारित किए जाने के बाद प्रशासन ने जांच भी शुरू की थी। जांच में फर्जी पाया गया इसके बावजूद, अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कानूनी कदम नहीं उठाया गया है। यह स्थिति यह सवाल खड़ा करती है कि क्या इस फर्जीवाड़े में प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है?
फर्जी मार्कशीट बनाने में प्रधान पाठक की भूमिका
जांच में यह बात सामने आई कि यह फर्जीवाड़ा शासकीय स्कूल के प्रधान पाठक के सहयोग से किया गया था। इसके बावजूद, शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों ने इस मामले को नजरअंदाज किया। जब यह मामला छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम न्यूज एजेंसी ने उजागर किया, तब बलौदाबाजार जिला प्रशासन ने जांच शुरू की, लेकिन फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यह सवाल उठता है कि क्या शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा चलता रहा, या फिर यह मामला प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम था।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब जांच रिपोर्ट 24 मई 2024 को आ गई थी, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? सात महीने बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन की मिलीभगत इस मामले में शामिल है। क्या यह मामला जानबूझकर टालने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि दोषियों को बचाया जा सके?
क्या छत्तीसगढ़ में बड़े स्तर पर फर्जी मार्कशीट बनाने का नेटवर्क है?
बलौदाबाजार जिले में हुआ यह फर्जीवाड़ा केवल एक उदाहरण है। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों में भी इस तरह के फर्जीवाड़े चल रहे हैं, जहां शिक्षा विभाग और स्कूल प्रशासन की मिलीभगत से फर्जी मार्कशीट बनाई जा रही हैं। यदि ऐसा है, तो यह पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में सरकारी नौकरी के लिए फर्जी मार्कशीट बनाने के बड़े नेटवर्क का संकेत हो सकता है, जो नौकरी के इच्छुक लोगों के लिए एक गंभीर खतरे का कारण बन सकता है।
क्या कार्रवाई होगी?
अब यह देखना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है कि प्रशासन इस मामले में किस तरह की कार्रवाई करता है। क्या इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों को सजा मिलेगी? क्या शिक्षा विभाग में सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे? यह घटना प्रशासन और शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती है, और अब समय आ गया है कि फर्जीवाड़े के इस नेटवर्क को तोड़ा जाए और जिम्मेदारों को सजा दी जाए।
छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम न्यूज़ एजेंसी के संपादक बोले
Chhattisgarh Talk Exposed: बलौदाबाजार जिले का यह मामला प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के लिए एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि छत्तीसगढ़ में फर्जीवाड़े के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। केवल जांच और रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा, बल्कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। इससे न केवल दोषियों को सजा मिलेगी, बल्कि यह भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने में भी मदद करेगा।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाता है और इस मामले में न्याय दिलाने के लिए तेजी से कार्रवाई करेगा।
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