Nakoda Steel Plant को लेकर रायपुर में गर्माया जनसुनवाई का माहौल – विरोध और समर्थन में बंटा गांव, लेकिन सरकार और कंपनी विकास के लिए प्रतिबद्ध

Nakoda Steel Plant Raipur: नकोडा स्टील प्लांट की जनसुनवाई: रायपुर के सांकरा में विरोध और समर्थन के बीच तय होगा तिल्दा का भविष्य (Chhattisgarh Talk)
Nakoda Steel Plant Raipur: नकोडा स्टील प्लांट की जनसुनवाई: रायपुर के सांकरा में विरोध और समर्थन के बीच तय होगा तिल्दा का भविष्य (Chhattisgarh Talk)

छत्तीसगढ़ के सांकरा गांव में नकोडा स्टील प्लांट पर जनसुनवाई सम्पन्न, कुछ ग्रामों का विरोध तो कई पंचायतों का समर्थन। जानिए परियोजना के फायदे, चुनौतियाँ और अगला कदम।

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से सटे तिल्दा तहसील के ग्राम सांकरा में शुक्रवार को नकोडा स्टील प्लांट इस्पात एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड की नई एकीकृत इस्पात परियोजना के लिए आयोजित नकोडा स्टील प्लांट (Nakoda Steel Plant) जनसुनवाई में जबरदस्त हलचल देखने को मिली। इस जनसुनवाई में विकास बनाम पर्यावरण को लेकर तीखी बहसें हुईं, जहाँ एक ओर सैकड़ों ग्रामीणों ने बैनर लेकर परियोजना का विरोध किया, वहीं बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतों और स्थानीय प्रतिनिधियों ने परियोजना के समर्थन में लिखित सहमति भी सौंपी।


Nakoda Steel Plant: क्या है नकोडा इस्पात की यह नई परियोजना?

  • नकोडा स्टील प्लांट परियोजना का स्थान: ग्राम सांकरा, तहसील तिल्दा, जिला रायपुर
  • प्रस्तावित लागत: ₹684 करोड़
  • कंपनी: नकोडा नकोडा स्टील प्लांट एंड पावर प्रा. लि.
  • रोजगार के अवसर: 1200 से अधिक स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
  • पर्यावरण बजट:
    • प्रारंभिक पर्यावरणीय सुरक्षा लागत – ₹60 करोड़
    • वार्षिक रख-रखाव बजट – ₹10 करोड़
  • हरियाली लक्ष्य: लगभग 14,000 से अधिक पौधों का वृक्षारोपण

Nakoda Steel Plant: कैसा रहा जनसुनवाई का दृश्य?

नकोडा स्टील प्लांट (Nakoda Steel Plant) जनसुनवाई का आयोजन पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना 2006 के तहत किया गया था, जिसकी अध्यक्षता अतिरिक्त कलेक्टर देवेंद्र पटेल ने की और संचालन छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी पी.के. राबडे ने किया।

समर्थन में बोले प्रतिनिधि और पंचायतें

कई ग्राम पंचायतों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने कहा कि:

  • “नकोडा स्टील प्लांट की यह परियोजना हमारे गांवों को विकास की मुख्यधारा में लाएगी।”
  • “नकोडा स्टील प्लांट CSR फंड से स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाएं सुधरेंगी।”
  • “सरकार को टैक्स मिलेगा और युवाओं को नौकरी।”

विरोध में खड़े हुए कुछ गांव

  • ग्राम लखना, सांकरा और परसदा के कुछ ग्रामीणों ने बैनर-पोस्टर लेकर प्लांट का विरोध किया।
  • इन ग्रामीणों ने नकोडा स्टील प्लांट जनसुनवाई स्थल पर पहुंचने से भी अन्य ग्रामीणों को रोका।

विरोध करने वालों का कहना था कि:

  • “नकोडा स्टील प्लांट (Nakoda Steel Plant) से गांव में प्रदूषण फैलेगा।”
  • “जल स्रोत और खेती की जमीनें बर्बाद हो जाएंगी।”

Nakoda Steel Plant: परियोजना प्रतिनिधि का पक्ष

नकोडा स्टील प्लांट की परियोजना प्रमुख ने जनसुनवाई में कहा कि—

“हमने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत इस प्रोजेक्ट की योजना बनाई है। तिल्दा क्षेत्र को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में ये महत्वपूर्ण कदम है। हमने एक बीमार और बंद पड़ी फैक्ट्री ‘मेसर्स एस्टर प्राइवेट लिमिटेड’ को खरीदा है, जो पिछले 10 वर्षों से बंद थी। अब वहां रोजगार, विकास और हरियाली साथ-साथ लाने का प्रयास करेंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि नकोडा स्टील प्लांट कंपनी को सरकार की ओर से MoU (इन्विटेशन टू इंटरेस्ट) जारी किया गया है, और वे पूरी तरह से पारदर्शिता के साथ कार्य करेंगे।


क्या कहा प्रशासन ने?

अतिरिक्त कलेक्टर देवेंद्र पटेल ने जनसुनवाई की समाप्ति के दौरान कहा:

“जनसुनवाई लोकतांत्रिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है। ग्रामीणों से अपील है कि वे अपनी राय, सुझाव या आपत्तियां लिखित रूप में जमा करें। नकोडा स्टील प्लांट जनसुनवाई के बाद प्राप्त सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को भेजी जाएगी।”


क्या मिलेगा ग्रामीणों को?

  • प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष 1200 से अधिक रोजगार
  • स्कूल, अस्पताल, सड़क, पानी जैसी CSR योजनाएं
  • स्थानीय उत्पादों को औद्योगिक सहयोग
  • पंचायतों को विकास निधि
  • युवाओं को स्किल ट्रेनिंग और उद्योग में अवसर

Nakoda Steel Plant: जन भावना VS विकास की नीति – क्या होगा निर्णय?

छत्तीसगढ़ में निवेश और रोजगार की बढ़ती संभावनाओं के बीच इस परियोजना पर नज़रें टिक गई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि

क्या नकोडा स्टील प्लांट की जनसुनवाई में उठे मुद्दे, आपत्तियाँ और समर्थन के बिंदु पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी को प्रभावित करेंगे या नहीं।

एक ओर जहां रोजगार, CSR और औद्योगिकीकरण की उम्मीदें हैं, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और ग्रामीण असंतोष जैसी गंभीर चिंताएं। अब फैसला नियामक एजेंसियों और सरकार को करना है – कि छत्तीसगढ़ का तिल्दा औद्योगिक नक्शे पर चमकेगा या जनभावनाओं के सामने कदम रुक जाएगा।


📢 आपके पास भी कोई जानकारी या शिकायत है?

संपर्क करें: chhattisgarhtalk@gmail.com | 9111755172


व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े- Join Now

  • विज्ञापन के लिए संपर्क करे: 9111755172

-टीम छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ (Chhattisgarh Talk News)

ट्रैफिक पुलिस बनी वसूली एजेंसी: टोकन दिखाओ, चालान से बचो! जानिए इस गुप्त वसूली खेल की सच्चाई!

Exclusive News: टोकन सिस्टम अवैध वसूली की खबर के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप! एक्शन में बलौदाबाजार कप्तान (SP), लेकिन क्या बच निकलेंगे बड़े खिलाड़ी?


आप किस जेनरेशन का हिस्सा हैं? जानिए हर पीढ़ी की विशेषताएँ और योगदान

छत्तीसगढ़ टॉक की खबर का बड़ा असर: कलेक्टर ने बनाई जांच समिति, जल संकट से जूझते ग्रामीणों की आवाज बनी छत्तीसगढ़ टॉक!

Img 20240616 Wa0000

error: Content is protected !!