



CG News: बीजापुर में घटिया सड़क निर्माण के विवाद ने पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार के भ्रष्टाचार को उजागर किया है। जानें कैसे जवानों की शहादत और पर्यावरणीय नुकसान के बावजूद निर्माण कार्य में घोटाला हुआ।
अतुल तिवारी, बीजापुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नेलनसार से गंगालुर तक 52.4 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। इस सड़क के निर्माण के लिए सुरेश चंद्राकर की कंपनी को ठेका मिला था, जिसकी शुरुआत में लागत 54 करोड़ रुपए तय की गई थी। हालांकि, यह लागत बाद में बढ़ते-बढ़ते 144 करोड़ तक पहुँच गई। यही नहीं, निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं, और इसमें पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं। इस सड़क के निर्माण कार्य में जवानों की शहादत और पर्यावरणीय नुकसान के मामलों ने भी इस मामले को और जटिल बना दिया है।
बीजापुर: नेलनसार-गंगालुर सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार
बीजापुर में नेलनसार-गंगालुर सड़क निर्माण का मामला तब सुर्खियों में आया जब पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद इस सड़क के निर्माण कार्य को लेकर सवाल उठने शुरू हुए। पत्रकार की हत्या के बाद यह आरोप लगा कि पत्रकार ने सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश की थी, और उसकी आवाज को दबाने के लिए हत्या कर दी गई। इस सड़क का निर्माण नक्सल प्रभावित इलाके में हो रहा था, और इसके निर्माण में सुरक्षा बलों के जवानों ने लगातार अपने प्राणों की आहुति दी। लेकिन निर्माण के बाद जब सड़क की गुणवत्ता की जांच की गई तो पता चला कि अधिकारियों और ठेकेदार ने ठगी की है और घटिया निर्माण किया गया है।
स्वस्थ रहें, फिट रहें! जानिए, उम्र के हिसाब से लड़कों का सही वजन कितना होना चाहिए?
बीजापुर: कागजों पर सब कुछ सही, लेकिन जमीन पर घटिया निर्माण
निर्माण के दौरान एक और बड़ी समस्या यह सामने आई कि पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी और ठेकेदार ने निर्माण के मानकों की पूरी तरह से अनदेखी की। सड़क के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता बेहद घटिया थी, और अधिकारी मौके पर जाकर जांच नहीं करते थे। इस कारण सड़क का निर्माण बेहद खतरनाक तरीके से हुआ। नक्सलियों से सुरक्षा की दृष्टि से जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाई, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदार ने बिना किसी जिम्मेदारी के घटिया निर्माण किया।
बीजापुर में ठेकेदार और अधिकारियों ने कैसे किया देश की कीमत पर खेल?
सड़क निर्माण के लिए दी गई राशि में भी भारी घोटाले की आशंका है। शुरुआत में सड़क का निर्माण 54 करोड़ रुपए की लागत से होना था, लेकिन बाद में इसे रिनोवेशन के नाम पर बढ़ा कर 144 करोड़ तक पहुंचा दिया गया। सड़क निर्माण के इस काम को 16 भागों में बांटा गया था, जिसमें से सुरेश चंद्राकर की कंपनी को 32 किलोमीटर सड़क बनाने का जिम्मा मिला था। हालात ये थे कि ठेकेदार ने महज 4 किलोमीटर का घटिया निर्माण किया और 90 फीसदी राशि निकाल ली। यह घोटाला तभी संभव हो सका जब पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और अधिकारी खुद भ्रष्टाचार में डूबे हुए थे।
वन विभाग और पर्यावरण को हुए नुकसान की कहानी
सड़क के निर्माण के लिए ठेकेदार ने 1000 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई की। इसके अलावा, मुरुम डालने के लिए वन विभाग की भूमि को बिना किसी अनुमति के खोदा गया, जिससे पर्यावरणीय क्षति हुई। इन सभी कृत्यों के लिए वन विभाग की अनुमति भी नहीं ली गई थी, जो कि एक गंभीर कानूनी उल्लंघन है।
धमाके की आवाज से कांप उठा छत्तीसगढ़ का ये गांव, जानिए स्कूल में क्या हुआ?
जवानों की शहादत, ठेकेदार का मुनाफा: 20 जवानों की शहादत और घटिया पुल-पुलियों का निर्माण
नेलनसार-गंगालुर सड़क के निर्माण के दौरान सुरक्षा बलों के 5 कैंप बनाए गए थे और इन कैंपों के लिए लगातार जवानों को रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) की ड्यूटी दी जाती थी। इस सड़क के निर्माण में 20 जवान शहीद हुए, लेकिन ठेकेदार ने देश के इन शहीदों की शहादत के मुकाबले पैसे को अधिक महत्व दिया। इसके अलावा, सड़क पर बनाए गए पुल और पुलियों की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। कई पुलों के साइड एबॉटमेंट टूट गए हैं और कुछ स्थानों पर रॉड भी कमजोर हैं, जिससे भ्रष्टाचार की कहानी और साफ हो जाती है।
जांच समिति का गठन और रिपोर्ट की प्रतीक्षा
सड़क निर्माण के मामले की जांच के लिए दिसंबर में एक जांच समिति का गठन किया गया था। इस समिति में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अलावा अन्य विशेषज्ञ भी शामिल हैं। जांच अधिकारियों ने 7, 8 और 9 जनवरी को इस सड़क का निरीक्षण किया और इस दौरान कई खामियां पाई गईं। अब रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसकी प्रतीक्षा की जा रही है। चीफ इंजीनियर रावटे ने कहा कि जांच रिपोर्ट दो दिनों में उन्हें मिल जाएगी, जिसके बाद मामले पर और कार्रवाई की जा सकेगी।
बीजापुर में घटिया सड़क निर्माण की यह पूरी कहानी भ्रष्टाचार, लापरवाही और शहादत की है। सड़क निर्माण के नाम पर भारी मात्रा में घोटाले किए गए हैं, और इसमें ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता साफ दिख रही है। अब यह देखना होगा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है और इस प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।
बलौदाबाजार चुनाव 2025: इस बार कौन होगा भाजपा और कांग्रेस पार्टी का चेहरा?
नगरीय प्रशासन में बदलाव: 47 नगर पालिकाओं में SDM होंगे प्रशासक
ट्रस्ट की भूमि के अवैध हस्तांतरण के आरोप, जानें पूरा मामला
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े- Join Now
भारत की सबसे बड़ी फिल्में: कैसे तोड़े रिकॉर्ड? 2024 की टॉप 5 फिल्मों पर एक नजर!
आप किस जेनरेशन का हिस्सा हैं? जानिए हर पीढ़ी की विशेषताएँ और योगदान
New Year साथ लाया नया युग, आज से पैदा हुए बच्चे होंगे ‘Generation Beta’ जानिए इसके अनोखे पहलू
New Year 2025: शराब पीने वालों के लिए खुशखबरी: ‘हवालात नहीं’, होटल छोड़ेंगे पुलिस वाले!
Baloda Bazar में रातों-रात अवैध पेड़ कटाई: प्रशासनिक लापरवाही या मिलीभगत?
धमाके की आवाज से कांप उठा छत्तीसगढ़ का ये गांव, जानिए स्कूल में क्या हुआ?
स्वस्थ रहें, फिट रहें! जानिए, उम्र के हिसाब से लड़कों का सही वजन कितना होना चाहिए?
पीएम आवास योजना: वास्तविक लाभ मिलना मुश्किल, अतिक्रमण से जूझता बलौदा बाजार
पटवारियों का बहिष्कार: भूमि रिकॉर्ड से लेकर संपत्ति पंजीकरण तक कामकाज ठप
CG JOB: कृषि सह परियोजना विभाग में लेखापाल सह डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर भर्ती, जानें आवेदन प्रक्रिया
हाईकोर्ट का निर्णय: बलात्कार पीड़िता को गर्भपात की मंजूरी, जानिए..
BJP का जबरदस्त विरोध प्रदर्शन, ईश्वर साहू के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बवाल
बलौदाबाजार: तुरतुरिया मे शव मिलने से मंचा हड़कंप, हत्या या आत्महत्या? पुलिस जांच में जुटी
छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल: एसपी और 18 बटालियन अफसरों का ट्रांसफर, देखें पूरी लिस्ट
क्या भारत तैयार है वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए? जानें इस विचार की पूरी कहानी