Mukesh Chandrakar की हत्या: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। हत्या का कारण सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार और ठेकेदार की संलिप्तता हो सकता है। मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। जानें पूरी घटना और राजनीति के नए मोड़ के बारे में।
रायपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) की हत्या का मामला चर्चा में है। पुलिस ने हत्या के सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इन आरोपियों के नाम उजागर नहीं किए हैं। इस मामले में अब राजनीति भी उभर कर सामने आई है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यसभा सदस्य अरुण साव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
Mukesh Chandrakar की हत्या: लापता पत्रकार का शव ठेकेदार के परिसर में सेप्टिक टैंक से बरामद, ‘बस्तर जंक्शन’ के लिए जाने जाते थे
स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी से लापता हो गए थे। उनके लापता होने के बाद से पुलिस ने उनकी तलाश तेज़ कर दी थी। पुलिस ने चंद्राकर के मोबाइल की लोकेशन ट्रैक की और एक टीम गठित कर उसकी तलाश की। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि चंद्राकर का शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक में पड़ा है। पुलिस ने जेसीबी से खुदाई कर शव बरामद किया और उसकी शिनाख्त मुकेश चंद्राकर के रूप में की।
मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) का ‘बस्तर जंक्शन’ नामक यूट्यूब चैनल था, जिसके लगभग डेढ़ लाख से अधिक सब्सक्राइबर थे। वह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ नक्सली घटनाओं और प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर भी रिपोर्टिंग करते थे। बीजापुर के तकलगुड़ा में अप्रैल 2021 में हुए नक्सली हमले में माओवादियों द्वारा पकड़े गए कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास को मुकेश चंद्राकर ने ही छुड़वाया था, जो उनकी बहादुरी का उदाहरण था।
पत्रकारों का आक्रोश और प्रदर्शन
मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) की हत्या के बाद बीजापुर में पत्रकारों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 36 पर स्थित अस्पताल चौक पर सांकेतिक रूप से सड़क जाम किया। उनका मुख्य मांग था कि बीजापुर और बस्तर संभाग में ठेकेदारों की संपत्तियों को कुर्क किया जाए और हत्या में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदर्शनकारियों ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और हत्या में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ मौत की सजा की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने बीजापुर पुलिस अधीक्षक के खिलाफ निलंबन या स्थानांतरण की भी मांग की।
पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे रविवार से अनिश्चितकालीन सड़क जाम करेंगे।
सीएम का आश्वासन और राजनीति
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मामले में गहरी चिंता व्यक्त की है और हत्या के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने पत्रकारों को विश्वास दिलाया कि दोषियों को सजा दिलवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। साथ ही, रायपुर प्रेस क्लब के सदस्य भी इस घटना के खिलाफ एकजुट हुए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित करने की भी अपील की।
भूपेश बघेल का अरुण साव पर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस हत्या मामले में राजनीति भी शुरू कर दी है। बघेल ने ट्विटर पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अरुण साव पर आरोप लगाए। बघेल ने कहा कि मुकेश चंद्राकर ने पीडब्ल्यूडी विभाग में एक बड़े सड़क घोटाले का खुलासा किया था, और इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। बघेल ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और आरोपियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की अपील की है।
https://x.com/bhupeshbaghel/status/1875436504543326669?t=GeDwIJAWSQ546nUhL7BG2g&s=19
पुलिस के हिरासत में 3 आरोपी
पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि इस हत्या के पीछे भ्रष्टाचार का कोई बड़ा हाथ तो नहीं है। हालांकि, हत्या के कारण को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इसे सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में भी जुटी है।
पुलिस को यह आशंका है कि मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) की हत्या का कारण उस रिपोर्ट से जुड़ा हो सकता है, जिसमें उन्होंने बीजापुर में सड़क निर्माण कार्यों में अनियमितताओं का खुलासा किया था। पुलिस का कहना है कि सड़क निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार और ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की कथित संलिप्तता इस हत्या के प्रमुख कारण हो सकते हैं। इस रिपोर्ट को लेकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर और ठेकेदार के बीच विवाद बढ़ सकता था। हालांकि, पुलिस ने इस संबंध में ठेकेदार का नाम लिया है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar) की हत्या ने बीजापुर जिले में एक नया राजनीतिक और सामाजिक विवाद खड़ा कर दिया है। पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन, विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप, और सरकार द्वारा किए गए आश्वासन के बावजूद इस मामले में अभी भी कई सवाल अनसुलझे हैं। इस हत्या का मुख्य कारण क्या है—क्या यह भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का मामला है, या कुछ और? यह देखना बाकी है कि पुलिस जांच में क्या नए तथ्य सामने आते हैं और क्या न्याय मिलता है।
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