पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: प्रदेशभर में आक्रोश, ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की महंगी शादी और लाइफस्टाइल में ऐश्वर्य

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: प्रदेशभर में आक्रोश, ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की महंगी शादी और लाइफस्टाइल में ऐश्वर्य (Chhattisgarh Talk)
पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: प्रदेशभर में आक्रोश, ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की महंगी शादी और लाइफस्टाइल में ऐश्वर्य (Chhattisgarh Talk)

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। 1 जनवरी से लापता मुकेश का शव 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्महाउस स्थित सेप्टिक टैंक में मिला। इस वारदात ने त्वरित ध्यान आकर्षित किया और पुलिस ने हत्या के मामले में सुरेश चंद्राकर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सुरेश के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, जिनमें पत्रकार मुकेश के साथ हुए एक खतरनाक षड्यंत्र और हत्या के पीछे की वजह शामिल है।

ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की महंगी शादी और लाइफस्टाइल में ऐश्वर्य

सुरेश चंद्राकर नक्सल प्रभावित बीजापुर और बस्तर इलाके के सबसे प्रमुख ठेकेदारों में से एक है। वह न केवल अपने निर्माण कार्यों के लिए बल्कि अपनी ऐश्वर्यपूर्ण जीवनशैली के लिए भी जाना जाता है। दिसंबर 2021 में सुरेश ने अपनी पत्नी रेणुका से भव्य शादी की थी, जिसमें करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस शादी को खास बनाने के लिए सुरेश ने एक हेलीकॉप्टर भी बुक किया था, ताकि उनकी दुल्हन की विदाई को एक अविस्मरणीय पल बनाया जा सके। इस शादी का आयोजन इतना भव्य था कि इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हुई थी।

सुरेश की लग्जरी लाइफस्टाइल और शानदार शादी की जानकारी ने उसे एक समृद्ध ठेकेदार के रूप में स्थापित किया था, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई में एक और पक्ष छिपा था, जो अब सामने आ रहा है।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: भ्रष्टाचार का खुलासा और उसके बाद की घटनाएँ

पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने हाल ही में सुरेश चंद्राकर के सड़क निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। मुकेश ने उन परियोजनाओं पर रिपोर्टिंग की थी, जिसमें गुणवत्ता में कमी और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप थे। यह रिपोर्टिंग सुरेश के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आई, क्योंकि इससे उसके खिलाफ जांच शुरू हो सकती थी। मुकेश की इस रिपोर्टिंग से सुरेश और उसके सहयोगियों ने गहरी नाराजगी जताई थी।

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बताया जा रहा है कि यह हत्या उसी रिपोर्टिंग का बदला लेने के लिए की गई थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि मुकेश के शव पर गंभीर चोटों के निशान थे, जिससे यह साफ हो गया कि यह एक सुनियोजित और क्रूर हत्या थी।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: प्रदेशभर में आक्रोश

मुकेश की हत्या के बाद प्रदेशभर के पत्रकारों में गहरी नाराजगी और आक्रोश फैल गया है। रायपुर, बस्तर और अन्य प्रमुख शहरों में पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकारों ने न केवल मुकेश की हत्या की निंदा की, बल्कि इस घटना को पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा के खिलाफ एक बड़ा हमला भी माना। पत्रकारों का कहना है कि अगर पत्रकारों को इस तरह की हिंसा का सामना करना पड़ेगा तो प्रदेश में स्वतंत्र पत्रकारिता कैसे चल सकती है?

छत्तीसगढ़ टॉक के संपादक चंद्रकांत वर्मा ने कहा, “हमारे भाई मुकेश चंद्राकर ने जिस बहादुरी से भ्रष्टाचार का खुलासा किया, वह न केवल उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि मीडिया समाज में अहम भूमिका निभाता है। ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के खिलाफ उठाए गए सवाल अब प्रशासन और सरकार के लिए परीक्षा का समय हैं। हमें इस मामले में न्याय की उम्मीद है और हम पूरे प्रदेश के पत्रकारों के साथ खड़े हैं।”

पत्रकारों ने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की और राज्य सरकार से अपील की कि वह इस मामले में त्वरित कार्रवाई करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में किसी भी पत्रकार को इस तरह की धमकियों और हिंसा का सामना न करना पड़े।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी और मामले की जांच

घटना के बाद पुलिस ने सुरेश चंद्राकर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुरेश चंद्राकर ने मुकेश को अपने फार्महाउस बुलाया और फिर उसके साथ मारपीट की। हत्या के बाद मुकेश के शव को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।

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हालांकि, कई सवाल अब भी अनसुलझे हैं। क्या यह हत्या केवल व्यक्तिगत रंजिश का परिणाम थी, या फिर इसमें एक बड़े भ्रष्टाचार के कनेक्शन का भी पर्दाफाश हो सकता है? क्या सुरेश चंद्राकर के खिलाफ और भी ऐसे मामले सामने आ सकते हैं जिनमें सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप हो?

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: राज्य सरकार और पुलिस पर दबाव

बीजापुर में हुई इस भयानक हत्या ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती उत्पन्न कर दी है। पत्रकारों के विरोध प्रदर्शन और मीडिया में उभरते सवालों ने प्रदेश की पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। क्या पुलिस सही तरीके से इस मामले की जांच कर रही है? क्या सरकार पत्रकारों के लिए सुरक्षा की गारंटी दे सकती है? इन सवालों का जवाब अब समय ही देगा।

प्रदेशभर में पत्रकारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अब एक बड़ा आंदोलन शुरू होने की संभावना है, क्योंकि इस घटना ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता को सीधे चुनौती दी है।

छत्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम के संपादक ने कहा…

“पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए एक काला अध्याय है। यह घटना पत्रकारिता की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकती है। जब पत्रकारों को उनके पेशेवर काम के कारण हिंसा का शिकार होना पड़े, तो यह लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है।”

संपादक ने यह भी कहा, पत्रकारिता बचाओ…लोकतंत्र बचाओ “इस हत्याकांड ने हमें एकजुट होने का संदेश दिया है। हम पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और खतरों को रोकने के लिए कदम उठाने का समय आ गया है। हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि पत्रकारिता स्वतंत्र और सुरक्षित रहे।”

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