Dongargarh News/नेमिष अग्रवाल: दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार (17 फरवरी) देर रात 2:35 बजे अपना शरीर त्याग दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में आचार्य पद का त्याग करने के साथ 3 दिन का उपवास और मौन धारण कर लिया था।
उनके शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ में बड़ी संख्या में पहुंचे। पूजन के बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया। वहीं मध्यप्रदेश में सरकार के सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। इसके अलावा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
PM नरेन्द्र मोदी ने आचार्य विद्यासागर को नमन किया, श्रद्धांजलि दी। कहा- मैं शोक में हूं, मेरे लिए ये व्यक्तिगत क्षति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव के दौरान 5 नवंबर को डोंगरगढ़ भी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आचार्य विद्यासागर जी महाराज से चंद्रगिरी पर्वत में मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने उनसे आशीर्वाद लिया और चर्चा की थी।
माता-पिता ने भी ली दिक्षा
आचार्य विद्यासागर महराज की माता नाम श्रीमति और पिता का नाम मल्लपा था। उनके माता-पिता ने भी उनसे ही दिक्षा लेकर समाधि प्राप्त की थी। पूरे बुंदेलखंड में आचार्य विद्यासागर महराज छोटे बाबा के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि उन्होंने मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित कुंडलपुर में बड़े बाबा आदिनाथ भगवान की मूर्ति को मंदिर में रखवाया था और कुंडलपुर में अक्षरधआम की तर्ज पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था।
कर्नाटक में हुआ था जन्म
आचार्य विद्यासागर महराज का जन्म कर्नाटक के बेलगांव के सदलगा गांव में 1946 में शरद पूर्णिमा के दिन 10 अक्तूबर को हुआ था। आचार्य विद्यासागर महराज के तीन भाई और दो बहन स्वर्णा और सुवर्णा ने भी उनसे ही ब्रह्मचर्य लिया था। आचार्य विद्यासागर महराज अब तक 500 से ज्यादा दिक्षा दे चुके हैं। हाल ही में 11 फरवरी को आचार्य विद्यासागर महराज को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में उन्हें ब्रह्मांड के देवता के रूप में सम्मानित किया गया।
गुरुवर्य श्री जी का निकाला गया डोला
छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में जैन मुनि आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि ली। गुरुवर्य श्री जी का डोला चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ में दोपहर 1 बजे निकाला गया। चन्द्रगिरि तीर्थ पर ही पंचतत्व में विलीन किया जाएगा।
आधे दिन का राजकीय शोक घोषित
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागर महा मुनिराज जी के ब्रम्हलीन होने पर उन्हें नमन किया है। राज्य शासन की ओर से वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध दिगंबर जैन मुनि संत परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज जी के सम्मान में आज छत्तीसगढ़ में आधे दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा इसके साथ ही राजकीय समारोह और कार्यक्रम आयोजित नहीं होगी।
भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पीएम मोदी हुए भावुक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी समाधि पर भावुक हुए। उन्होंने कहा कि वह पिछले साल के अंत में डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकते हैं। उस समय उन्होंने महाराज जी के साथ समय बिताया था। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पीएम मोदी ने कहा, ‘नड्डा जी के माध्यम से मैं आप सबका अभिनंदन करता हूं। आज मैं समस्त देशवासियों की तरफ से संत शिरोमणि आचार्य श्री पूज्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धा और आदरपूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि देता हूं। उनकी समाधि लेने की सूचना मिलने के बाद उनके अनुयायी शोक में हैं। हम सभी शोक में हैं।
विद्यासागर महाराज का ब्रह्मलीन होना समाज के लिए अपूरणीय क्षति: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैन पंथ के आध्यात्मिक गुरु आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर अपनी शोक संवेदना प्रकट की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ”जैन पंथ के पूज्य संत, आध्यात्मिक गुरु, आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत एवं संपूर्ण समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। कोटि-कोटि नमन।