नियमों का विसर्जनः बलौदाबाजार में ही नहीं बने कुंड, नदी-तालाबों में बहाई जा रही मूर्ति, कलेक्टर का आदेश बलौदाबाजार शहर में ही पालन नहीं?

नियमों का विसर्जनः बलौदाबाजार में ही नहीं बने कुंड, नदी-तालाबों में बहाई जा रही मूर्ति, कलेक्टर का आदेश बलौदाबाजार शहर में ही पालन नहीं?
नियमों का विसर्जनः बलौदाबाजार में ही नहीं बने कुंड, नदी-तालाबों में बहाई जा रही मूर्ति, कलेक्टर का आदेश बलौदाबाजार शहर में ही पालन नहीं?

नियमों का विसर्जनः बलौदाबाजार में ही नहीं बने कुंड, नदी-तालाबों में बहाई जा रही मूर्ति, कलेक्टर का आदेश बलौदाबाजार शहर में ही पालन नहीं?

बलौदा बाजार कलेक्टर के आदेश का पालन उन्ही के जिले में तो दूर यदि उनके ही शहर में नहीं हो रहा है तो यह बेहद विचारणीय तथा चिंताजनक स्थिति है। कुछ यहि हाल बलौदा बाजार में सोमवार से हो रहे गणपति विसर्जन का है। रविवार को कलेक्टर दीपक सोनी ने अपने कैंप कार्यालय से विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ली गयी बैठक में एनजीटी के निर्देशों को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए थे जिसके तहत नदी, तालाब में अस्थाई कुंड बनाकर मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश सीएमओ सीईओ को दिए गए थे साथ ही गणेश समितियों से विसर्जन यात्रा में डीजे धूमाल की जगह पारंपरिक बैंड का उपयोग करने कहा गया था। इस दौरान एसडीएम के अतिरिक्त सभी जनपद सीईओ, सीएमओ सहित अन्य अधिकारी गण जुड़े रहे बावजूद इसके जिला मुख्यालय बलौदा बाजार में किसी प्रकार का अस्थायी कुंड अब तक नजर नहीं आ रहा है।

बलौदाबाजार में अब तक विसर्जन की जगह ही तय नहीं, नदी-तालाबो में बप्पा का विसर्जन

बुधवार 18 तारीख से पितृ पक्ष प्रारंभ हो रहा है जिसके चलते सोमवार सायं से ही गणपति विसर्जन प्रारंभ हो गया है। बहुतेरे लोगों ने अपने अपने घरों में विराजे गणपति का सोमवार सायं नगर के पिपरहा तालाब, रामसागर तालाब तथा खोरसी नाला में जाकर विधिवत पूजन कर विसर्जन किया। बलौदा बाजार में नगर पालिका द्वारा अब तक किसी प्रकार का अस्थायी विसर्जन कुंड नहीं बनाया गया है तथा केवल रायपुर रोड पर खोरसी नाला में विसर्जन हेतु प्रकाश की व्यवस्था की गयी है। बलौदा बाजार का हाल देखकर जिले के बाकि ईलाकों में कलेक्टर के आदेश का पालन किस प्रकार किया जा रहा है स्वयं स्पष्ट होता है।

नियम कहता है? विसर्जन अस्थाई कुंडों में किया जाए

गौरतलब है की गणेशोत्सव एवं आगामी दुर्गोत्सव पर मूर्ति विसर्जन केवल अस्थाई कुंड में करना होगा। जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए मूर्ति विसर्जन के सम्बन्ध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गाईड लाईन जारी की गई है और इसका कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं। जारी गाईड लाईन के अनुसार नदी या तालाब में विसर्जन के लिए अस्थाई कुंड बनाकर मूर्ति विसर्जन किया जाए। पूजा सामग्री जैसे फल, फूल, वस्त्र, कागज एवं प्लास्टिक की बनी सजावटी सामान मूर्ति से अलग कर उसका उचित अपवहन किया जाना है। वेस्ट मटेरियल को एकत्रित कर पुर्नउपयोग किया जाना है। वेस्ट मटेरियल को जलाना प्रतिबंधित है। विसर्जन स्थल पर पर्याप्त घेराबंदी व सुरक्षा की व्यवस्था हो। मूर्तियां केवल प्राकृतिक, जैव अपघटनीय, इको फ्रेंडली, कच्चे सामग्री से बनाई जाए।

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डीजेवाले बोले- अब सरकारी कार्यक्रमों में नहीं बजेगा सिस्टम

त्यरेहारी सीजन में चार पैसा कमाने के दिनों में ही डीजे पर बैन लगा दिया। अब तो हम सरकारी कार्यक्रमों में भी साउंड सिस्टम नहीं लगाएंगे। ये कहना है कि बलौदाबाजार के डीजे संचालको का। जिला साऊंड एंड टेंट कल्याण एसोसिएशन के आह्वान पर अब जिलेभर के डीजे संचालक विरोध पर उतर आए हैं। संचालकों का कहना है कि हजारों-लाखों रुपए से उन्होंने सामान खरीदा है। इसी से उनका परिवार चलता है। प्रशासन ने अचानक वाहन में डीजे रखकर बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया है इससे उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इसे लेकर सोमवार को नगर में डीके कॉलेज के पीछे खेल मैदान में जिलेभर के डीजे संचालकों की बैठक भी हुई। सभी ने एकमत होकर कलेक्टर-एसपी से मिलने और उन्हें अपने फैसले पर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया। एसपी कार्यालय में लिखित आवेदन दे दिया गया है। मंगलवार को कलेक्टर से मिलेंगे।

पर्यावरण के मामले में लापरवाही नहीं, बोर्ड के निर्देशों का सख्ती से करना होगा पालन

आगामी गणेशोत्सव एवं दुर्गोत्सव पर मूर्ति विसर्जन केवल अस्थाई कुंड में करना होगा। जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने के लिए मूर्ति विसर्जन के सम्बन्ध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गाइड लाइन जारी की गई है और इसका कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं। जारी गाईड लाइन के अनुसार नदी या तालाब में विसर्जन के लिए अस्थाई कुंड बनाकर मूर्ति विसर्जन किया जाए। पूजा सामग्री जैसे फल फूल, वस्त्र, कागज एवं प्लास्टिक की बनी सजावटी सामान मूर्ति से अलग कर उसका उचित अपवहन किया जाना है। वेस्ट मटेरियल को एकत्रित कर पुनः उपयोग किया जाना है।

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