क्या अपने ऐसा दृश्य देखा? सहपाठी को देखकर कोई ठहाके मारा तो कोई भाऊक होकर गले मिलते दिखे

अमलीपदर हाई स्कूल स्थापना के स्वर्ण जयंती में पहुंचे सैकड़ों पूर्व छात्र, सहपाठी को देखकर कोई ठहाके मारा तो कोई भाऊक होकर गले मिलते दिखे
अमलीपदर हाई स्कूल स्थापना के स्वर्ण जयंती में पहुंचे सैकड़ों पूर्व छात्र, सहपाठी को देखकर कोई ठहाके मारा तो कोई भाऊक होकर गले मिलते दिखे

अमलीपदर हाई स्कूल स्थापना के स्वर्ण जयंती में आयोजित सम्मेलन पहुंचे सैकड़ों पूर्व छात्र

अमलीपदर/Gariyaband News: अमलीपदर हाई स्कूल के स्वर्ण जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व छात्र गोवर्धन मांझी ने कहा अमलीपदर स्कूल स्थापना के लिए संघर्ष का स्वर्णिम इतिहास है, शायद यही वजह है कि जिले भर में विभिन्न इकाइयों का नेतृत्व कर रहे ज्यादातर लोग इसी स्कूल के छात्र रहे हैं।कड़े संघर्ष के बाद 1971 में स्थापित हुए अमलीपदर हाई स्कूल में स्वर्ण जयंती मनाया गया,इस अवसर पर विगत 50 सालो में पढ़े सभी छात्रों को आमंत्रित किया गया। क्षेत्र में पहली बार हो रहे इस अदभुत आयोजन में शामिल होने 800 से भी ज्यादा पूर्व छात्र शामिल होने पहुंचे।जिसमे राजनीति, प्रशासनिक सेवा, व्यापार,कारोबार, समाजिक संगठनों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि हासिल कर चुके कई दिग्गजों ने भी इस अवसर को गवाने नहीं दिया।सोमवार को अमलीपदर हाई स्कूल मैदान में सम्मेलन की शुरुवात निर्धारित समय सुबह 10 बजे से हुई।

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सम्मेलन में 1971 में पढ़े सबसे पहले बेच के छात्र-छात्राओं से लेकर सभी बेच के लोग शामिल हुए। जैसे जैसे शामिल होने पहुंचते गए सभा स्थल का नजारा खुशनुमा होते गया। कई वर्षो से बिछड़ चुके बेच मेंट एक दूसरे को देखकर खुशी का इजहार करते दिखे तो कई ऐसे थे जो भाउक होकर अपने आंखों के आंसू नहीं रोक सके। ग्रुप में बैठकर स्कूल में बिताए बाते भी करते नजर आए। सम्मेलन में आयोजन कर्ताओं ने बैच वार सभी छात्रों को सम्मानित किया।सम्मेलन में पूर्व छात्राओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

अमलीपदर स्कूल ने छात्रों को बनाया नेतृत्ववान

70 की दशक की पूर्व छात्रा उषा किरण व पुष्पा ने युगल गीत प्रस्तुत कर अनुभव साझा करने की सुरुवात किया, 1974 बेच में विज्ञान संकाय के पहले बेच के छात्र रहे पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी ने मंच से अपना अनुभव साझा किया,उन्होंने कहा की जिले के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में अमलीपदर स्कूल ऐसा है,जिसने सर्वाधिक नेतृत्ववान छात्र दिए।सरकारी, गैर सरकारी, सामाजिक, राजनीतिक संगठन में नेतृत्व कर रहे दर्जनों नाम मांझी ने गिनाया।

उन्होंने कहा की जिस विद्यालय की नींव नेतृत्वकर्ता पूर्वजों ने संघर्ष कर रखी, जिसकी जमीन से लेकर भवन तक बनाने की पूंजी समाज में प्रतिनिधित्व कर रहे महान दानियो ने रखी, जिस स्कूल के लिए संघर्ष का स्वर्णिम इतिहास हो,उस स्कूलों से पढ़ कर निकले छात्र का नेतृत्ववान होना स्वाभाविक है।

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सम्मेलन को राज्य प्रसाशनिक सेवा के अधिकारी रहे कांतिलाल पाथर, रिटायर्ड खनिज अधिकारी मुनेंद्र जोशी, देवनारायण त्रिपाठी, बोधन नायक, प्यारे लाल दूबे, रोशन अवस्थी तुलसी ताम्रकार ने भी खट्टी मीठी यादों के साथ अनुभव को साझा कर अमलीपदर स्कूल को अदभुत बताया।

पूर्व छात्रों ने इस महान आयोजन के लिए पूर्व छात्र वरुण चक्रधारी,देवशरण साहू व सभी आयोजको का आभार जताया।कार्यक्रम में प्रेम राव वाघे, संपत जैन, विनोद पांडेय, पवन जैन, मिथलेश अवस्थी, हितेंद्र मिश्रा, त्रिलोकी तिवारी, समेत बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए।

यह पूरी खबर हमारे Chhattisgarh Talk News के गरियाबंद संवाददाता लतीफ मोहम्मद ने कवरेज कर लिखी हैं।