छत्तीसगढ़ प्रदेश के बलौदाबाजार जिले में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से शासकीय नौकरी करने वाले के खिलाफ कार्यवाही की मांग, आखिर कैसे मिली शासकीय नौकरी?? पढ़िए इस रिपोर्ट में……
Government Job with fake handicapped certificate in Baloda Bazar Chhattisgarh: छ्त्तीसगढ़ प्रदेश में अनोखा खेल खेला जा रहा हैं, पिछले दिनों हमने छ्त्तीसगढ़ टॉक डॉट कॉम मे शिक्षा विभाग की खबर का उजागर किया था और अब बलौदा बाजार जिले में बीते कई वर्षों से फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे दो दर्जन से अधिक लोगों द्वारा शासकीय नौकरी किए जाने की शिकायत हो चुकी है बावजूद इसके जिला प्रशासन ने आज तक कभी भी इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया है जिसकी वजह से एक ओर जहां पात्र दिव्यांगजनों को शासन की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है वहीं फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले लोगों का बाकायदा एक रैकेट जिले में संचालित है जिसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही किया जाना बेहद आवश्यक है। सोमवार को छत्तीसगढ़ दिव्यांग शासकीय अधिकारी कर्मचारी संघ जिला बलौदा बाजार भाटापारा द्वारा कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर पूर्व में की गयी शिकायत पर अब तक कार्यवाही ना किए जाने पर स्मरण कराया तथा शासकीय प्राथमिक शाला सेमराडीह में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले सहायक शिक्षक ऋषिकपूर महिलांग के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की गयी।
Government Job with fake handicapped certificate: कलेक्टर को दिए लिखित आवेदन में संघ के अध्यक्ष अनूपदास मानिकपुरी, उपाध्यक्ष गणेश राम वर्मा, सचिव नीलमणी वर्मा, कोषाध्यक्ष गंगा प्रसाद मिरी, जयप्रकाश बंजारे, गोपाल वर्मा आदि ने बताया कि 7 सितंबर 2012 को जनपद पंचायत छुरिया से जारी विज्ञापन में ऋषि कपूर महिलांग की नियुक्ति कला विषय पर अनुसूचित जाति नि:शक्त जन (दृष्टिबाधित) श्रेणी में शासकीय प्राथमिक शाला नवागांव विकासखण्ड छुरिया में हुई थी जिसकी नियुक्ति 12 अप्रैल 2012 है।
दिव्यांगता 40 प्रतिशत होना अनिवार्य
चयन प्रक्रिया के समय विभाग द्वारा शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया उसके अवलोकन से ज्ञात होता है कि इनके एक आंख की दृष्टि क्षमता 6-6 यानि सामान्य तथा दूसरी आंख की क्षमता कोई प्रकाश बोध नहीं है जिस पर दिव्यांगता का प्रतिशत केवल 30 प्रतिशत ही आता है। सरकारी विभागों में शासकीय सेवक की नियुक्ति हेतु दिव्यांगता 40 प्रतिशत होना अनिवार्य है। शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र अभ्यर्थी की वर्तमान स्थिति का पता लगाने हेतु मांगा जाता है। शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र के अनुसार ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक के पद हेतु पूरी तरह से अपात्र है फिर भी इसका चयन किया गया है जो कि तथ्यों को छिपाकर तथा सांठगांठ करके किया जाना प्रतीत हो रहा है लिहाजा ऋषि कपूर महिलांग शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र की जांच कराई जानी आवश्यक है। -Government Job with fake handicapped certificate
#ChhattisgarhNews ड्रायविंग लायसेंस है परंतु नौकरी कर रहे हैं आंख से दिव्यांग वाली!
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— Chhattisgarh Talk (@ChhatisgarhTalk) May 20, 2024
ऐसा दिव्यांग जिसके पास ड्रायविंग लायसेंस है?
आवेदकों ने ऋषि कपूर महिलांग के नाम से आरटीओ द्वारा जारी ड्रायविंग लायसेंस की कॉपी भी प्रस्तुत करते हुए बताया कि ऋषि कपूर महिलांग फर्जी दस्तावेजों के सहारे केवल सरकारी नौकरी कर रहा है इसके अलावा ऋषि कपूर महिलांग पूरी तरह से स्वस्थ है। दो पहिया तथा चार पहिया वाहन चलाता है तथा हाल ही में लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव की ड्यूटी भी कर चुका है। आप नीचे उसका ड्राइविंग लाइसेंस देख सकते हैं।???? -Government Job with fake handicapped certificate
पूर्व में भी शिकायत की गयी?
संघ के पदाधिकारियों तथा सदस्यों ने बताया कि छत्तीसगढ़ नि:शक्त जन अधिकार सहयोग समिति के द्वारा पूर्व में भी कलेक्टर के समक्ष शिकायत की जा चुकी है और संभागीय मेडिकल बोर्ड रायपुर से इसकी जांच की मांग की गयी थी जिस पर कलेक्टर कार्यालय द्वारा ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक की मेडिकल बोर्ड रायपुर से जांच कराई गयी है। जांच रिपोर्ट में ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक का दिव्यांगता प्रतिशत महज 30 प्रतिशत ही बताया गया है जिससे स्पष्ट है कि ऋषि कपूर महिलांग सहायक शिक्षक शासकीय सेवा हेतु पूरी तरह से अपात्र है। -Government Job with fake handicapped certificate
स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी पर सांठगांठ के आरोप
आपको बता दे कि शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र के नाम पर स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों पर लगातार सवालिया निशान लग रहे हैं। शिकायत है कि फर्जी शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र के नाम पर नौकरी करने वाले जिले में फल फूल रहे रैकेट में विभाग के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं जिनके द्वारा फर्जी शारीरिक योग्यता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है जिसका उपयोग कर शासकीय विभागों में दिव्यांग श्रेणी में अपात्र लोगों की नौकरी लग जाती है। -Government Job with fake handicapped certificate