Chhattisgarh Talk Special: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर एक दर्दनाक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने पूरे बलौदाबाजार भाटापारा जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रभारी जिले में एक मरीज को डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अपना पैर कटवाना पड़ा। यह घटना बाजपेयी नर्सिंग होम अस्पताल में घटी, जहां इलाज में गंभीर चूक के कारण मरीज की हालत बिगड़ गई और अंततः उसे पैर गंवाना पड़ा।
Chhattisgarh Talk Special: बलौदाबाजार जिले में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित नहीं करती, बल्कि जिले के समग्र स्वास्थ्य तंत्र पर भी सवाल उठाती है। इस मामले को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को गंभीर सुधार की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
जानिए पूरा मामला?
यह घटना 30 मई 2023 को शुरू हुई, जब घनाराम वर्मा नामक व्यक्ति को एक सड़क दुर्घटना में गंभीर चोट आई। हादसे में उनकी बांह और पैर की हड्डी टूट गई। उन्हें पहले दिनेश अस्पताल में भर्ती कराया गया, और फिर 2 जून 2023 को उन्हें बाजपेयी नर्सिंग होम में भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का सुझाव दिया। ऑपरेशन के बाद, मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया, और नियमित ड्रेसिंग और एक्स-रे किए गए।
Chhattisgarh Talk Special: लेकिन मरीज के दर्द में कोई कमी नहीं आई। परिवार ने डॉक्टरों से स्थिति के बारे में पूछा, तो उन्हें बताया गया कि इलाज सही तरीके से चल रहा है। हालांकि, मरीज का दर्द बढ़ता रहा, और 17 अक्टूबर 2023 को रायपुर स्थित एम्स अस्पताल में जांच कराई गई, जहां पाया गया कि मरीज की हड्डी जुड़ी नहीं थी और स्थिति अत्यंत गंभीर थी। इसके बाद मरीज को दो और ऑपरेशनों की जरूरत पड़ी, लेकिन उसके बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
अस्पतालों की लापरवाही
घनाराम वर्मा के परिवार ने ओमकार अस्पताल में इलाज कराया, जहां डॉक्टर ने भी दूसरी सर्जरी की सलाह दी और कहा कि वह इलाज में 4 महीने में सुधार करेंगे। लेकिन इन 4 महीनों के दौरान भी मरीज को दर्द और मवाद की समस्या बनी रही। डॉक्टरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और मरीज को आश्वासन देते रहे कि उनका पैर ठीक हो जाएगा। हालांकि, 10 अगस्त 2024 को वी-वाय अस्पताल में एक नई जांच में पाया गया कि पैर की हड्डी नहीं जुड़ी थी और संक्रमण पूरी तरह से पैर में फैल चुका था। 17 अगस्त को तीसरी बार ऑपरेशन की गई, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।
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Chhattisgarh Talk Special: अंततः, 6 सितंबर 2024 को डॉक्टरों ने मरीज का पैर काटने का निर्णय लिया, क्योंकि संक्रमण और मवाद से स्थिति बेहद बिगड़ चुकी थी। और अब परिवार को भारी आर्थिक और मानसिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनता की असंतुष्टि
बढ़ रही है, और लोगों को अब गुणवत्तापूर्ण इलाज की उम्मीद है। यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति और उसके परिवार की नहीं, बल्कि जिले की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता की कहानी है। यदि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाते, तो आने वाले समय में और भी मरीजों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ सवाल
स्वास्थ्य मंत्री के प्रभारी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही
बलौदाबाजार जिले के प्रभारी मंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के प्रभारी जिले बलौदाबाजार में यह घटना हुई है, जो जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक तरफ राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार का दावा कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ इस प्रकार की घटनाएं प्रशासन की नाकामी को उजागर करती हैं।
स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए
पीड़ित परिवार ने कहा कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को सजा दी जाए, तो अन्य अस्पतालों में लापरवाही पर कड़ा नियंत्रण लगाया जा सकेगा, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
परिवार की ओर से शिकायत और मुआवजे की मांग
मरीज के परिवार ने इस मामले को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी से शिकायत की है और अस्पतालों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उनके परिवार का जीवन बर्बाद हो गया है। परिवार की मांग हैं कि बाजपेयी नर्सिंग होम और ओमकार अस्पताल के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए। परिवार ने अस्पतालों की निंदा करते हुए यह भी कहा कि तीन ऑपरेशनों के बावजूद उनके पिता की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, और उनके साथ मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक अत्याचार हुआ है।
योगेश्वरी वर्मा, मरीज की बेटी, ने कहा कि परिवार अब पूरी तरह से कर्ज में डूब चुका है और उनके पिता के इलाज के खर्चों के कारण घर में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अस्पतालों से कोई मदद नहीं मिली है, और सभी डॉक्टरों ने एक के बाद एक असफल इलाज करके उन्हें निराश किया है।
#बलौदाबाजार जिले के स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर एक दर्दनाक और गंभीर मामला सामने आया है, जिसने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। स्वास्थ्य मंत्री @ShyamBihariBjp के प्रभारी जिले में एक मरीज को डॉक्टरों की गलती से मरीज को कटवाना पड़ा पैर। @narendramodi #ExitPolls pic.twitter.com/hHXdshBVIH
— Chandrakant Verma (Journalist) (@JournlistChandu) November 30, 2024
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस गंभीर मामले को कलेक्टर दीपक सोनी ने गंभीरता से लिया है और घटना की जांच के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि यदि डॉक्टरों की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन कदम उठाएगा, ताकि इस तरह की घटनाओं से भविष्य में बचा जा सके।
स्वास्थ्य सेवाओं पर उठ रहे सवाल?
स्वास्थ्य मंत्री के प्रभारी जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही
यह घटना बलौदाबाजार जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों को उजागर करती है। अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही, इलाज में देरी और मरीजों के साथ सही जानकारी का आदान-प्रदान न करना, जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। यह मामला इस बात का संकेत है कि जिले के स्वास्थ्य तंत्र को सुधारने की सख्त जरूरत है। लोग अब स्वास्थ्य सेवाओं से संतुष्ट नहीं हैं और उन्हें गुणवत्तापूर्ण इलाज की उम्मीद है।
Chhattisgarh Talk Special: यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति और उसके परिवार की नहीं, बल्कि पूरे जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता की कहानी है। यदि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाते, तो आने वाले समय में और भी मरीजों को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
Chhattisgarh Talk Special: बलौदाबाजार में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही से जुड़े इस मामले ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले की जांच करते हुए दोषी अस्पतालों और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, और साथ ही जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से भविष्य में बचा जा सके।