



छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सरकारी नौकरी का झांसा देकर 21 लाख की ठगी करने वाले आरोपी उमाकांत दीवान को गिधौरी पुलिस ने गिरफ्तार किया। जानिए कैसे करता था लोगों को शिकार और पुलिस ने कैसे पकड़ा।
चंदु वर्मा, बलौदाबाजार: चाय की दुकान पर उस दिन भी रोज़ जैसा ही माहौल था। लेकिन चंद्रमा साहू की आंखों में बेचैनी थी। उनकी पत्नी की सरकारी नौकरी लगने की उम्मीद ने पिछले साल घर में एक नया सपना जगा दिया था। घरवाले खुश थे, समाज में इज्जत बढ़ रही थी, और अंदर ही अंदर चंद्रमा साहू ने अपने बच्चों का भविष्य भी उसी सपने के रंग में रंग लिया था।
पर उन्हें क्या पता था कि जिस पर उन्होंने भरोसा किया, वह शख्स केवल एक सपना बेच रहा था — वो भी महज 5 लाख रुपए में।
“नौकरी पक्की है, बस थोड़ा खर्चा लगेगा…” – इसी जुमले के दम पर एक शातिर ठग ने तीन लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुल 21 लाख रुपये ठग लिए। लेकिन आखिरकार गिधौरी पुलिस की सख्त निगरानी और तेज़ कार्रवाई से ठग की कहानी खत्म हो गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अब उससे पूछताछ जारी है।
सरकारी नौकरी में ठगी: सरकारी विभागों में नौकरी का लालच बना फांस का जाल
ग्राम कोटियाडीह निवासी चंद्रमा साहू ने थाना गिधौरी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उमाकांत दीवान, निवासी ग्राम फरहदा, थाना खरोरा, जिला रायपुर ने उनकी पत्नी को महिला बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक के पद पर नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया और इसके एवज में 5 लाख रुपये ले लिए। यही नहीं, उसी आरोपी ने एक अन्य व्यक्ति से भी इसी पद के लिए 5 लाख रुपये लिए।
इससे भी आगे बढ़ते हुए आरोपी ने तीसरे शख्स को श्रम विभाग में ‘श्रम निरीक्षक’ की नौकरी दिलाने का वादा कर उससे 11 लाख रुपये नगद और चेक के माध्यम से वसूल लिए। कुल मिलाकर ठगी की राशि 21 लाख पहुंच गई।
जालसाज की गिरफ्तारी में पुलिस की फुर्ती
प्राथमिक जांच के बाद थाना गिधौरी में अपराध क्रमांक 79/2025, धारा 420 भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद गिधौरी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी उमाकांत दीवान को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया। उसने खुलासा किया कि वह कई लोगों को सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने का लालच देकर अवैध तरीके से रकम वसूलता था।
सरकारी नौकरी में ठगी: ठगी का तरीका: ‘संपर्क है अंदर तक’, दिखावटी भरोसे से खाली जेब
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमाकांत दीवान खुद को सरकारी विभागों से जुड़ा हुआ व्यक्ति बताता था। वह लोगों को यह यकीन दिलाता था कि उसका “ऊपर तक संपर्क” है और वह सीधे नियुक्ति दिला सकता है। इसके लिए वह मोटी रकम की मांग करता था। ग्रामीण इलाकों के भोले-भाले लोग उसकी बातों में आ जाते और अपने जीवन की गाढ़ी कमाई उसके हवाले कर देते।
प्रेस से बात करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की चेतावनी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि आरोपी को 10 अप्रैल 2025 को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की है कि सरकारी नौकरी के नाम पर किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को पैसे न दें। सभी नियुक्तियां केवल सरकारी प्रक्रिया और चयन आयोगों के माध्यम से पारदर्शी रूप से होती हैं।
यह भी जानें – कैसे पहचानें फर्जी नौकरी के झांसे को:
- कोई भी व्यक्ति अगर पैसे लेकर नौकरी दिलाने की बात करे – सतर्क हो जाएं।
- सरकारी नौकरी की सभी सूचनाएं विभागीय वेबसाइट या सरकारी पोर्टल पर ही मिलती हैं।
- कभी भी चेक या कैश ट्रांजेक्शन करने से पहले व्यक्ति की जांच करें।
- पुलिस या प्रशासन को तुरंत सूचित करें।
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