गरियाबंद: शिकारी के पोटाश बम से घायल हाथी की मौत, वन विभाग के प्रयास नाकाम, गरियाबंद में यह चौथी हाथी की मौत

गरियाबंद: शिकारी के पोटाश बम से घायल हाथी की मौत, वन विभाग के प्रयास नाकाम, गरियाबंद में यह चौथी हाथी की मौत
गरियाबंद: शिकारी के पोटाश बम से घायल हाथी की मौत, वन विभाग के प्रयास नाकाम, गरियाबंद में यह चौथी हाथी की मौत

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां शिकारी द्वारा पोटाश बम से घायल हुए हाथी की आज मौत हो गई। वन विभाग की पूरी टीम ने घायल हाथी का इलाज करने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन अंततः हाथी के बच्चे को बचाया नहीं जा सका। यह घटना जिले में हाथियों की मौत की चौथी घटना बन गई है।

लतीफ मोहम्मद/गरियाबंद: गरियाबंद जिले में एक घायल हाथी की मौत हो गई है। यह घटना आज दोपहर 3:35 बजे घटी। वन विभाग की पूरी टीम ने इस हाथी के इलाज के लिए निरंतर प्रयास किए थे, लेकिन अंततः हाथी के बच्चे को बचाया नहीं जा सका। हाथी की मौत के साथ ही यह गरियाबंद जिले में चौथी हाथी की मौत बन गई है।

गरियाबंद: शिकारी के पोटाश बम से घायल हाथी की मौत, वन विभाग के प्रयास नाकाम

घटना का प्रारंभ: यह घटना करीब एक महीने पहले की है, जब एक शिकारी द्वारा पोटाश बम फेंका गया था, जो हाथी के मुंह में फट गया था। इसके परिणामस्वरूप हाथी के बच्चे को गंभीर चोटें आईं। उस वक्त यह घटना उदंती सीता नदी टाइगर प्रोजेक्ट एरिया के पास हुई थी, और वन विभाग की टीम ने तत्परता से घायल हाथी का इलाज शुरू किया। डॉक्टर वर्मा और डॉक्टर मुर्गन की एक विशेषज्ञ टीम को जंगल सफारी से बुलवाया गया था।

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इलाज में मिली सफलता, लेकिन फिर बिगड़ी हालत: कई दिनों तक इलाज चलने के बाद हाथी के बच्चे की स्थिति में सुधार दिखा। वह पहले की तुलना में अधिक सक्रिय हो गया था और कुछ दिन पहले एक बच्ची की जान भी बचाई थी। लेकिन, हाथी के मुंह में मौजूद जख्म ठीक नहीं हो पाए। जख्मों में मवाद बन गया था और संक्रमण फैलने की वजह से उसकी स्थिति फिर से बिगड़ गई।

मौत का कारण और अंतिम समय: दो दिन पहले उसकी तबियत एक बार फिर से बिगड़ गई थी, और शनिवार दोपहर 3:35 बजे वह अपने अंतिम सांसें ले चुका था। वन विभाग अब इसका पोस्टमार्टम करने की योजना बना रहा है और बाद में अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई: वन विभाग ने इस घटना के संदर्भ में कहा कि पोटाश बम जंगल में लगाने वाले शिकारी का पता लगाया जाएगा, और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह बहुत गंभीर अपराध है, जो न केवल वन्य जीवों के लिए खतरे का कारण बनता है, बल्कि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित करता है।

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गरियाबंद में यह चौथी हाथी की मौत: गरियाबंद जिले में यह चौथा हाथी है, जो कुछ ही महीनों में मरा है। इससे पहले उदंती क्षेत्र में एक हाथी की मौत हो चुकी है, जबकि गरियाबंद वन मंडल क्षेत्र में दो हाथी मरे थे। इस मामले ने वन विभाग और स्थानीय अधिकारियों को हाथी और अन्य वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवालों का सामना कराया है।

यह घटना यह दिखाती है कि वन्य जीवों की सुरक्षा में कई चुनौतियां हैं, जिनका सामना विभाग को करना पड़ता है। वन विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उपाय खोजने की बात कही है।

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